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एलोपैथिक इलाज पर बाबा रामदेव की टिप्पणी पर बवाल, IMA ने PM को लिखी चिट्ठी - बाबा रामदेव की टिप्पणी के खिलाफ IMA

बाबा रामदेव के एलोपैथी पर दिए गए बयान पर बवाल हो गया है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई है और इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.

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एलोपैथिक इलाज पर बाबा रामदेव की टिप्पणी पर बबाल
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Published : May 23, 2021, 11:02 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ लोग ऐलोपैथी दवाओं से अपने परिजनों की जान बचाने में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाओं को ही मरीजों की मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं, जिससे मेडिकल एसोसिएशन नाराज है और बाबा पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. इस मामले को लेकर IMA ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है.

एलोपैथिक इलाज पर बाबा रामदेव की टिप्पणी पर बबाल

पूरे विश्व में एलोपैथिक दवाइयों से हो रहा इलाज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश लेले ने बाबा रामदेव के बयान का विरोध करते हुए कहा कि 2 दिन पहले योग गुरु बाबा रामदेव ने पूरे डॉक्टर समुदाय के लिए एक खेद जनक बयान दिया. IMA उसका पुरजोर विरोध करती है. डॉ लेले ने कहा कि कोरोनाकाल में भारत ही नहीं, बल्कि पूरे देश में दुनिया में करोड़ों लोग ऐलोपैथी सिस्टम से ही ठीक हो रहे हैं और मृत्यु दर केवल 3 से 5 फ़ीसदी ही है. इन सभी मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाइयों से ही हो रहा है. मरीज को कभी ऑक्सीजन, कभी आईसीयू तो कभी-कभी वेंटीलेटर्स की जरूरत होती है. ये सारी सुविधाएं एलोपैथिक सिस्टम में ही आती हैं.

जानें आईएमए क्याें कर रही 'बाबा' रामदेव पर कार्रवाई की मांग

कोरोना के इलाज के दौरान 12-13 सौ डॉक्टर्स की हो चुकी है मौत
डॉक्टर लेले ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान इलाज करते हुए हमारे कम से कम 1200- 1300 डॉक्टर्स अपनी जान गंवा चुके हैं. इन डॉक्टर्स के परिवारों को सांत्वना देने और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाय पूरी एलोपैथी सिस्टम पर सवाल खड़ा कर उन्होंने योग गुरु ने गलत किया है. बाबा का बयान बहुत ही खेद जनक है. बाबा रामदेव के इस बयान से यही संदेश जा रहा है कि कोरोना का घर पर ही इलाज हो सकता है, अस्पतालों में नहीं.

इसे भी पढ़ें- एलोपैथी पर टिप्पणी के लिए आईएमए ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, पतंजलि ने दी सफाई

कोरोना नया इसलिए फिलहाल कोई इलाज नहीं

डॉ जयेश ने बताया कि कोरोना के इलाज को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और ICMR समय-समय पर गाइडलाइंस जारी किये जा रहे हैं और लगातार रिसर्च की जा रही है. इसका फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि कोरोना एक नया वायरस है. इसके बारे में पहले कभी स्टडी नहीं की गई है. दवाइयां बदलती रहती है, लेकिन इन सारे मुद्दों को एक अलग ही दिशा देते हुए योग गुरु रामदेव बाबा ने पूरी एलोपैथिक सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. बाबा रामदेव ने जो खेद जनक बयान दिया है. उसके विरोध में प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा गया है.

भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं योगगुरु
डॉ जयेश लेले ने योगगुरु से आग्रह किया है कि वह इस तरह की भावना को चोट पहुंचाने वाला बयान ना दें. इससे फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स जो अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उनका उत्साह कम होगा. कोरोना के बारे में किसी तरह की गलतफहमी फैलाना भी कोरोना महामारी एक्ट के तहत आता है.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ लोग ऐलोपैथी दवाओं से अपने परिजनों की जान बचाने में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाओं को ही मरीजों की मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं, जिससे मेडिकल एसोसिएशन नाराज है और बाबा पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. इस मामले को लेकर IMA ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है.

एलोपैथिक इलाज पर बाबा रामदेव की टिप्पणी पर बबाल

पूरे विश्व में एलोपैथिक दवाइयों से हो रहा इलाज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश लेले ने बाबा रामदेव के बयान का विरोध करते हुए कहा कि 2 दिन पहले योग गुरु बाबा रामदेव ने पूरे डॉक्टर समुदाय के लिए एक खेद जनक बयान दिया. IMA उसका पुरजोर विरोध करती है. डॉ लेले ने कहा कि कोरोनाकाल में भारत ही नहीं, बल्कि पूरे देश में दुनिया में करोड़ों लोग ऐलोपैथी सिस्टम से ही ठीक हो रहे हैं और मृत्यु दर केवल 3 से 5 फ़ीसदी ही है. इन सभी मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाइयों से ही हो रहा है. मरीज को कभी ऑक्सीजन, कभी आईसीयू तो कभी-कभी वेंटीलेटर्स की जरूरत होती है. ये सारी सुविधाएं एलोपैथिक सिस्टम में ही आती हैं.

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कोरोना के इलाज के दौरान 12-13 सौ डॉक्टर्स की हो चुकी है मौत
डॉक्टर लेले ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान इलाज करते हुए हमारे कम से कम 1200- 1300 डॉक्टर्स अपनी जान गंवा चुके हैं. इन डॉक्टर्स के परिवारों को सांत्वना देने और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाय पूरी एलोपैथी सिस्टम पर सवाल खड़ा कर उन्होंने योग गुरु ने गलत किया है. बाबा का बयान बहुत ही खेद जनक है. बाबा रामदेव के इस बयान से यही संदेश जा रहा है कि कोरोना का घर पर ही इलाज हो सकता है, अस्पतालों में नहीं.

इसे भी पढ़ें- एलोपैथी पर टिप्पणी के लिए आईएमए ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, पतंजलि ने दी सफाई

कोरोना नया इसलिए फिलहाल कोई इलाज नहीं

डॉ जयेश ने बताया कि कोरोना के इलाज को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और ICMR समय-समय पर गाइडलाइंस जारी किये जा रहे हैं और लगातार रिसर्च की जा रही है. इसका फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि कोरोना एक नया वायरस है. इसके बारे में पहले कभी स्टडी नहीं की गई है. दवाइयां बदलती रहती है, लेकिन इन सारे मुद्दों को एक अलग ही दिशा देते हुए योग गुरु रामदेव बाबा ने पूरी एलोपैथिक सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. बाबा रामदेव ने जो खेद जनक बयान दिया है. उसके विरोध में प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा गया है.

भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं योगगुरु
डॉ जयेश लेले ने योगगुरु से आग्रह किया है कि वह इस तरह की भावना को चोट पहुंचाने वाला बयान ना दें. इससे फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स जो अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उनका उत्साह कम होगा. कोरोना के बारे में किसी तरह की गलतफहमी फैलाना भी कोरोना महामारी एक्ट के तहत आता है.

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