नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा एनसीआर क्षेत्र में देखा जाए तो मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण का असर और ज्यादा दुष्प्रभाव डाल रहा है. प्रदूषण और ठंड से जहां आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं, इसका असर स्ट्रीट डॉग और पेट डॉग्स पर भी पड़ रहा है. उन्हें भी सांस लेने में प्रदूषण के चलते परेशानी उठानी पड़ रही है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने डॉग विशेषज्ञ संजय महापात्र से विशेष बातचीत की.
पेट डॉग और स्ट्रीट डॉग प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित : डॉग एक्सपर्ट संजय महापात्रा ने बताया कि प्रदूषण के चलते पेट डॉग के साथ ही स्ट्रीट डॉग भी प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक स्ट्रीट डॉग पर इसका असर देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे पास इलाज के लिए पेट डॉग को लोग लेकर आ रहे हैं, वहीं हमारी टीम द्वारा स्ट्रीट डॉग को लेकर एक विशेष अभियान भी नोएडा में चलाया गया है, जहां बीमार और प्रदूषण से प्रभावित स्ट्रीट डॉग को डिस्पेंसरी में लाकर इलाज किया जा रहा है.
स्कीन, आंख और हार्ट संबंधी बीमारी से डॉग हो रहे पीड़ित: संजय महापात्रा ने बताया कि इस समय स्कीन से लेकर आंख तक की और आंख से लेकर हार्ट तक की परेशानी डॉग्स को उठानी पड़ रही है. वहीँ उन्होंने कहा कि प्रशासन को स्ट्रीट डॉग को लेकर एक गंभीर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उनके रखरखाव और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सके. बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण के चलते इस समय स्ट्रीट डॉग और पेट डॉग में आंखों से पानी निकलना, स्किन खराब होना, डॉग का अत्यधिक चिड़चिड़ापन, हार्ट और सांस लेने की परेशानी, भूख न लगना , थकावट आदि लक्षण देखे जा रहे हैं. यह लक्षण स्ट्रीट डॉग में ज्यादा और पेट डॉग में कम देखे जा रहे हैं.
बीमार डॉग का आसपास की डॉग डिस्पेंसरी में कराएं इलाज : डॉग एक्सपर्ट ने बताया कि पेट डॉग की देखरेख उनके मालिकों द्वारा की जाती है इसलिए घरों में रहने वाले पेट डॉग बहुत अधिक प्रदूषण से प्रभावित नहीं हो रहे है. वहीं स्ट्रीट डॉग प्रदूषण और ठंड दोनों से प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट डॉग लवर और प्रशासन को चाहिए कि प्रदूषण से प्रभावित किसी भी तरह का लक्षण इनको दिखे तो आसपास डॉग डिस्पेंसरी पर जरूर ले जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पेट डॉग या स्ट्रीट डॉग के बीमार होने से आमजन पर भी उसका प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि अक्सर इस मौसम में प्रदूषण से प्रभावित होने वाले पेट डॉग को लोग डिस्पेंसरी में छोड़ देते हैं, पर उन्हें डिस्पेंसरी में दिखाने के साथ ही खुद भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
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