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LG ने दिया आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश, पार्टी ने विज्ञापन मद में किया है खर्च

वर्ष 2016 के एक मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने (LG orders recovery) और उसे सरकारी कोष में जमा करने के आदेश दिए हैं. ये मामला आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की छवि बनाने के लिए सरकार के 97 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च (spent on advertisement) करने का है.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना
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Published : Dec 20, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Dec 21, 2022, 10:24 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह विज्ञापन मद में खर्च किए गए 97.14 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी से ब्याज समेत वसूलें (recovery of Rs 97 crore). आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार की ओर से विज्ञापन मद में सरकारी पैसा खर्च करने की शिकायत वर्ष 2016 में हुई थी, जिसके बाद उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए थे. मामला अदालत में गया लेकिन अदालत ने भी सरकारी पैसे का दुरुपयोग होने की बात कही और आप पार्टी को सरकारी खजाने में उक्त रकम जमा करने का आदेश दिया था.

दिया अदालत के आदेश का हवाला :अदालत के उस आदेश का हवाला देकर उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक महीने में आम आदमी पार्टी से राशि वसूलने का आदेश दिया है. विज्ञापन मद में सरकारी फंड के नाजायज इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन ने सबसे पहले शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को जनता के बीच प्रोजक्ट करने के लिए सरकारी धन को विज्ञापन देने में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया है.

वहीं, ईडी ने दिल्ली आबकारी घोटाले में शहर की एक अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में कहा है कि दक्षिण भारत के कई प्रमुख लोगों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये की घूस दी थी, ताकि उन्हें शराब के कारोबार में अनुचित लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि व्यवसायी समीर महेंद्रू और आप के संचार प्रभारी विजय नायर ने तेलंगाना की विधान परिषद सदस्य के़ कविता, ओंगोल (आंध्र प्रदेश) से सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी (एमएसआर), उनके बेटे राघव मगुनता और सरथ रेड्डी के साथ साजिश रची थी। इन लोगों को दक्षिण का समूह कहा जाता है. आरोपपत्र में कहा गया है कि दक्षिण के इस समूह के साथ मिलकर महेंद्रू और नायर ने साजिश रची तथा रिश्वत वसूलने के लिए बहुत कुशलता से एक समूह बनाया.

ये भी पढ़ें :- दिल्ली में सर्दी व कोहरे ने बढ़ाया प्रदूषण, CAQM की बैठक आज

तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने आदेश पर बनी थी जांच कमेटी : इस शिकायत की जांच के लिए तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग के आदेश पर कमेटी गठित हुई थी. उस कमेटी ने भी इसे सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन बताया था. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार ने सरकारी विज्ञापनों की जांच करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था.

पांच साल से भी अधिक बीत जाने के बाद दिया आदेश :अब पांच साल आठ महीने बाद कोर्ट व कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97.14 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया है. यह राशि दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार विभाग (डीआईपी) को आवंटित बजट से खर्च की गई थी.

ये भी पढ़ें :- जेल में सत्येंद्र जैन को नहीं मिलेगा वीआईपी ट्रीटमेंट, छीनी गईं सारी सुविधाएं

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह विज्ञापन मद में खर्च किए गए 97.14 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी से ब्याज समेत वसूलें (recovery of Rs 97 crore). आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार की ओर से विज्ञापन मद में सरकारी पैसा खर्च करने की शिकायत वर्ष 2016 में हुई थी, जिसके बाद उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए थे. मामला अदालत में गया लेकिन अदालत ने भी सरकारी पैसे का दुरुपयोग होने की बात कही और आप पार्टी को सरकारी खजाने में उक्त रकम जमा करने का आदेश दिया था.

दिया अदालत के आदेश का हवाला :अदालत के उस आदेश का हवाला देकर उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक महीने में आम आदमी पार्टी से राशि वसूलने का आदेश दिया है. विज्ञापन मद में सरकारी फंड के नाजायज इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन ने सबसे पहले शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को जनता के बीच प्रोजक्ट करने के लिए सरकारी धन को विज्ञापन देने में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया है.

वहीं, ईडी ने दिल्ली आबकारी घोटाले में शहर की एक अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में कहा है कि दक्षिण भारत के कई प्रमुख लोगों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये की घूस दी थी, ताकि उन्हें शराब के कारोबार में अनुचित लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि व्यवसायी समीर महेंद्रू और आप के संचार प्रभारी विजय नायर ने तेलंगाना की विधान परिषद सदस्य के़ कविता, ओंगोल (आंध्र प्रदेश) से सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी (एमएसआर), उनके बेटे राघव मगुनता और सरथ रेड्डी के साथ साजिश रची थी। इन लोगों को दक्षिण का समूह कहा जाता है. आरोपपत्र में कहा गया है कि दक्षिण के इस समूह के साथ मिलकर महेंद्रू और नायर ने साजिश रची तथा रिश्वत वसूलने के लिए बहुत कुशलता से एक समूह बनाया.

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तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने आदेश पर बनी थी जांच कमेटी : इस शिकायत की जांच के लिए तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग के आदेश पर कमेटी गठित हुई थी. उस कमेटी ने भी इसे सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन बताया था. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार ने सरकारी विज्ञापनों की जांच करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था.

पांच साल से भी अधिक बीत जाने के बाद दिया आदेश :अब पांच साल आठ महीने बाद कोर्ट व कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97.14 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया है. यह राशि दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार विभाग (डीआईपी) को आवंटित बजट से खर्च की गई थी.

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Last Updated : Dec 21, 2022, 10:24 AM IST
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