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LG ने दिल्ली सरकार के दो अफसरों के खिलाफ CBI जांच की दी मंजूरी, जानें पूरा मामला

Delhi FD scam: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के दो अधिकारियों के खिलाफ 223 करोड़ रुपए के कथित भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है. साथ ही एलजी ने कथित रिश्वत मामले में केजरीवाल सरकार द्वारा संचालित अस्पताल की दो वरिष्ठ महिला स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने के लिए एसीबी को मंजूरी दी.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना
उपराज्यपाल वीके सक्सेना
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 3, 2024, 4:59 PM IST

Updated : Jan 4, 2024, 9:25 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में हुए एक और घोटाले की सीबीआई जांच की अनुमति उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी है. दिल्ली सरकार के वन और वन्य जीव विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ 223 करोड़ रुपए के कथित एफडी घोटाला मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. अक्टूबर 2022 में यह मामला संज्ञान में आया था. तब इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी.

सीबीआई ने विभाग द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में सावधि जमा के रूप में 223 करोड़ रुपए के निवेश में कथित जालसाजी और धोखाधड़ी की जांच के लिए मामला दर्ज किया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा के सीनियर ब्रांच मैनेजर एल ए खान समेत वन एवं वन्य जीव विभाग के अज्ञात अफसर और बैंक ऑफ बड़ौदा में अज्ञात अफसर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 आदि धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.

  • Delhi LG VK Saxena grants permission for investigation by CBI in the alleged corruption case of Rs 223 crores in Delhi govt's Department of Forests and Wildlife, against two officials. LG also gives nod to ACB, GNCTD to go ahead with a probe against two senior women health…

    — ANI (@ANI) January 3, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली सरकार के वन और वन्य जीव विभाग की तरफ से बैंक ऑफ़ बड़ौदा की पहाड़गंज ब्रांच को 223 करोड़ रुपए का सरप्लस फंड रिलीज मैनेजमेंट बोर्ड फंड के नाम पर एफडीआई में इन्वेस्ट करने के नाम पर जारी किया. बैंक के सीनियर ब्रांच मैनेजर एल ए खान ने 223 करोड़ रुपए बैंक ऑफ़ बड़ोदा पहाड़गंज की ब्रांच में दिल्ली अर्बन सेंटर इंप्रूवमेंट बोर्ड के नाम पर एकाउंट पर ट्रांसफर किया, जो की एक फर्जी अकाउंट था.

जानकारी को जब वेरीफाई किया गया तो पता चला कि दिल्ली सरकार के वन विभाग ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम जिसे रिज मैनेजमेंट बोर्ड फंड के नाम से 223 करोड़ रुपए का फंड अप्रूव किया. और, एक साल बाद यह अमाउंट बैंक ऑफ़ बड़ोदा पहाड़गंज ब्रांच से एसबीआई आईपी एक्सटेंशन में ट्रांसफर कर दिया गया.

जांच में पता चला कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा के सीनियर बैंक मैनेजर एल ए खान ने वन एवं वन्य जीव विभाग के अज्ञात अफसर के साथ मिलकर गलत तरीके से फर्जी लेटर के सहारे 223 करोड़ रुपए दिल्ली अर्बन सेंटर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अकाउंट में ट्रांसफर किया. बैंक मैनेजर ने रिज मैनेजमेंट बोर्ड के नाम से फर्जी एफडीआई स्कीम के लेटर वन एवं वन्य जीव विभाग को जारी कर दिए. जांच के बाद बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था. अब उपराज्यपाल ने विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति दी है.

ये भी पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर वीवो के 3 अधिकारियों को नोटिस जारी

उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने वन एवं वन्य जीव विभाग के दो पूर्व कर्मचारी सीनियर अकाउंट ऑफिसर पारसनाथ यादव और असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर अलम सिंह रावत के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इन दोनों पर आरोप है कि वन विभाग के फर्जी लेटर के जरिए गैरकानूनी और अनधिकृत तरीके से पहाड़गंज स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में विभाग के अकाउंट से 223 करोड़ रुपए निकाल कर इस ब्रांच में डुसिब के नाम से खोले गए एक दूसरे नकली खाते में ट्रांसफर किए गए थे और इसमें बैंक के तत्कालीन मैनेजर एलए खान और कुछ अन्य लोगों के साथ इस षड्यंत्र में शामिल थे.

ये भी पढ़ें: ED के तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए CM केजरीवाल, कहा- पहले मेरे सवालों का जवाब दें...

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में हुए एक और घोटाले की सीबीआई जांच की अनुमति उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी है. दिल्ली सरकार के वन और वन्य जीव विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ 223 करोड़ रुपए के कथित एफडी घोटाला मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. अक्टूबर 2022 में यह मामला संज्ञान में आया था. तब इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी.

सीबीआई ने विभाग द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में सावधि जमा के रूप में 223 करोड़ रुपए के निवेश में कथित जालसाजी और धोखाधड़ी की जांच के लिए मामला दर्ज किया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा के सीनियर ब्रांच मैनेजर एल ए खान समेत वन एवं वन्य जीव विभाग के अज्ञात अफसर और बैंक ऑफ बड़ौदा में अज्ञात अफसर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 आदि धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.

  • Delhi LG VK Saxena grants permission for investigation by CBI in the alleged corruption case of Rs 223 crores in Delhi govt's Department of Forests and Wildlife, against two officials. LG also gives nod to ACB, GNCTD to go ahead with a probe against two senior women health…

    — ANI (@ANI) January 3, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली सरकार के वन और वन्य जीव विभाग की तरफ से बैंक ऑफ़ बड़ौदा की पहाड़गंज ब्रांच को 223 करोड़ रुपए का सरप्लस फंड रिलीज मैनेजमेंट बोर्ड फंड के नाम पर एफडीआई में इन्वेस्ट करने के नाम पर जारी किया. बैंक के सीनियर ब्रांच मैनेजर एल ए खान ने 223 करोड़ रुपए बैंक ऑफ़ बड़ोदा पहाड़गंज की ब्रांच में दिल्ली अर्बन सेंटर इंप्रूवमेंट बोर्ड के नाम पर एकाउंट पर ट्रांसफर किया, जो की एक फर्जी अकाउंट था.

जानकारी को जब वेरीफाई किया गया तो पता चला कि दिल्ली सरकार के वन विभाग ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम जिसे रिज मैनेजमेंट बोर्ड फंड के नाम से 223 करोड़ रुपए का फंड अप्रूव किया. और, एक साल बाद यह अमाउंट बैंक ऑफ़ बड़ोदा पहाड़गंज ब्रांच से एसबीआई आईपी एक्सटेंशन में ट्रांसफर कर दिया गया.

जांच में पता चला कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा के सीनियर बैंक मैनेजर एल ए खान ने वन एवं वन्य जीव विभाग के अज्ञात अफसर के साथ मिलकर गलत तरीके से फर्जी लेटर के सहारे 223 करोड़ रुपए दिल्ली अर्बन सेंटर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अकाउंट में ट्रांसफर किया. बैंक मैनेजर ने रिज मैनेजमेंट बोर्ड के नाम से फर्जी एफडीआई स्कीम के लेटर वन एवं वन्य जीव विभाग को जारी कर दिए. जांच के बाद बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था. अब उपराज्यपाल ने विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति दी है.

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उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने वन एवं वन्य जीव विभाग के दो पूर्व कर्मचारी सीनियर अकाउंट ऑफिसर पारसनाथ यादव और असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर अलम सिंह रावत के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इन दोनों पर आरोप है कि वन विभाग के फर्जी लेटर के जरिए गैरकानूनी और अनधिकृत तरीके से पहाड़गंज स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में विभाग के अकाउंट से 223 करोड़ रुपए निकाल कर इस ब्रांच में डुसिब के नाम से खोले गए एक दूसरे नकली खाते में ट्रांसफर किए गए थे और इसमें बैंक के तत्कालीन मैनेजर एलए खान और कुछ अन्य लोगों के साथ इस षड्यंत्र में शामिल थे.

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Last Updated : Jan 4, 2024, 9:25 AM IST
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