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एयरसेल मैक्सिस डील: पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर 5 सितंबर को फैसला - sc order

सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

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Published : Sep 2, 2019, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर 5 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. पहले ये फैसला 3 सितंबर को सुनाया जाना था.

सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी. दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है.

'फर्जी कंपनियों के जरिये अपराध को अंजाम'
चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है. चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया.
पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि 3 सितंबर को हम फैसला सुनाएंगे, आप चाहें तो उससे पहले जिरह कर सकते हैं. कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 3 सितंबर तक बढ़ा दिया था.

दलील का सीबीआई ने किया था विरोध
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.

बढ़ाई थी गिरफ्तारी पर रोक
आपको बता दें कि पिछले 31 जुलाई को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई को अगस्त के आखिर तक स्थगित करने की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि मामले पर सुनवाई नियत समय पर ही होगी.

पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक सोमवार तक के लिए बढ़ाई थी. 30 मई को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सुनवाई तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी.

उन्होंने कहा था कि सिंगापुर से सबूत लाने में समय लगेगा. उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पीचिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 1 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर 5 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. पहले ये फैसला 3 सितंबर को सुनाया जाना था.

सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी. दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है.

'फर्जी कंपनियों के जरिये अपराध को अंजाम'
चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है. चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया.
पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि 3 सितंबर को हम फैसला सुनाएंगे, आप चाहें तो उससे पहले जिरह कर सकते हैं. कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 3 सितंबर तक बढ़ा दिया था.

दलील का सीबीआई ने किया था विरोध
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.

बढ़ाई थी गिरफ्तारी पर रोक
आपको बता दें कि पिछले 31 जुलाई को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई को अगस्त के आखिर तक स्थगित करने की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि मामले पर सुनवाई नियत समय पर ही होगी.

पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक सोमवार तक के लिए बढ़ाई थी. 30 मई को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सुनवाई तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी.

उन्होंने कहा था कि सिंगापुर से सबूत लाने में समय लगेगा. उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पीचिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 1 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर 5 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है। पहले ये फैसला 3 सितंबर को सुनाया जाना था ।



Body:आज सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है। सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी। दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है। चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है। चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया।
पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था। जज ओपी सैनी ने कहा था कि 3 सितंबर को हम फैसला सुनाएंगे, आप चाहें तो उससे पहले जिरह कर सकते हैं। कोर्ट ने पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 3 सितंबर तक बढ़ा दिया था।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है। उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था।
आपको बता दें कि पिछले 31 जुलाई को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई को अगस्त के आखिर तक स्थगित करने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि मामले पर सुनवाई नियत समय पर ही होगी। 
पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज तक तक के लिए बढ़ाई थी। 30 मई को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सुनवाई तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सिंगापुर से साक्ष्य लाने में समय लगेगा। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पीचिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 1 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।
पिछले 8 मई को भी कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी। पिछले 26 अप्रैल को भी ईडी ने सुनवाई चार हफ्ते स्थगित करने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी। ईडी का कहना था कि सिंगापुर से साक्ष्यों को आने में अभी वक्त लगेगा। 
पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ाई थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने कहा था कि उन्हें इस मामले में सिंगापुर से कुछ सूचनाओं का इंतजार है। 8 मार्च को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं थे जिसकी वजह से सुनवाई टालनी पड़ी।
पिछले 18 फरवरी को ईडी ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था और कहा था कि उसे कार्ति चिदंबरम से पूछताछ करनी है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दिया था। 



Conclusion:26 नवंबर 2018 को सीबीआई और ईडी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। 
23 नवंबर 2018 को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। वकील अर्शदीप ने दोनों की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई और ईडी के आरोपों से इनकार किया।
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