नई दिल्ली: राजधानी में सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की योगशाला को बंद किए जाने पर कहा कि मैं किसी भी योजना को बंद नहीं (kejriwal says i will not allow closure of yogshala) होने दूंगा. उन्होंने कहा कि राजधानी में लोगों को मुफ्त इलाज और दवाइयों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. लेकिन हम सोचते हैं कि दिल्ली में किसी को इलाज की जरूरत ही न पड़े. इसी को देखते हुए हमने 11 महीने पहले दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम के तहत निःशुल्क योगा क्लासेस शुरुआत की थी लेकिन आज से वह बंद हो गई है. इसे 590 जगहों पर संचालित किया जा रहा था जिससे तकरीबन 17 हजार लोगों को फायदा हो रहा था. उन्होंने कहा कि दिल्ली का बेटा होने के नाते मैं किसी भी योजना को बंद नहीं होने दूंगा.
उन्होंने कहा कि अगर मुझे घर घर जाकर भीख भी मांगनी पड़ी तो मैं वह भी करूंगा. दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम को 17 हजार नहीं, बल्कि और ज्यादा लोगों तक लेकर जाएंगे. मुझे कई लोगों के योगा क्लासेज को बंद न करने के लिए फोन भी आ चुके हैं. लोगों का कहना है कि हम आपके साथ हैं. केजरीवाल ने यह भी कहा कि योगा क्लासेज बंद करने के साथ इन्होंने दिवाली का कार्यक्रम भी नहीं होने दिया और अधिकारियों पर दबाव डालकर काम को रुकवाया गया. इतना ही नहीं, 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान को भी रोका गया जो इतने सालों से चलाया जा रहा था.
यह भी पढ़ें-मोरबी हादसे से ध्यान भटकाने के लिए सुकेश को बनाया मोहरा: केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में मोहल्ला क्लीनिक सहित अन्य योजनाओं को भी रोका जाएगा. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे लोगों की सैलरी को भी रोका जाएगा. लेकिन मैं दिल्ली का बेटा होने के नाते किसी भी योजना को रुकने नही दूंगा. ये लोग षड्यंत्रों के जितने भी तीर चलाएंगे, उन्हें मैं अपने ऊपर झेलूंगा और दिल्ली की जनता को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं होने दूंगा.
उधर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने सीएम केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर उन्हें चुनौती देते हुए कहा है कि आप कह रहे हैं कि फाइल उपराज्यपाल के पास है. अगर ऐसा ही है तो आप उस फाइल की उपराज्यपाल कार्यालय में जाने की रिसीविंग जनता के सामने सार्वजनिक करें. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरे मामले में बड़े स्तर पर फाइनेंशियल इंवॉल्वमेंट है. योगा सिखाने वाले शिक्षकों और कॉन्ट्रैक्टरों को जो पैसा दिया जा रहा है उसके लिए उपराज्यपाल से परमिशन ही नहीं ली गई थी. योगा इंस्ट्रक्टरों को 20 हजार रुपये और कॉन्ट्रैक्टर को डेढ़ लाख रुपए बिना किसी अप्रूवल दिए गए इसलिए फाइल को एलजी साहब की पास नहीं भेजा गया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप