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आवाज बताएगी कोरोना है या नहीं, भारत और इजरायल साथ कर रहे इस पर शोध

कोरोना टेस्टिंग को लेकर इजराइली तकनीक नया कमाल दिखा सकता है. आपकी आवाज भी बता सकती है कि कहीं आपको कोरोना तो नहीं है. भारत और इजरायल एक साथ मिलकर इस तकनीक पर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में शोध कर रहे है.

india and israel working on research for corona testing through voice
अब आवाज से होगी कोरोना टेस्टिंग
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Published : Jul 31, 2020, 1:49 PM IST

नई दिल्ली: अब तक देश में कोरोना जांच के लिए नाक और गले से स्वैब लेकर व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने की जांच की जा रही है, लेकिन अब एक नई तकनीक से कोरोना का पता लगाने को लेकर स्टडी शुरू की गई है. इसके तहत शख्स के आवाज और सांस के सैंपल लेकर कोरोना की जांच की जाएगी. इसका टेस्ट भारत में सफल रहा तो कोरोना है या नहीं इसका पता महज 30 सेकेंड में चल जाएगा.

अब आवाज से होगी कोरोना टेस्टिंग

इजरायल के सहयोग से हो रहा शोध

क्या आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस से कोरोना की जांच की जा सकती है, इसे लेकर इन दिनों भारत और इजरायल एक साथ शोध कर रहे हैं. इसके तहत दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में डीआरडीओ द्वारा 28 जुलाई से कोविड ओंको सेंटर की शुरुआत की गई है, जो अगले 5 अगस्त तक चलेगा. इसमें कोई भी व्यक्ति जो जांच करवाना चाहता है, वो सुबह 8.30 से शाम 6 बजे तक अपनी जांच करवा सकता है.



आवाज और सांस का लिया जाएगा सैंपल


लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, इस जांच में मरीज का स्वैब लेने के बजाए आवाज रिकोर्ड की जाएगी. जिससे यह पता लगाया जाएगा कि क्या कोविड पॉजिटिव मरीजों की आवाज में निगेटिव मरीजों की तुलना में कोई फर्क आया है या नहीं. इसके साथ ही तकनीक की मदद से सांस के सैंपल भी लिए जाएंगे. ये प्रयोग कितना कामयाब होगा, इसका पता 10 दिन की स्टडी के बाद ही लग पाएगा.



जरुरी होगा आरटीपीसीआर

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, इस शोध में व्यक्ति में कोरोना है या नहीं, इसे कंफर्म करने के लिए आरटीपीसीआर भी किया जाएगा. तभी आवाज और सांस के लिए गए सैंपल की तुलना की जा सकेगी. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह काफी मददगार साबित हो सकता है.

नई दिल्ली: अब तक देश में कोरोना जांच के लिए नाक और गले से स्वैब लेकर व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने की जांच की जा रही है, लेकिन अब एक नई तकनीक से कोरोना का पता लगाने को लेकर स्टडी शुरू की गई है. इसके तहत शख्स के आवाज और सांस के सैंपल लेकर कोरोना की जांच की जाएगी. इसका टेस्ट भारत में सफल रहा तो कोरोना है या नहीं इसका पता महज 30 सेकेंड में चल जाएगा.

अब आवाज से होगी कोरोना टेस्टिंग

इजरायल के सहयोग से हो रहा शोध

क्या आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस से कोरोना की जांच की जा सकती है, इसे लेकर इन दिनों भारत और इजरायल एक साथ शोध कर रहे हैं. इसके तहत दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में डीआरडीओ द्वारा 28 जुलाई से कोविड ओंको सेंटर की शुरुआत की गई है, जो अगले 5 अगस्त तक चलेगा. इसमें कोई भी व्यक्ति जो जांच करवाना चाहता है, वो सुबह 8.30 से शाम 6 बजे तक अपनी जांच करवा सकता है.



आवाज और सांस का लिया जाएगा सैंपल


लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, इस जांच में मरीज का स्वैब लेने के बजाए आवाज रिकोर्ड की जाएगी. जिससे यह पता लगाया जाएगा कि क्या कोविड पॉजिटिव मरीजों की आवाज में निगेटिव मरीजों की तुलना में कोई फर्क आया है या नहीं. इसके साथ ही तकनीक की मदद से सांस के सैंपल भी लिए जाएंगे. ये प्रयोग कितना कामयाब होगा, इसका पता 10 दिन की स्टडी के बाद ही लग पाएगा.



जरुरी होगा आरटीपीसीआर

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, इस शोध में व्यक्ति में कोरोना है या नहीं, इसे कंफर्म करने के लिए आरटीपीसीआर भी किया जाएगा. तभी आवाज और सांस के लिए गए सैंपल की तुलना की जा सकेगी. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह काफी मददगार साबित हो सकता है.

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