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CAG रिपोर्ट के बहाने CM केजरीवाल पर निशानाः LG ने कहा- जिस कंपनी में घाटा लगे उसे बंद करें

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना LG Vinay Kumar Saxena ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को पत्र लिखा है. एलजी ने पत्र में कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार के खातों में पाई गई वित्तीय अनियमितताओं का ध्यान दिलाया है.

LG Vinay Kumar Saxena
LG Vinay Kumar Saxena
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Published : Aug 9, 2022, 10:15 AM IST

Updated : Aug 9, 2022, 10:55 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinay Kumar Saxena) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को पत्र लिखकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (comptroller and Auditor General of India) यानी CAG रिपोर्ट के हवाले से दिल्ली सरकार के खातों में पाई गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की तरफ ध्यान दिलाया है.

उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार दिल्ली सरकार (Delhi Government) की सात पीएसयू कंपनियों में कुल 6,929 करोड़ का निवेश हुआ, लेकिन इन कंपनियों का सामूहिक घाटा 31 हजार 724 करोड़ था. इनमें से 29 हजार 143 करोड़ का घाटा अकेले डीटीसी को हुआ. वहीं दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड का घाटा 12,016 करोड़ था. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि सरकार इन कंपनियों को पुनर्जीवित या बंद करने पर विचार करे.

उपराज्यपाल ने पत्र में जिक्र किया है कि कैग ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) के खातों में कई गंभीर अनियमितताएं पाई हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देने और उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है. ताकि दिल्ली की जनता के पैसे का सदुपयोग हो सके. उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए पत्र में उन्होंने कैग रिपोर्ट (CAG report) का हवाला देकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को बताया है कि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) में वित्तीय सहायता के रूप में मिले पैसों का शहरी विकास विभाग को मंजूरी के बिना ही दूसरे कामों में इस्तेमाल कर लिया है. 1797 अनधिकृत कॉलोनियों में से सिर्फ 353 कॉलोनी में ही दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) पाइपलाइन बिछा पाया. जबकि 567 कॉलोनी में 2018 तक पानी पहुंचा ही नहीं था.

जल बोर्ड (Delhi Water Board) के 657 में से 250 टैंकरों में मॉनिटरिंग का कोई उपकरण ही नहीं लगा था. 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) में से 1573 अनधिकृत कॉलोनियों में मार्च 2018 तक सीवर लाइनें भी नहीं डाली थी. दो जगहों पर सीवर लाइन बिछाने के शिलान्यास कार्यक्रम के विज्ञापन पर 36.35 लाख रुपये खर्च किए गए, जबकि प्रोजेक्ट की कुल लागत महज 2.16 करोड़ थी.

बता दें कि नियमानुसार कैग सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करता है, जो वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद रिपोर्ट को उपराज्यपाल के पास भेजकर इसे विधानसभा में पेश करने की सिफारिश करती है. उपराज्यपाल ने पत्र में कहा कि "मैं एक बार फिर आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (Government of National Capital Territory of Delhi) से संबंधित कैग की रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष समय पर रखी जाए और सार्वजनिक धन की बर्बादी व दुरुपयोग से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाए."

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नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinay Kumar Saxena) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को पत्र लिखकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (comptroller and Auditor General of India) यानी CAG रिपोर्ट के हवाले से दिल्ली सरकार के खातों में पाई गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की तरफ ध्यान दिलाया है.

उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार दिल्ली सरकार (Delhi Government) की सात पीएसयू कंपनियों में कुल 6,929 करोड़ का निवेश हुआ, लेकिन इन कंपनियों का सामूहिक घाटा 31 हजार 724 करोड़ था. इनमें से 29 हजार 143 करोड़ का घाटा अकेले डीटीसी को हुआ. वहीं दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड का घाटा 12,016 करोड़ था. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि सरकार इन कंपनियों को पुनर्जीवित या बंद करने पर विचार करे.

उपराज्यपाल ने पत्र में जिक्र किया है कि कैग ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) के खातों में कई गंभीर अनियमितताएं पाई हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देने और उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है. ताकि दिल्ली की जनता के पैसे का सदुपयोग हो सके. उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए पत्र में उन्होंने कैग रिपोर्ट (CAG report) का हवाला देकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को बताया है कि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) में वित्तीय सहायता के रूप में मिले पैसों का शहरी विकास विभाग को मंजूरी के बिना ही दूसरे कामों में इस्तेमाल कर लिया है. 1797 अनधिकृत कॉलोनियों में से सिर्फ 353 कॉलोनी में ही दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) पाइपलाइन बिछा पाया. जबकि 567 कॉलोनी में 2018 तक पानी पहुंचा ही नहीं था.

जल बोर्ड (Delhi Water Board) के 657 में से 250 टैंकरों में मॉनिटरिंग का कोई उपकरण ही नहीं लगा था. 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) में से 1573 अनधिकृत कॉलोनियों में मार्च 2018 तक सीवर लाइनें भी नहीं डाली थी. दो जगहों पर सीवर लाइन बिछाने के शिलान्यास कार्यक्रम के विज्ञापन पर 36.35 लाख रुपये खर्च किए गए, जबकि प्रोजेक्ट की कुल लागत महज 2.16 करोड़ थी.

बता दें कि नियमानुसार कैग सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करता है, जो वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद रिपोर्ट को उपराज्यपाल के पास भेजकर इसे विधानसभा में पेश करने की सिफारिश करती है. उपराज्यपाल ने पत्र में कहा कि "मैं एक बार फिर आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (Government of National Capital Territory of Delhi) से संबंधित कैग की रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष समय पर रखी जाए और सार्वजनिक धन की बर्बादी व दुरुपयोग से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाए."

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Last Updated : Aug 9, 2022, 10:55 AM IST
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