ETV Bharat / state

9 राज्यों में विधायकों के वेतन की स्टडी के बाद अब दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने का दांव

नौ राज्यों के विधायकों के वेतन की स्टडी के बाद अब केजरीवाल सरकार ने विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी है.

increase salary of mlas
विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 2:25 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 2:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर एक बार फिर हलचल शुरू हो गयी है. आज केजरीवाल सरकार ने विधायकों के वेतन बढ़ाने के लिए गठित कमेटी द्वारा देश के 9 राज्यों में जिस तरह विधायकों का वेतन है उसकी स्टडी रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी है.

दरअसल, साल 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई केजरीवाल सरकार ने कार्यभार संभाला था, तभी विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था. जो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित भी हो गया था फिर उसे उपराज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था. उपराज्यपाल ने उसे केंद्र के पास भेज दिया था, लेकिन केंद्र में सीधे वेतन बढ़ाने के बदले दिल्ली सरकार को कुछ सुझाव दिए थे. उसके बाद वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था.

increase salary of mlas
विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी.

ये भी पढ़ें: बढ़ेगा दिल्ली के विधायकों का वेतन, कैबिनेट बैठक में पास हुआ प्रस्ताव

साल 2020 में जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दोबारा सरकार बनी तो सितंबर महीने में विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर हलचल शुरू हो गई थी. विधायकों का वेतन कितना बढ़ाया जाए, कैसे बढ़ाया जाए, इन सब के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा कमेटी बनाई गई. जिसके बाद यह कमेटी वर्तमान हालात और देश के अन्य विधानसभाओं में विधायकों के वेतन आदि को लेकर नए सिरे से प्रस्ताव पर तैयार किया और उसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसमें देश के 9 राज्यों के विधायकों को मिलने वाले वेतन का भी जिक्र किया गया है.

केजरीवाल सरकार के पिछले कार्यकाल (2015-2020) में विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर विधानसभा में लंबे समय तक प्रक्रिया चली थी. कमेटी बनाई गई और उसके बाद विधायकों का वेतन वर्तमान की तुलना में 4 गुना अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव भी विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया था. लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान नहीं की. अब दोबारा सरकार की सहमति से विधायकों का वेतन पुनर्निधारण करने का फैसला लिया गया है.

increase salary of mlas
9 राज्यों के वेतन स्टडी के बाद मंजूरी.

ये भी पढ़ें: वरिष्ठ नागरिकों को डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की मांग पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी

दफ्तर का खर्चा भी नहीं चलने की दलील

दिल्ली के विधायकों का वर्तमान में मूल वेतन महज 12 हज़ार रुपये है. अन्य भत्ते मिलाकर एक विधायक को 50 से 60 हज़ार रुपये प्रतिमाह मिलता है. वहीं मंत्रियों को 80 हज़ार से एक लाख रुपये तक प्रतिमाह वेतन के रूप में मिलता है. आम आदमी पार्टी के विधायक कई बार सवाल उठा चुके हैं कि वेतन बहुत ही कम है, इससे उन्हें अपना दफ्तर चलाने में ही काफी परेशानी होती है तो परिवार कहां से चला पाएंगे.

सितंबर 2020 में वेतन बढ़ाने को लेकर हुई थी चर्चा

विधानसभा सत्र के दौरान भी कई बार यह मुद्दा उठा तो पिछले साल सितंबर में इस मुद्दे पर जब विधानसभा में चर्चा शुरू हुई थी. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस बात पर सहमत हुए कि गृह मंत्रालय में जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे मनवाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के दोनों विधायक गृहमंत्री से मिले और उनसे गुजारिश करेंगे कि विधायकों के वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दें लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

नई दिल्ली: दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर एक बार फिर हलचल शुरू हो गयी है. आज केजरीवाल सरकार ने विधायकों के वेतन बढ़ाने के लिए गठित कमेटी द्वारा देश के 9 राज्यों में जिस तरह विधायकों का वेतन है उसकी स्टडी रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी है.

दरअसल, साल 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई केजरीवाल सरकार ने कार्यभार संभाला था, तभी विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था. जो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित भी हो गया था फिर उसे उपराज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था. उपराज्यपाल ने उसे केंद्र के पास भेज दिया था, लेकिन केंद्र में सीधे वेतन बढ़ाने के बदले दिल्ली सरकार को कुछ सुझाव दिए थे. उसके बाद वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था.

increase salary of mlas
विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले को मंजूरी.

ये भी पढ़ें: बढ़ेगा दिल्ली के विधायकों का वेतन, कैबिनेट बैठक में पास हुआ प्रस्ताव

साल 2020 में जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दोबारा सरकार बनी तो सितंबर महीने में विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर हलचल शुरू हो गई थी. विधायकों का वेतन कितना बढ़ाया जाए, कैसे बढ़ाया जाए, इन सब के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा कमेटी बनाई गई. जिसके बाद यह कमेटी वर्तमान हालात और देश के अन्य विधानसभाओं में विधायकों के वेतन आदि को लेकर नए सिरे से प्रस्ताव पर तैयार किया और उसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसमें देश के 9 राज्यों के विधायकों को मिलने वाले वेतन का भी जिक्र किया गया है.

केजरीवाल सरकार के पिछले कार्यकाल (2015-2020) में विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर विधानसभा में लंबे समय तक प्रक्रिया चली थी. कमेटी बनाई गई और उसके बाद विधायकों का वेतन वर्तमान की तुलना में 4 गुना अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव भी विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया था. लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान नहीं की. अब दोबारा सरकार की सहमति से विधायकों का वेतन पुनर्निधारण करने का फैसला लिया गया है.

increase salary of mlas
9 राज्यों के वेतन स्टडी के बाद मंजूरी.

ये भी पढ़ें: वरिष्ठ नागरिकों को डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की मांग पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी

दफ्तर का खर्चा भी नहीं चलने की दलील

दिल्ली के विधायकों का वर्तमान में मूल वेतन महज 12 हज़ार रुपये है. अन्य भत्ते मिलाकर एक विधायक को 50 से 60 हज़ार रुपये प्रतिमाह मिलता है. वहीं मंत्रियों को 80 हज़ार से एक लाख रुपये तक प्रतिमाह वेतन के रूप में मिलता है. आम आदमी पार्टी के विधायक कई बार सवाल उठा चुके हैं कि वेतन बहुत ही कम है, इससे उन्हें अपना दफ्तर चलाने में ही काफी परेशानी होती है तो परिवार कहां से चला पाएंगे.

सितंबर 2020 में वेतन बढ़ाने को लेकर हुई थी चर्चा

विधानसभा सत्र के दौरान भी कई बार यह मुद्दा उठा तो पिछले साल सितंबर में इस मुद्दे पर जब विधानसभा में चर्चा शुरू हुई थी. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस बात पर सहमत हुए कि गृह मंत्रालय में जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे मनवाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के दोनों विधायक गृहमंत्री से मिले और उनसे गुजारिश करेंगे कि विधायकों के वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दें लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

Last Updated : Aug 3, 2021, 2:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.