नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर के पास खोरी गांव में फरीदाबाद ( Faridabad Khori Village) नगर निगम की ओर से अवैध निर्माण को लेकर की जा रही कार्रवाई का हजारों लोगों ने विरोध कर प्रदर्शन किया. मंगलवार को भारतीय परिसंघ के तत्वावधान में पूर्व सांसद सह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. उदित राज (Dr. Udit Raj) के नेतृत्व में खोरी गांव के हजारों लोगों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करने की भी कोशिश की.
बता दें खोरी गांव (Khori Village) में रह रहे करीब 10 हजार मकानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, फरीदाबाद नगर निगम की ओर से 7 जून 2021 को सभी मकान खाली करने का नोटिस दिया गया है. इसके लिए 10,000 मकानों में रह रहे करीब लाखों परिवारों को 6 सप्ताह का वक्त दिया गया है. इसको लेकर लोगों का कहना है कि वह खोरी गांव में पिछले करीब 3 दशक से रह रहे हैं. उन्होंने यहां जमीन खरीदी और अपने खून-पसीने की कमाई जोड़कर अपना घर बनाया, लेकिन अब फरीदाबाद नगर निगम की ओर से उनकी आंखों के सामने उनके आशियाने को ढहाया जा रहा है.
यहां के निवासियों ने प्रधानमंत्री और खट्टर सरकार से लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की मांग की. यहां रह रहे लाखों लोग अपना घर-परिवार छोड़कर कहां जाएंगे. जिंदगी भर की कमाई से बनाया हुआ घर उनकी आंखों के सामने तोड़ा जा रहा है और सरकार इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं कर रही.
लोगों ने बताया कि यदि यह गांव सरकार की जमीन पर बसा हुआ है तो दशकों से सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि खोरी गांव में सदियों से राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गोशाला, कब्रिस्तान एवं संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति समेत 20 मंदिर, 10 मस्जिद, 4 चर्च, 1 गुरुद्वारा स्थापित है. यहां पर यूपी, बिहार, झारखंड,पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु एवं अन्य राज्यों के मजदूर भी गुजर-बसर कर रहे हैं. गरीब मजदूर का बहुत बड़ा जनसंख्या वाला क्षेत्र है, लोग डरे और सहमे हैं. कुछ लोग तो डर के कारण बच्चों के साथ आत्महत्या भी कर चुके हैं और यह सिलसिला जारी है.
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पिछले 15 दिन से बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया गया है. अब तक लगभग एक दर्जन लोग आत्महत्या कर चुके हैं. इतना ही नहीं दौरान लोगों ने अलग-अलग नारेबाजी करते हुए सरकार से मदद की अपील की.
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स्थानीय लोगों ने कहा कि कोरोना काल में हजारों बच्चों को बेघर करना अमानवीय है. प्रदर्शन एवं ज्ञापन के दौरान खोरी गांव के वासियों ने बताया कि यह उनकी जिंदगी और मौत का सवाल है, जोकि सरकार के हाथों में है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त कराने का कष्ट करें. जिससे कोरोना महामारी के समय लाखों लोगों की जिंदगी बच सके.