नई दिल्ली : दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दिल की सर्जरी का इंतजार कर रहे दिल के मरीज परेशान हैं. अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग (सीटीवीएस) में ऑक्सिजनेटर की कमी हो गई है. ऑक्सिजनेटर की आपूर्ति सही न होने से रूटीन सर्जरी की संख्या घट रही है. इससे लंबे समय से सर्जरी का इंतजार कर रहे दिल के मरीजों (heart patients affected) को और अधिक इंतजार करना पड़ सकता है.
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गंभीर स्थिति वाले मरीजों को प्राथमिकता :ऑक्सीजनेटर की सीमित संख्या को देखते हुए प्रशासन ने गंभीर मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर सर्जरी करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया है. प्रतिदिन शाम को ऑक्सीजनेटरों की उपलब्धता के आधार पर सूची तैयार की जाएगी. दरअसल विभाग के ऑपरेटिंग रूम के लिए ऑक्सीजनेटरो की बेहद कमी है. आगे यह समस्या जारी रहने की आशंका है इसे लेकर विभाग के प्रमुख व प्रोफेसर डॉ शिव कुमार चौधरी ने आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आपूर्ति प्रभावित हो रही है. एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि देश में ज्यादातर ऑक्सीजनेटर रूस और इटली से आते हैं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत में ऑक्सीजनेटरों की उपलब्धता प्रभावित हुई है. आने वाले दिनों में भी इसकी उपलब्धता प्रभावित रह सकती है.
ऑक्सीजनेटर का उपयोग : एम्स के सीटीवीएस विभाग की तरफ से जारी आदेश के तहत विभाग में उपलब्ध इन्हीं ऑक्सीजनेटरों के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत है. ऐसे में इसे लेकर एसओपी तैयार किया गया है. शाम में उपलब्ध ऑक्सिजनेटर की स्थिति स्पष्ट होती है. ऐसे में समय पर जरूरत की जानकारी दी जाएगी. ऑक्सीजनेटर एक चिकित्सा उपकरण है जिसका उपयोग सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान मरीज के खून में ऑक्सीजन और CO2 का आदान-प्रदान करने के लिए होता है.अंगों में खून के प्रवाह को रोकने में इसकी जरूरत होती है. बता दें कि यूक्रेन युद्ध की वजह से आपूर्ति प्रभावित होने से मरीजों की सर्जरी अटकी हुई है. एम्स प्रशासन ने सुविधा को व्यवस्थित करने का भी आदेश दिया है.
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