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उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है. कुलदीप सेंगर पर कोर्ट ने 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(सी) और 6 के तहत दोषी पाया.

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Published : Dec 16, 2019, 4:28 PM IST

Kuldeep Singh Sengar convicted in Unnao rape case
कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को संदेह के लाभ में बरी कर दिया. कोर्ट 19 दिसंबर को सजा की अवधि पर फैसला सुनाएगा.

सजा सुनते ही रो पड़ा आरोपी
सजा सुनाए जाते समय कुलदीप सिंह सेंगर कोर्ट रुम में रो पड़ा. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(सी) और 6 के तहत दोषी पाया.

22 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे
इस मामले में कोर्ट ने 22 गवाहों के बयान दर्ज किए थे. बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किया था. पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. साथ ही ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की मां और चाची का बयान दर्ज किया था.

कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को दिल्ली में रहने का दिया था आदेश
पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को पीड़िता के परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने के इंतजाम का आदेश दिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को संदेह के लाभ में बरी कर दिया. कोर्ट 19 दिसंबर को सजा की अवधि पर फैसला सुनाएगा.

सजा सुनते ही रो पड़ा आरोपी
सजा सुनाए जाते समय कुलदीप सिंह सेंगर कोर्ट रुम में रो पड़ा. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(सी) और 6 के तहत दोषी पाया.

22 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे
इस मामले में कोर्ट ने 22 गवाहों के बयान दर्ज किए थे. बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किया था. पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. साथ ही ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की मां और चाची का बयान दर्ज किया था.

कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को दिल्ली में रहने का दिया था आदेश
पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को पीड़िता के परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने के इंतजाम का आदेश दिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप के मामले में दोषी करार दिया है। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को संदेह के लाभ में बरी कर दिया। कोर्ट 19 दिसंबर को सजा की अवधि पर फैसला सुनाएगा।
 कोर्ट ने पिछले 10 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था।



Body:रो पड़ा सेंगर
सजा सुनाए जाते समय कुलदीप सिंह सेंगर कोर्ट रुम में रो पड़ा। कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(सी) और 6 के तहत दोषी पाया।
22 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे
इस मामले में कोर्ट ने 22 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किया था। पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया।
पीड़िता को दिल्ली में रखने का आदेश दिया था
पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था।



Conclusion:सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था केस
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।
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