नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्याज के दाम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. केजरीवाल सरकार अपनी ओर से लगातार कोशिश कर रही है कि प्याज के बढ़ते दामों को लेकर की लोगों की आंखों में आंसू ना आए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.
'नेफेड नहीं दे पा रहा है अनुरूप प्याज'
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से 400 राशन की दुकानों तथा 70 विधानसभाओं में मोबाइल वैन के जरिए प्याज बेचने का ऐलान किया था. पिछले दिनों कुछ मोबाइल गाड़ियों को सचिवालय से मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया. लेकिन अब न राशन की दुकान और न ही मोबाइल वैन के जरिए लोगों को प्याज मिल रही है.
इस बाबत पूछे जाने पर शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार की संस्था नेफेड से मांग के अनुरूप प्याज नहीं मिल रही.
ईटीवी भारत ने पड़ताल
ईटीवी भारत में जब मुख्यमंत्री के इस बयान की सच्चाई जानने के लिए नेफेड से संपर्क किया तो आला अधिकारी ने दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए मेल को सार्वजनिक कर यह बताया कि प्याज की आपूर्ति में नेफेड की तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं बरती गई.
दिल्ली सरकार की तरफ से 4 अक्टूबर को मेल भेजा गया कि उनके पास प्याज पर्याप्त होने का ज़िक्र करते हुए तीन-चार दिनों तक उन्हें प्याज की आपूर्ति नहीं चाहिए, ऐसा निवेदन किया.
दिल्ली सरकार की तरफ से भेजे गए इस मेल के बाद नेफेड की तरफ से जवाब दिया गया कि अचानक मांग के अनुसार नेफेड तुरंत प्याज की आपूर्ति नहीं कर सकता है. क्योंकि जरूरत के मुताबिक ही नेफेड नासिक से प्याज मंगवा कर राज्य सरकारों को भेजती है.
इसीलिए दिल्ली सरकार को जब प्याज चाहिए तो कम से कम 3 से 4 दिन पहले उन्हें मांग बतानी होगी. तभी प्याज की मांग अनुरूप आपूर्ति हो सकेगी.
नेफेड ने प्याज की सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार की दलील को खारिज कर दिया है.