ETV Bharat / state

IP University के अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश

आईपी यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों की गलत रिपोर्ट का मामला गर्मा गया है. शिक्षा मंत्री आतिशी ने जॉइंट रजिस्ट्रार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी के समक्ष गलत रिपोर्ट पेश करने का असर कॉलेजों की ग्रेडिंग पर पड़ा है.

गुरुगोबिंद सिंह विश्वविद्यालय की जॉइंट रजिस्ट्रार
गुरुगोबिंद सिंह विश्वविद्यालय की जॉइंट रजिस्ट्रार
author img

By

Published : Mar 17, 2023, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुगोबिंद सिंह विश्वविद्यालय की जॉइंट रजिस्ट्रार द्वारा स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी के समक्ष गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया. आईपी यूनिवर्सिटी की जॉइंट रजिस्ट्रार पर ये आरोप है कि स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी में उपकुलपति के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने कमिटी के समक्ष आईपी यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों की गलत रिपोर्ट पेश की, जिस कारण कॉलेजों की ग्रेडिंग पर असर पड़ा.

उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी ने तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार द्वारा की गई इस लापरवाही के खिलाफ सख्त कारवाई करने का निर्देश दिया. आईपी विश्वविद्यालय की तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार उपकुलपति की प्रतिनिधि के तौर पर इस कमिटी में शामिल थी. उन्होंने कमिटी को तीन संस्थानों की गलत रिपोर्ट सौंपी. इसकी वजह से इन संस्थानों की रेटिंग नीचे हो गई, लिहाजा इसका सीधा प्रभाव इन संस्थानों द्वारा स्टूडेंट्स की फीस पर पड़ा. इस रिपोर्ट से असंतुष्ट होने की स्थिति में संस्थानों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने कमिटी को इन कॉलेजों के पुन:मूल्यांकन करने का निर्देश दिया. इसमें पाया गया कि तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा कमिटी को गलत जानकारी दी गई थी और सही दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे. इसकी वजह से इन कॉलेजों को समस्या का सामना करना पड़ा.

शिक्षा के क्षेत्र में कोताही नहीं बरती जाएगीः शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी का कार्य बेहद जिम्मेदार और संवेदनशील होता है. ऐसे में जॉइंट रजिस्ट्रार जैसे अहम पद पर रहते हुए एवं उपकुलपति के प्रतिनिधि द्वारा लापरवाही करना गैर-जिम्मेदार रवैया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा अरविन्द केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है और ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः Bihar Utsav 2023: INA दिल्ली हाट में शुरू हुआ 15 दिवसीय बिहार उत्सव, जानिए क्या है इस बार खास?

अभिभावक पर फीस का बोझ नहीं पड़ना चाहिएः शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कमिटी की जिम्मेदारी और जबाबदेही है कि वो गंभीरता के साथ संस्थानों के सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए उनकी फीस का निर्धारण करें ताकि छात्रों व उनके अभिभावकों पर गलत फीस का बोझ न पड़े. ऐसे में इस कमिटी में शामिल सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वो संवेदनशीलता के साथ अपना काम करें न कि अपने काम में लापरवाही करें.

बता दें, दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेज एंड इंस्टिट्यूशन एक्ट- 2007 के तहत बनाई गई स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी आईपी विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेजों का जॉइंट असेसमेंट करती है. इस असेसमेंट के आधार पर कमिटी अपनी रिपोर्ट देती है. उस रिपोर्ट के आधार पर संस्थानों की ग्रेडिंग की जाती है और उनके फीस का निर्धारण होता है. सरकार द्वारा यह कमिटी का इसलिए बनाई गई है ताकि कोई भी कॉलेज मनमर्जी तरीके से अपनी फीस न बढ़ा सकें और छात्रों पर अनाप-शनाप फीस का बोझ न डाल सकें.

यह भी पढ़ेंः CUET 2023: कारण बताओ नोटिस जारी कर छात्रों को डराने का प्रयास कर रहा जामिया प्रशासन: अभाविप

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुगोबिंद सिंह विश्वविद्यालय की जॉइंट रजिस्ट्रार द्वारा स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी के समक्ष गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया. आईपी यूनिवर्सिटी की जॉइंट रजिस्ट्रार पर ये आरोप है कि स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी में उपकुलपति के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने कमिटी के समक्ष आईपी यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों की गलत रिपोर्ट पेश की, जिस कारण कॉलेजों की ग्रेडिंग पर असर पड़ा.

उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी ने तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार द्वारा की गई इस लापरवाही के खिलाफ सख्त कारवाई करने का निर्देश दिया. आईपी विश्वविद्यालय की तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार उपकुलपति की प्रतिनिधि के तौर पर इस कमिटी में शामिल थी. उन्होंने कमिटी को तीन संस्थानों की गलत रिपोर्ट सौंपी. इसकी वजह से इन संस्थानों की रेटिंग नीचे हो गई, लिहाजा इसका सीधा प्रभाव इन संस्थानों द्वारा स्टूडेंट्स की फीस पर पड़ा. इस रिपोर्ट से असंतुष्ट होने की स्थिति में संस्थानों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने कमिटी को इन कॉलेजों के पुन:मूल्यांकन करने का निर्देश दिया. इसमें पाया गया कि तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा कमिटी को गलत जानकारी दी गई थी और सही दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे. इसकी वजह से इन कॉलेजों को समस्या का सामना करना पड़ा.

शिक्षा के क्षेत्र में कोताही नहीं बरती जाएगीः शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी का कार्य बेहद जिम्मेदार और संवेदनशील होता है. ऐसे में जॉइंट रजिस्ट्रार जैसे अहम पद पर रहते हुए एवं उपकुलपति के प्रतिनिधि द्वारा लापरवाही करना गैर-जिम्मेदार रवैया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा अरविन्द केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है और ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तत्कालीन जॉइंट रजिस्ट्रार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः Bihar Utsav 2023: INA दिल्ली हाट में शुरू हुआ 15 दिवसीय बिहार उत्सव, जानिए क्या है इस बार खास?

अभिभावक पर फीस का बोझ नहीं पड़ना चाहिएः शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कमिटी की जिम्मेदारी और जबाबदेही है कि वो गंभीरता के साथ संस्थानों के सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए उनकी फीस का निर्धारण करें ताकि छात्रों व उनके अभिभावकों पर गलत फीस का बोझ न पड़े. ऐसे में इस कमिटी में शामिल सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वो संवेदनशीलता के साथ अपना काम करें न कि अपने काम में लापरवाही करें.

बता दें, दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेज एंड इंस्टिट्यूशन एक्ट- 2007 के तहत बनाई गई स्टेट फीस रेगुलेशन कमिटी आईपी विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेजों का जॉइंट असेसमेंट करती है. इस असेसमेंट के आधार पर कमिटी अपनी रिपोर्ट देती है. उस रिपोर्ट के आधार पर संस्थानों की ग्रेडिंग की जाती है और उनके फीस का निर्धारण होता है. सरकार द्वारा यह कमिटी का इसलिए बनाई गई है ताकि कोई भी कॉलेज मनमर्जी तरीके से अपनी फीस न बढ़ा सकें और छात्रों पर अनाप-शनाप फीस का बोझ न डाल सकें.

यह भी पढ़ेंः CUET 2023: कारण बताओ नोटिस जारी कर छात्रों को डराने का प्रयास कर रहा जामिया प्रशासन: अभाविप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.