नई दिल्ली/नोएडा: ईरानी युवती की हत्या के मामले में नोएडा के एक अस्पताल में शव रखा हुआ है, जो ईरान में ही दफन किया जाएगा. ऐसे में शव को ले जाने वालों के पास ईरान जाने का वीजा नहीं है, क्योंकि उनका वीजा यहां पर ओवर स्टे हो चुका है. पुलिस के अनुसार, युवती के परिजनों द्वारा ईरानी एंबेसी में नए वीजा के लिए आवेदन किया गया है, जो अगले दो दिनों में बनकर मिलने की उम्मीद है. तब कहीं जाकर युवती का शव ईरान ले जाया जाएगा.
दरअसल, ईरानी युवती हत्या मामले के मुख्य आरोपी सहित अन्य फरार आरोपियों का पासपोर्ट और वीजा न मिलने के कारण पुलिस को लुकआउट नोटिस जारी करने में देरी हो रही है. लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए किसी भी विदेशी व्यक्ति का पासपोर्ट होना पहली प्राथमिकता है. वहीं, दूसरी तरफ परिजनों को जब तक वीजा नहीं मिलेगा, तब तक जीनत का शव यहीं रहेगा. परिजनों द्वारा नए वीजा की अप्लाई किया गया है, जिसमें ले जाने वाले का वीजा बनने के साथ ही मृतका के भी तमाम दस्तावेज एंबेसी द्वारा तैयार किया जाएगा. तब कहीं जाकर जीनत को ईरान में दफनाया जाएगा.
बता दें, नोएडा पुलिस सवा सौ घंटे बाद भी मुख्य आरोपी दाउद सहित चार लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस की तीन टीमें आरोपियों की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश दे रही है. पर अभी पुलिस के हाथ खाली है. आरोपियों की अंतिम लोकेशन महाराजगंज के नौतनवा के पास बताई जा रही है. ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि आरोपी नेपाल के रास्ते ईरान पहुंच गए होंगे. वहीं, मृत युवती का शव सेक्टर-71 स्थित एक निजी अस्पताल के फ्रीजर में बीते कई दिनों से रखा है. दूतावास से स्वीकृत रिपोर्ट मिलने के बाद युवती के शव को ईरान भेज दिया जाएगा. वहीं उसका अंतिम संस्कार होगा.
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पुलिस विभाग का कहना है कि शव को परिजनों के सुपुर्द पोस्टमार्टम के बाद कर दिया गया था, पर शव तभी ईरान जाएगा, जब ले जाने वाले के पास एंबेसी द्वारा दिया गया वीजा होगा. इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो से तीन दिनों का समय और लग सकता है.