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डांस की दुनिया में कमाया ऐसा नाम कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कर चुकी हैं सम्मानित, जानें कौन है अभिनव चौधरी

Specially Abled Dancer Abhinav Chowdhary: समाज में जहां मानसिक रूप से कम विकसित बच्चों को जहां हेय दृष्टि से देखा जाता है, वहीं अभिनव चौधरी डांस के बल पर नाम कमाकर ऐसी मानसिकता को धता बता रहे हैं. उनके डांस की चर्चा केवल उनके शहर ही नहीं, बल्कि विज्ञान भवन तक है. आइए जानते हैं उनकी कहानी.

specially abled dancer abhinav chowdhary
specially abled dancer abhinav chowdhary
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 6, 2023, 2:14 PM IST

डांसर अभिनव चौधरी व उनकी मां से खास बातचीत

नई दिल्ली: यदि कुछ कर गुजरने का जज्बा और अपनों का साथ हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं रह जाती. गाजियाबाद के अभिनव चौधरी भी इसी बात को चरितार्थ करते हुए नजर आते हैं. कहने को तो अभिनव का मानसिक विकास अन्य बच्चों की अपेक्षा कम हुआ, लेकिन आज 23 वर्ष की आयु में वो उन कीर्तिमानों को हासिल कर चुके हैं, जो बहुतों के लिए दुर्लभ है.

कई शोज में कर चुके हैं परफॉर्म: अभिनव की मां नीरजा ने बताया कि वे बचपन से ही गानों को सुन थिरकने लगते थे. यह देख उन्हें डांस सिखाना शुरू किया गया. अपनी कला को उन्होंने वक्त के साथ इतनी अच्छी तरह से निखारा, कि बीते तीन दिसंबर को उन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिव्यांग के रूप में उनके उत्कृष्ठ कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. इतना ही नहीं, वे डांस इंडिया डांस जैसे विभिन्न शोज में भी परफॉर्मेंस दे चुके हैं.

डाउन सिंड्रोम से हैं ग्रसित: उनकी मांं ने आगे बताया कि अभिनव जब छह माह के थे, तब उन्हें पता चला कि अभिनव को डाउन सिंड्रोम है. लेकिन उन्होंने कभी भी अभिनव को किसी से कमतर होने का एहसास नहीं कराया. डांस एकैडमी भेजने के साथ उन्होंने खुद भी अभिनव को डांस सिखाने के लिए जीतोड़ मेहनत की. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और अभिनव ने डांस इंडिया डांस, गूगल के ऐड व रिएलिटी शोज का हिस्सा बनकर अपने माता पिता का नाम ऊंचा किया. अब तक वह ऐसी करीब 250 से अधिक परफॉर्मेंस देने के साथ सौ से अधिक शील्ड व मेडल भी जीत चुके हैं.

अभिनव के मेडल व शील्ड
अभिनव द्वारा प्राप्त किए गए पुरस्कार

मेहनत से मिलती है सफलता: वहीं अभिनव ने बताया कि वे अपनी मां को गुरू मानते हैं और उनके पिता भी उनकी काफी मदद करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को डांस सिखाते हैं और यह उन्हें बहुत अच्छा लगता है. आगे भी वे इसे जारी रखेंगे. अभिनव कहते हैं कि युवाओं को अपना टैलेंट पहचान कर मेहनत करनी चाहिए. सफलता जरूर मिलेगी. आज वे एबीएन डांस एकैडमी नाम से डांस एकैडमी चलाने के साथ डांसर अभिनव चौधरी नामक यूट्यूब चैनल के जरिए अपनी प्रतिभा को देश दे अन्य लोगों तक भी पहुंचाते.

यह भी पढ़ें-दिव्यांग योगेश पंत हैं क्रिकेट के 'जबरा फैन', थर्ड अंपायर से पहले बता देते हैं निर्णय

20 हजार लोगों में से किया गया चयनित: गौरतलब है कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से हर साल दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है. 2023 में इस पुरस्कार के लिए देश भर से करीब 20 हजार दिव्यांगों ने आवेदन किया गया था, जिसमें 30 लोगों को राष्ट्रपति से सम्मानित होने के लिए चयनित किया गया था.

यह भी पढ़ें-9 हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों के जीवन को दी नई उड़ान, जानें कौन हैं डॉ. राकेश जिन्हें CM योगी करेंगे सम्मानित

डांसर अभिनव चौधरी व उनकी मां से खास बातचीत

नई दिल्ली: यदि कुछ कर गुजरने का जज्बा और अपनों का साथ हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं रह जाती. गाजियाबाद के अभिनव चौधरी भी इसी बात को चरितार्थ करते हुए नजर आते हैं. कहने को तो अभिनव का मानसिक विकास अन्य बच्चों की अपेक्षा कम हुआ, लेकिन आज 23 वर्ष की आयु में वो उन कीर्तिमानों को हासिल कर चुके हैं, जो बहुतों के लिए दुर्लभ है.

कई शोज में कर चुके हैं परफॉर्म: अभिनव की मां नीरजा ने बताया कि वे बचपन से ही गानों को सुन थिरकने लगते थे. यह देख उन्हें डांस सिखाना शुरू किया गया. अपनी कला को उन्होंने वक्त के साथ इतनी अच्छी तरह से निखारा, कि बीते तीन दिसंबर को उन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिव्यांग के रूप में उनके उत्कृष्ठ कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. इतना ही नहीं, वे डांस इंडिया डांस जैसे विभिन्न शोज में भी परफॉर्मेंस दे चुके हैं.

डाउन सिंड्रोम से हैं ग्रसित: उनकी मांं ने आगे बताया कि अभिनव जब छह माह के थे, तब उन्हें पता चला कि अभिनव को डाउन सिंड्रोम है. लेकिन उन्होंने कभी भी अभिनव को किसी से कमतर होने का एहसास नहीं कराया. डांस एकैडमी भेजने के साथ उन्होंने खुद भी अभिनव को डांस सिखाने के लिए जीतोड़ मेहनत की. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और अभिनव ने डांस इंडिया डांस, गूगल के ऐड व रिएलिटी शोज का हिस्सा बनकर अपने माता पिता का नाम ऊंचा किया. अब तक वह ऐसी करीब 250 से अधिक परफॉर्मेंस देने के साथ सौ से अधिक शील्ड व मेडल भी जीत चुके हैं.

अभिनव के मेडल व शील्ड
अभिनव द्वारा प्राप्त किए गए पुरस्कार

मेहनत से मिलती है सफलता: वहीं अभिनव ने बताया कि वे अपनी मां को गुरू मानते हैं और उनके पिता भी उनकी काफी मदद करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को डांस सिखाते हैं और यह उन्हें बहुत अच्छा लगता है. आगे भी वे इसे जारी रखेंगे. अभिनव कहते हैं कि युवाओं को अपना टैलेंट पहचान कर मेहनत करनी चाहिए. सफलता जरूर मिलेगी. आज वे एबीएन डांस एकैडमी नाम से डांस एकैडमी चलाने के साथ डांसर अभिनव चौधरी नामक यूट्यूब चैनल के जरिए अपनी प्रतिभा को देश दे अन्य लोगों तक भी पहुंचाते.

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20 हजार लोगों में से किया गया चयनित: गौरतलब है कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से हर साल दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है. 2023 में इस पुरस्कार के लिए देश भर से करीब 20 हजार दिव्यांगों ने आवेदन किया गया था, जिसमें 30 लोगों को राष्ट्रपति से सम्मानित होने के लिए चयनित किया गया था.

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