नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार और मंडलायुक्त अश्विनी के खिलाफ मंत्री आतिशी द्वारा भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट को खारिज कर दिया. यह प्रारंभिक रिपोर्ट गत 14 नवंबर को भेजी गई थी. दिल्ली सरकार की सतर्कता विभाग की मंत्री आतिशी ने दिल्ली के बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की संदिग्ध भूमिका व भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
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उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि मंत्री द्वारा दोबारा सौंपी गई फ़ाइल सिद्धांतों को फिर से गढ़ने के अलावा और कुछ नहीं थी. और उनके अतार्किक तर्कों को पुष्ट करने के लिए कोई नए तथ्य प्रस्तुत नहीं किए गए थे. पिछले नवंबर माह में दिल्ली की विजिलेंस मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू की थी. मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे से जुड़ी एक कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप लगा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण में हेरफेर कर उन्होंने अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया. मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे पर आरोप था कि जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए उन्होंने डीएम को कहा था. पिछले तीन जिला अधिकारियों ने जमीन का मुआवजा बढ़ाने से इनकार कर दिया था.
नरेश कुमार के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन के बाद हेमंत कुमार साउथ वेस्ट जिले के डीएम बने और उन्होंने जमीन की मुआवजा राशि 41.50 करोड़ से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये करने के आदेश दिए. गत नवंबर माह में इसकी शिकायत मिलते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विजिलेंस मंत्री आतिशी को जांच के आदेश दे दिए थे. मुख्य सचिव ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
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