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Jyeshta Month Vrat Festivals 2023: ज्येष्ठ महीने के त्योहारों को लेकर है कन्फ्यूजन ? तो यहां देखें पूरी लिस्ट

6 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है जो 4 जून तक रहेगा. ज्येष्ठ का महीना शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. आइए जानते हैं, इस महीने पड़नेवाले व्रत और त्योहार के बारे में...

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Published : May 6, 2023, 2:08 PM IST

नई दिल्लीः हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ कहलाता है. 6 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है. ज्येष्ठ का महीना 4 जून तक रहेगा. ज्येष्ठ का महीना शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. ज्येष्ठ महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. आइए बताते हैं कि ज्येष्ठ मास में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार.

ज्येष्ठ माह के सभी व्रत और त्योहार

  1. 6 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ
  2. 9 मई, 2023 (मंगलवार): अंगारकी चतुर्थी
  3. 12 मई, 2023 (शुक्रवार): शीतलाष्टमी
  4. 15 मई, 2023 (सोमवार): अपरा एकादशी
  5. 17 मई, 2023 (बुधवार): प्रदोष व्रत
  6. 19 मई, 2023 (शुक्रवार): वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
  7. 20 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
  8. 22 मई, 2023 (सोमवार): पार्वती पूजा
  9. 23 मई, 2023 (मंगलवार): वैनायकी गणेश चतुर्थी
  10. 24 मई, 2023 (बुधवार): श्रुति पंचमी
  11. 30 मई, 2023 (मंगलवार): गंगा दशहरा
  12. 31 मई, 2023 (बुधवार): निर्जला एकादशी
  13. 1 जून, 2023 (गुरुवार): चंपक द्वादशी
  14. 4 जून, 2023 (रविवार): ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीर जयंती

प्रमुख त्योहारों के बारे में विस्तार से जानिए

० 12 मई, 2023 (शुक्रवार): शीतलाष्टमी

शीतला अष्टमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. शीतला अष्टमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता का व्रत रख पूजा की जाती है. इस दिन सुबह उठकर शीतला माता के मंत्र का जाप करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

० 15 मई, 2023 (सोमवार): अपरा एकादशी

ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. अपरा एकादशी का व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में धन और वैभव की प्राप्ति होती है.

० 17 मई, 2023 (बुधवार): प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का काफी महत्व है. बुध प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. भगवान शिव को आशुतोष कहा गया है. आशुतोष का मतलब होता है कि जल्दी प्रसन्न होने वाले. बुध प्रदोष का व्रत करने से धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में तेज प्राप्त होता है.

० 19 मई, 2023 (शुक्रवार): वट सावित्री व्रत
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है. सुहागिन महिलाओं द्वारा वट सावित्री व्रत रखा जाता है. पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाता है.

० 20 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
करवीर व्रत के दिन सूर्यदेव की पूजा अर्चना की जाती है. करवीर व्रत करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है साथ ही यह व्रत तत्काल फल देने वाला व्रत भी कहलाता है.

ये भी पढ़ेंः जेपी नड्डा के बयान पर अरविंद केजरीवाल बोले- ये बेहद घटिया और हर भारतीय को अपमानित करने वाला

० 31 मई, 2023 (बुधवार): निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखता है. उसे साल की सभी एकादशी के व्रत जितने पुण्य फल की प्राप्ति होती है. सभी व्रतों में निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना गया है.

ये भी पढ़ेंः Security in Tihar: टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के सैर करने पर लगी रोक

नई दिल्लीः हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ कहलाता है. 6 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है. ज्येष्ठ का महीना 4 जून तक रहेगा. ज्येष्ठ का महीना शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. ज्येष्ठ महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. आइए बताते हैं कि ज्येष्ठ मास में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार.

ज्येष्ठ माह के सभी व्रत और त्योहार

  1. 6 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ
  2. 9 मई, 2023 (मंगलवार): अंगारकी चतुर्थी
  3. 12 मई, 2023 (शुक्रवार): शीतलाष्टमी
  4. 15 मई, 2023 (सोमवार): अपरा एकादशी
  5. 17 मई, 2023 (बुधवार): प्रदोष व्रत
  6. 19 मई, 2023 (शुक्रवार): वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
  7. 20 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
  8. 22 मई, 2023 (सोमवार): पार्वती पूजा
  9. 23 मई, 2023 (मंगलवार): वैनायकी गणेश चतुर्थी
  10. 24 मई, 2023 (बुधवार): श्रुति पंचमी
  11. 30 मई, 2023 (मंगलवार): गंगा दशहरा
  12. 31 मई, 2023 (बुधवार): निर्जला एकादशी
  13. 1 जून, 2023 (गुरुवार): चंपक द्वादशी
  14. 4 जून, 2023 (रविवार): ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीर जयंती

प्रमुख त्योहारों के बारे में विस्तार से जानिए

० 12 मई, 2023 (शुक्रवार): शीतलाष्टमी

शीतला अष्टमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. शीतला अष्टमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता का व्रत रख पूजा की जाती है. इस दिन सुबह उठकर शीतला माता के मंत्र का जाप करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

० 15 मई, 2023 (सोमवार): अपरा एकादशी

ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. अपरा एकादशी का व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में धन और वैभव की प्राप्ति होती है.

० 17 मई, 2023 (बुधवार): प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का काफी महत्व है. बुध प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. भगवान शिव को आशुतोष कहा गया है. आशुतोष का मतलब होता है कि जल्दी प्रसन्न होने वाले. बुध प्रदोष का व्रत करने से धन-धान्य, संपन्नता और वाणी में तेज प्राप्त होता है.

० 19 मई, 2023 (शुक्रवार): वट सावित्री व्रत
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है. सुहागिन महिलाओं द्वारा वट सावित्री व्रत रखा जाता है. पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाता है.

० 20 मई, 2023 (शनिवार): ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
करवीर व्रत के दिन सूर्यदेव की पूजा अर्चना की जाती है. करवीर व्रत करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है साथ ही यह व्रत तत्काल फल देने वाला व्रत भी कहलाता है.

ये भी पढ़ेंः जेपी नड्डा के बयान पर अरविंद केजरीवाल बोले- ये बेहद घटिया और हर भारतीय को अपमानित करने वाला

० 31 मई, 2023 (बुधवार): निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखता है. उसे साल की सभी एकादशी के व्रत जितने पुण्य फल की प्राप्ति होती है. सभी व्रतों में निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना गया है.

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