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जेएनयू के मैनेजमेंट स्कूल में धरने पर बैठे छात्र

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट स्कूल में छात्र पिछले दो दिन से अपने मूल अधिकारों और शोषण के मुद्दों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

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Published : Nov 6, 2022, 9:35 AM IST

Jawaharlal Nehru University
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप (Students of Atal Bihari Vajpayee School of Management and Entrepreneurship) के ​​छात्र पिछले दो दिनों से अपने मूल अधिकारों और शोषण के मुद्दों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि इस स्कूल के पीएच.डी. के छात्रों को जेएनयू के नियमित शोधार्थियों के बराबर माना जाना चाहिए और जेएनयू के अन्य शोधार्थियों के समान शुल्क की राशि का शुल्क लिया जाना चाहिए.

छात्र जेएनयू के छात्रावासों में रहने के अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं. उनसे प्रति माह 20000 रुपये से अधिक का उच्च छात्रावास शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. स्कूल की इमारत में बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं और महिला अनुकूल शौचालय और सुविधाएं, उन्हें विश्वविद्यालय के इंटरनेट एक्सेस और ई-संसाधनों से वंचित कर दिया गया है, जिसे जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाना चाहिए. मोटी फीस देने के बाद भी स्कूल भवन में एमबीए छात्रों के लिए कोई समर्पित कक्षाएं नहीं हैं और पीएचडी स्कॉलर के लिए बैठने के कमरे नहीं हैं.

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पूर्व पीएम के नाम पर रखा था नाम: बताते चलें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 2018 में प्रबंधन अध्ययन के लिए एक स्कूल की स्थापना की, जिसका नाम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया. स्कूल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप (ABVSME) है. आज प्रबंधन विद्यालय की स्थिति वैसी नहीं है जिस विचार के साथ उसका उत्थान हुआ था.

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एबीवीपी ने रखा अपना पक्ष: इस संबंध में एबीवीपी जेएनयू के मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि एबीवीएसएमई के छात्र लंबे समय से स्कूल प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन के संपर्क में हैं, लेकिन स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं मिले हैं. छात्रों के पास अपने करियर को लेकर धरने पर बैठने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि इस संबंध में एबीवीएसएमई के डीन से बार-बार संपर्क किया गया है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है. अब तक एबीवीएसएमई प्रशासन द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों के संबंध में पत्र उच्च अधिकारियों को अग्रेषित भी नहीं किए गए. ये सारे मुद्दे उन प्रमुख मुद्दों में से हैं जिन्हें छात्र अपने विरोध में उठा रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीएसएमई के छात्रों के साथ मजबूती से खड़ी है और मांग करती है कि मुद्दों को तत्काल आधार पर हल किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप (Students of Atal Bihari Vajpayee School of Management and Entrepreneurship) के ​​छात्र पिछले दो दिनों से अपने मूल अधिकारों और शोषण के मुद्दों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि इस स्कूल के पीएच.डी. के छात्रों को जेएनयू के नियमित शोधार्थियों के बराबर माना जाना चाहिए और जेएनयू के अन्य शोधार्थियों के समान शुल्क की राशि का शुल्क लिया जाना चाहिए.

छात्र जेएनयू के छात्रावासों में रहने के अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं. उनसे प्रति माह 20000 रुपये से अधिक का उच्च छात्रावास शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. स्कूल की इमारत में बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं और महिला अनुकूल शौचालय और सुविधाएं, उन्हें विश्वविद्यालय के इंटरनेट एक्सेस और ई-संसाधनों से वंचित कर दिया गया है, जिसे जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाना चाहिए. मोटी फीस देने के बाद भी स्कूल भवन में एमबीए छात्रों के लिए कोई समर्पित कक्षाएं नहीं हैं और पीएचडी स्कॉलर के लिए बैठने के कमरे नहीं हैं.

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