नई दिल्ली: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की न्यायिक हिरासत कोर्ट ने 14 दिन और बढ़ा दी है. बुधवार को दोनों आरोपितों की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी न्यायिक हिरासत एक बार फिर बढ़ा दी गई. इससे पहले कोर्ट ने 23 अगस्त को दोनों पति पत्नी की न्यायिक हिरासत छह सितंबर तक बढ़ा दी थी. 23 अगस्त को एक दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद तीस हजारी कोर्ट में एडिशनल सेशन जज ऋचा परिहार के समक्ष दोनों आरोपित पति-पत्नी की पेशी हुई थी.
बंद कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने खाखा और उसकी पत्नी गीता रानी दोनों की रिमांड नहीं मांगी. आरोपियों के वकील यूएस गौतम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत ने खाखा की नसबंदी से संबंधित रिपोर्ट मेडिकल बोर्ड से मांगी है. प्रेमोदय खाखा ने 2005 में नसबंदी करवाई थी. इसलिए वह किसी महिला को गर्भवती नहीं कर सकता. उनके खिलाफ पीड़िता द्वारा प्रेग्नेंसी को लेकर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं.
सारे आरोप झूठे, उसने करा ली है नसबंदीः वकील ने दावा किया कि खाखा के खिलाफ आरोप झूठे हैं. उन्होंने अपनी नसबंदी करवा ली थी और इसके अलावा मर्दानगी समेत अन्य अहम जांच पुलिस ने गिरफ्तार करने के 24 घंटे के अंदर ही करवा ली थी. उल्लेखनीय है कि नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में दिल्ली सरकार के 51 साल के अधिकारी प्रेमोदय खाखा और उनकी 50 साल की पत्नी सीमा रानी को गिरफ्तार किया था.
पीड़िता को धमकाने का भी लगा था आरोपः मामले के खुलासे के वक्त डीसीपी नॉर्थ जिला सागर सिंह कलसी ने कहा था कि खाखा की पत्नी ने पीड़िता को धमकाया था और उसने गर्भपात कराने के लिए कहा था. प्रेमोदय खाखा महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. सरकार ने फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रेप, छेड़छाड़, आपराधिक साजिश, चोट पहुंचाने, बिना इच्छा गर्भपात कराने और पॉक्सो एक्ट समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है.