नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद केंद्र सरकार ने उस पर विचार करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता में ट्रिब्युनल का गठन किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले 28 फरवरी को जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था.
जस्टिस मुक्ता गुप्ता स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे हालिया प्रतिबंध पर भी विचार करने के लिए गठित ट्रिब्युनल की अध्यक्षता कर रही हैं. अब इस ट्रिब्युनल इस बात का फैसला करेगा कि केंद्र सरकार का जमात-ए-इस्लामी और सिमी पर प्रतिबंध का फैसला सही है कि नहीं.
केंद्र सरकार ने 28 फरवरी को इस आधार पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर पांच साल के लिए पाबंदी लगायी थी कि उसकी आतंकवादी संगठनों के साथ सांठ-गांठ है.
जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) पर देश में राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों से संबंध का आरोप है. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा बलों ने हुए अलगाववादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी तथा जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) के कई नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया था.