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केंद्र भाजपा नेताओं को बोर्ड में कर सकती है शामिल तो दिल्ली सरकार क्यों नहीं- कैलाश गहलोत - Metro Free Ride

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को जवाब देते हुए दिल्ली सरकार के फैसले को सही बताया है.

केंद्र और केजरीवाल सरकार में तकरार बढ़ी
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Published : Jul 19, 2019, 2:04 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 3:03 PM IST

नई दिल्ली: मेट्रो बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति के मामले में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद कम होने की जगह बढ़ गया है. बोर्ड में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत किए गए सदस्यों के नाम पर केंद्र ने एतराज जताते हुए नाम वापस लेने के लिए पत्र भेजा है.

केंद्र और केजरीवाल सरकार में तकरार बढ़ी

पत्र पर कड़ा एतराज जताया
केंद्र सरकार के भेजे गए पत्र पर दिल्ली सरकार ने कड़ा एतराज जताया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने खुद पार्टी नेताओं को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया है. ऐसे में दिल्ली सरकार का फैसला गलत कैसे हो सकता है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को जवाब देते हुए दिल्ली सरकार के फैसले को सही बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि मेट्रो में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की 50-50 फीसद हिस्सेदारी है. किसी को भी एक दूसरे को निर्देश देने का अधिकार नहीं है कि मेट्रो बोर्ड में किसे नामित करें और किसे नहीं?

Kejriwal and modi gov dispute increased over metro board matter
दिल्ली सचिवालय

'योग्यता का रखा गया ध्यान'
दिल्ली सरकार ने कहा कि योग्यता का ध्यान में रखकर निदेशक पद पर 4 गैर सरकारी सदस्यों को नामित करने के लिए नाम भेजा गया है. 25 जनवरी 2000 को सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने सभी सरकारी महकमों को निर्देश दिया था कि विभिन्न बोर्ड में सरकारी निवेशकों की संख्या कम करके लाया जाए. 17 सदस्य मेट्रो बोर्ड में मौजूदा समय में छह मनोनीत निदेशक सरकारी अधिकारी हैं. जिनमें से पांच अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा पांच अधिकारी दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत हैं. मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्य हैं.

मेट्रो बोर्ड में किया फेरबदल
इस तरह मेट्रो बोर्ड के निदेशक मंडल में मनोनीत अधिकारियों की संख्या केंद्र के दिशा निर्देश से बहुत ज्यादा है. इसलिए दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार है. केंद्र सरकार ने भाजपा नेता संबित पात्रा और शाजिया इल्मी को इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी के निदेशक मंडल में शामिल किया है. जबकि दोनों भाजपा के नेता हैं. बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सवारी कराने की योजना साकार हो सके इसलिए केजरीवाल सरकार ने मेट्रो बोर्ड में फेरबदल करते हुए अपने नए सदस्यों को मनोनीत किया है.

नई दिल्ली: मेट्रो बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति के मामले में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद कम होने की जगह बढ़ गया है. बोर्ड में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत किए गए सदस्यों के नाम पर केंद्र ने एतराज जताते हुए नाम वापस लेने के लिए पत्र भेजा है.

केंद्र और केजरीवाल सरकार में तकरार बढ़ी

पत्र पर कड़ा एतराज जताया
केंद्र सरकार के भेजे गए पत्र पर दिल्ली सरकार ने कड़ा एतराज जताया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने खुद पार्टी नेताओं को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया है. ऐसे में दिल्ली सरकार का फैसला गलत कैसे हो सकता है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को जवाब देते हुए दिल्ली सरकार के फैसले को सही बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि मेट्रो में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की 50-50 फीसद हिस्सेदारी है. किसी को भी एक दूसरे को निर्देश देने का अधिकार नहीं है कि मेट्रो बोर्ड में किसे नामित करें और किसे नहीं?

Kejriwal and modi gov dispute increased over metro board matter
दिल्ली सचिवालय

'योग्यता का रखा गया ध्यान'
दिल्ली सरकार ने कहा कि योग्यता का ध्यान में रखकर निदेशक पद पर 4 गैर सरकारी सदस्यों को नामित करने के लिए नाम भेजा गया है. 25 जनवरी 2000 को सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने सभी सरकारी महकमों को निर्देश दिया था कि विभिन्न बोर्ड में सरकारी निवेशकों की संख्या कम करके लाया जाए. 17 सदस्य मेट्रो बोर्ड में मौजूदा समय में छह मनोनीत निदेशक सरकारी अधिकारी हैं. जिनमें से पांच अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा पांच अधिकारी दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत हैं. मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्य हैं.

मेट्रो बोर्ड में किया फेरबदल
इस तरह मेट्रो बोर्ड के निदेशक मंडल में मनोनीत अधिकारियों की संख्या केंद्र के दिशा निर्देश से बहुत ज्यादा है. इसलिए दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार है. केंद्र सरकार ने भाजपा नेता संबित पात्रा और शाजिया इल्मी को इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी के निदेशक मंडल में शामिल किया है. जबकि दोनों भाजपा के नेता हैं. बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सवारी कराने की योजना साकार हो सके इसलिए केजरीवाल सरकार ने मेट्रो बोर्ड में फेरबदल करते हुए अपने नए सदस्यों को मनोनीत किया है.

Intro:नई दिल्ली. मेट्रो बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति के मामले में💐 दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के बीच विवाद कम होने की जगह बढ़ गया है. बोर्ड में दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत किए गए सदस्यों के नाम पर केंद्र ने एतराज जताया और नाम वापस लेने के लिए पत्र भेजा. तो इस पर दिल्ली सरकार ने कड़ा एतराज जताया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने खुद पार्टी नेताओं को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया है. ऐसे में दिल्ली सरकार का फैसला गलत कैसे हो सकता है.


Body:केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आपत्ति उठाए जाने के मामले में दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को जवाब देते हुए दिल्ली सरकार के फैसले को सही बताया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि मेट्रो में दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार की 50-50 फीसद हिस्सेदारी है. किसी को भी एक दूसरे को निर्देश देने का अधिकार नहीं है कि मेट्रो बोर्ड में किसे नामित करें और किसे नहीं? दिल्ली सरकार ने योग्यता का ध्यान में रखकर निदेशक पद पर 4 गैर सरकारी सदस्यों को नामित करने के लिए नाम भेजा गया है.

25 जनवरी 2000 को सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने सभी सरकारी महकमों को निर्देश दिया था कि विभिन्न बोर्ड में सरकारी निवेशकों की संख्या कम करके लाया जाए. 17 सदस्य मेट्रो बोर्ड में मौजूदा समय में छह मनोनीत निदेशक सरकारी अधिकारी हैं. जिनमें से पांच अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा पांच अधिकारी दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत हैं. मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्य हैं.

इस तरह मेट्रो बोर्ड के निदेशक मंडल में मनोनीत अधिकारियों की संख्या केंद्र के दिशा निर्देश से बहुत ज्यादा है. इसलिए दिल्ली सरकार का फैसला केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार है. केंद्र सरकार ने भाजपा नेता संबित पात्रा और शाजिया इल्मी को इंजिनियर्स इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी के निदेशक मंडल में शामिल किया है. जबकि दोनों भाजपा के नेता हैं.


Conclusion:बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सवारी कराने की योजना साकार हो सके इसलिए केजरीवाल सरकार ने मेट्रो बोर्ड के फेरबदल करते हुए अपने नए सदस्यों को मनोनीत किया है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Jul 19, 2019, 3:03 PM IST
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