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IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने बनाया ग्रीन जनरेटर, कार्बन उत्सर्जन के बिना करेगा बिजली उत्पादन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (Indian Institute of Technology Delhi) के शोधकर्ताओं ने एक ग्रीन जनरेटर (Green Generator) बनाया है. उनका दावा है कि परंपरागत तौर पर बाजार में उपलब्ध डीजल से चलने वाले बिजली जनरेटर के मुकाबले यह जनरेटर बिना किसी कार्बन उत्सर्जन (no carbon emission) के बिजली का उत्पादन कर सकता है.

IIT दिल्ली
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Published : Jun 5, 2021, 1:31 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (Indian Institute of Technology Delhi) के शोधकर्ताओं ने एक ग्रीन जनरेटर (Green Generator) बनाया है. उनका दावा है कि परंपरागत तौर पर बाजार में उपलब्ध डीजल से चलने वाले बिजली जनरेटर के मुकाबले यह जनरेटर बिना किसी कार्बन उत्सर्जन (no carbon emission) के बिजली का उत्पादन कर सकता है.

कार्बन उत्सर्जन के बिना करेगा बिजली का उत्पादन

बाजार में परंपरागत तौर पर मौजूद बिजली जनरेटर (power generator) डीजल से संचालित होते हैं और कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, धुआं, पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन के ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं. जिससे हवा में प्रदूषण फैलता है. इससे निजात पाते हुए आईआईटी के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की और हाइड्रोजन ईंधन वाले स्पार्क इग्निशन इंजन जनरेटर का निर्माण किया.



ये भी पढ़ें- स्पूतनिक वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी को 14 करोड़ रुपये देने का आदेश

पानी के विभाजन से करता है हाइड्रोजन का उत्पादन

इसको लेकर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के शोधकर्ताओं का कहना है कि क्योंकि हाइड्रोजन में कार्बन नहीं होता ऐसे में हाइड्रोजन ईंधन वाला इंजन कोई भी कार्बनिक युक्त उत्सर्जन नहीं कर सकता. इसके अलावा इसमें नई तकनीक का प्रयोग कर नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्सर्जन को भी बहुत ही कम स्तर तक लाकर नियंत्रित किया जा सकता है. इस इंजन की खासियत है कि यह सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोमास जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ मिलकर इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके पानी के विभाजन से हाइड्रोजन का उत्पादन करता है. इलेक्ट्रोलाइजर का प्रयोग करके बिजली को हाइड्रोजन में परिवर्तित किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- जानिए सीधे CBSE परीक्षा नियंत्रक से...परीक्षा रद्द होने के बाद आगे क्या ?




नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया था प्रोजेक्ट

बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्ट को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) एमएनआर भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था जबकि केओपीएल और आईओसीएल आरएंडी केंद्र द्वारा पूरक वित्त पोषित किया गया था

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (Indian Institute of Technology Delhi) के शोधकर्ताओं ने एक ग्रीन जनरेटर (Green Generator) बनाया है. उनका दावा है कि परंपरागत तौर पर बाजार में उपलब्ध डीजल से चलने वाले बिजली जनरेटर के मुकाबले यह जनरेटर बिना किसी कार्बन उत्सर्जन (no carbon emission) के बिजली का उत्पादन कर सकता है.

कार्बन उत्सर्जन के बिना करेगा बिजली का उत्पादन

बाजार में परंपरागत तौर पर मौजूद बिजली जनरेटर (power generator) डीजल से संचालित होते हैं और कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, धुआं, पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन के ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं. जिससे हवा में प्रदूषण फैलता है. इससे निजात पाते हुए आईआईटी के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की और हाइड्रोजन ईंधन वाले स्पार्क इग्निशन इंजन जनरेटर का निर्माण किया.



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पानी के विभाजन से करता है हाइड्रोजन का उत्पादन

इसको लेकर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के शोधकर्ताओं का कहना है कि क्योंकि हाइड्रोजन में कार्बन नहीं होता ऐसे में हाइड्रोजन ईंधन वाला इंजन कोई भी कार्बनिक युक्त उत्सर्जन नहीं कर सकता. इसके अलावा इसमें नई तकनीक का प्रयोग कर नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्सर्जन को भी बहुत ही कम स्तर तक लाकर नियंत्रित किया जा सकता है. इस इंजन की खासियत है कि यह सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोमास जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ मिलकर इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके पानी के विभाजन से हाइड्रोजन का उत्पादन करता है. इलेक्ट्रोलाइजर का प्रयोग करके बिजली को हाइड्रोजन में परिवर्तित किया जा सकता है.

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नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया था प्रोजेक्ट

बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्ट को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) एमएनआर भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था जबकि केओपीएल और आईओसीएल आरएंडी केंद्र द्वारा पूरक वित्त पोषित किया गया था

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