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7 खून करने वाले शबनम-सलीम के पक्ष में आए एपी सिंह, कहा- माफ हो फांसी की सजा

अमरोहा के बाबनखेड़ी गांव में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत की नींद सुला दिया था. इस जघन्य अपराध को करने वाले शबनम और सलीम की फांसी फिलहाल टल गई है, लेकिन इसी के साथ ही फांसी देने और नहीं देने पर बहस भी छिड़ गई है. ऐसे में निर्भया मामले के दोषियों के वकील एपी सिंह ने देश में फांसी की सजा को खत्म करने की मांग की है.

Lawyer AP Singh demands abolition of death sentence in the country
वकील एपी सिंह
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Published : Mar 1, 2021, 7:40 AM IST

नई दिल्ली: अमरोहा के बावनखेड़ी में अपने ही परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या की दोषी शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी फिलहाल टल गई है. दोषियों को फांसी की सजा देने और नहीं देने के मामले पर देश में फिलहाल बहस छिड़ गई है. निर्भया मामले के दोषियों को अंतिम समय तक फांसी देने से रोकने की कोशिश करने वाले वकील एपी सिंह ने देश में फांसी की सजा को खत्म करने की मांग की है.

वकील एपी सिंह ने फांसी की सजा खत्म करने की मांग की

गरीबों को ही दी जाती है फांसी
एपी सिंह ने कहा है कि देश में फांसी की सजा केवल गरीबों को ही दी जाती है. अमीरों को कभी फांसी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी ये मानती है कि मामले के ट्रायल में गड़बड़ी का खामियाजा आरोपियों को भुगतना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ये घटना 12 साल पहले की है, जिस समय जांच में काफी खामियां होती थीं.

ये भी पढ़ें:-बच्ची का अपहरण और हत्या मामला: पीड़ित परिवार से मिले सांसद गौतम गंभीर

दोषियों को सुधारने का मौका मिले
एपी सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात के उद्बोधन के उस कथन को उद्धृत किया. जिसमें पीएम ने कहा कि वारियर बनिए बैरियर मत बनिए. दोषियों को उनकी गलती का अहसास कराइए और शबनम सलीम और उनके बेटे ताज को अपनाइए. ऐसे लोगों को सुधारा जा सकता है. बता दें कि ये घटना 12 अप्रैल 2008 की है. शबनम और सलीम एक-दूसरे से प्यार करते थे.

ये भी पढ़ें:-महाराष्ट्र : संजय राठौड़ ने दिया इस्तीफा, सीएम बोले दोषियों को मिलेगी सजा

नई दिल्ली: अमरोहा के बावनखेड़ी में अपने ही परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या की दोषी शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी फिलहाल टल गई है. दोषियों को फांसी की सजा देने और नहीं देने के मामले पर देश में फिलहाल बहस छिड़ गई है. निर्भया मामले के दोषियों को अंतिम समय तक फांसी देने से रोकने की कोशिश करने वाले वकील एपी सिंह ने देश में फांसी की सजा को खत्म करने की मांग की है.

वकील एपी सिंह ने फांसी की सजा खत्म करने की मांग की

गरीबों को ही दी जाती है फांसी
एपी सिंह ने कहा है कि देश में फांसी की सजा केवल गरीबों को ही दी जाती है. अमीरों को कभी फांसी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी ये मानती है कि मामले के ट्रायल में गड़बड़ी का खामियाजा आरोपियों को भुगतना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ये घटना 12 साल पहले की है, जिस समय जांच में काफी खामियां होती थीं.

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दोषियों को सुधारने का मौका मिले
एपी सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात के उद्बोधन के उस कथन को उद्धृत किया. जिसमें पीएम ने कहा कि वारियर बनिए बैरियर मत बनिए. दोषियों को उनकी गलती का अहसास कराइए और शबनम सलीम और उनके बेटे ताज को अपनाइए. ऐसे लोगों को सुधारा जा सकता है. बता दें कि ये घटना 12 अप्रैल 2008 की है. शबनम और सलीम एक-दूसरे से प्यार करते थे.

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