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बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर खुले में बायोमास जलाने के मामले में निगम करेगा अब और कड़ी निगरानी - MCD more strict vigil on open burning of biomass

MCD more strict vigil on open burning of biomass: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर अपनी निगरानी को और सख्त करने का फैसला किया है. ग्रीन दिल्ली ऐप पर मिल रही शिकायतों के आधार पर खुले में बायोमास जलाने पर पूरी तरह से नियंत्रण करेगा ताकि दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाने में मदद मिल सके.

बायोमास जलाने के मामले में निगम करेगा कड़ी निगरानी
बायोमास जलाने के मामले में निगम करेगा कड़ी निगरानी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 25, 2023, 8:11 PM IST

नई दिल्ली: बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपने अधिकार क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. ग्रीन दिल्ली ऐप (जीडीए) पर प्राप्त शिकायतों के विस्तृत विश्लेषण के बाद यह देखा गया है कि खुले में कूड़ा जलाने की घटनाएं पार्कों, खुली भूमि, नालों के किनारे, सड़क के किनारे आदि स्थलों पर हो रही हैं. इस विश्लेषण से उन स्थानों का भी पता चला है, जहां खुले में बायोमास या अपशिष्ट जलाया जा रहा है. इसे देखते हुए एमसीडी ने विशेष रूप से इन चिह्नित क्षेत्रों में खुले में कचरा जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है.

निगम अधिकरियों ने बताया कि नजफगढ़ जोन में सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां कूड़ा जलाया जा रहा है. नजफगढ़ जोन में मुंडेला कलां गांव, हरि विहार, द्वारका, सेक्टर 13, द्वारका, वाल्मिकी विहार, सेक्टर 8, द्वारका, कापसहेरा एक्सटेंशन, अशोक विहार, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, भोरगढ़, नरेला, जेजे क्लस्टर कॉलोनी, बवाना, प्रह्लादपुर रोहिणी और सावदा को चिह्नित किया गया है, जहां खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने लोकल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकानों को डी-सील करने का आदेश दिया, 6 साल बाद खुलेंगी दुकानें

वेस्ट जोन में मोहन गार्डन, महावीर एन्क्लेव, मादीपुर, सुभाष नगर, जनकपुरी को संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है. अन्य जोनों में भी संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है. एमसीडी ने खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए सभी जोन में रात्रि गश्त के लिए टीमें भी तैनात की हैं. सभी जोनल अधिकारियों को इन क्षेत्रों को चिह्नित कर खुले में कूड़ा जलाने पर नियंत्रण करने का निर्देश दिया गया है.

प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाईः एमसीडी नागरिकों से अपील करती है कि वे किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा, पत्तियां, बेकार प्लास्टिक, रबर और ऐसी अन्य सामग्री खुले में न जलाएं अन्यथा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे किसी भी उल्लंघनकर्ता पर पर्यावरण को प्रदूषित करने के लिए एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 15 के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है और 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.

एमसीडी प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. पिछले दो महीनों के दौरान एमसीडी टीमों ने विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर चालान जारी किए हैं. दो नवंबर से नवंबर के बीच एमसीडी टीमों ने खुले में आग जलाने के 541 चालान जारी किए और उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना लगाया है. सी एंड डी अपशिष्ट मानदंडों से संबंधित उल्लंघन के लिए 1264 चालान काटे गए और 2.38 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. एमसीडी टीमों ने 1539 अनाधिकृत कोयला तंदूर को भी जब्त किया है.

ये भी पढ़ें :एमसीडी की मीटिंग में हंगामा पर मेयर डॉ. शैली ओबरॉय बोलीं- व्यापारियों की दुकानों की डी-सीलिंग से भाजपा परेशान

नई दिल्ली: बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपने अधिकार क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. ग्रीन दिल्ली ऐप (जीडीए) पर प्राप्त शिकायतों के विस्तृत विश्लेषण के बाद यह देखा गया है कि खुले में कूड़ा जलाने की घटनाएं पार्कों, खुली भूमि, नालों के किनारे, सड़क के किनारे आदि स्थलों पर हो रही हैं. इस विश्लेषण से उन स्थानों का भी पता चला है, जहां खुले में बायोमास या अपशिष्ट जलाया जा रहा है. इसे देखते हुए एमसीडी ने विशेष रूप से इन चिह्नित क्षेत्रों में खुले में कचरा जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है.

निगम अधिकरियों ने बताया कि नजफगढ़ जोन में सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां कूड़ा जलाया जा रहा है. नजफगढ़ जोन में मुंडेला कलां गांव, हरि विहार, द्वारका, सेक्टर 13, द्वारका, वाल्मिकी विहार, सेक्टर 8, द्वारका, कापसहेरा एक्सटेंशन, अशोक विहार, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, भोरगढ़, नरेला, जेजे क्लस्टर कॉलोनी, बवाना, प्रह्लादपुर रोहिणी और सावदा को चिह्नित किया गया है, जहां खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है.

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वेस्ट जोन में मोहन गार्डन, महावीर एन्क्लेव, मादीपुर, सुभाष नगर, जनकपुरी को संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है. अन्य जोनों में भी संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है. एमसीडी ने खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए सभी जोन में रात्रि गश्त के लिए टीमें भी तैनात की हैं. सभी जोनल अधिकारियों को इन क्षेत्रों को चिह्नित कर खुले में कूड़ा जलाने पर नियंत्रण करने का निर्देश दिया गया है.

प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाईः एमसीडी नागरिकों से अपील करती है कि वे किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा, पत्तियां, बेकार प्लास्टिक, रबर और ऐसी अन्य सामग्री खुले में न जलाएं अन्यथा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे किसी भी उल्लंघनकर्ता पर पर्यावरण को प्रदूषित करने के लिए एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 15 के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है और 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.

एमसीडी प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. पिछले दो महीनों के दौरान एमसीडी टीमों ने विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर चालान जारी किए हैं. दो नवंबर से नवंबर के बीच एमसीडी टीमों ने खुले में आग जलाने के 541 चालान जारी किए और उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना लगाया है. सी एंड डी अपशिष्ट मानदंडों से संबंधित उल्लंघन के लिए 1264 चालान काटे गए और 2.38 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. एमसीडी टीमों ने 1539 अनाधिकृत कोयला तंदूर को भी जब्त किया है.

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