नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए जन आंदोलन शुरू करना पड़ेगा. जिस तरह प्रदूषण से लड़ने के लिए हमने ऑड-इवन को लागू किया था और लोगों ने भी सहयोग किया था, उसी तरह अब हमें कोरोना से लड़ना पड़ेगा. यह समय आपस में लड़ने का नहीं है राजनीति करने का नहीं है. हम आपस मे लड़े, तो कोरोना जीत जाएगा. आपस मे मिलकर ही कोरोना को हराना है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसके बाद उन्हें बुखार हो गया था जिसके चलते हुए 2 दिनों तक अपने घर में रहे. अब उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट भी आ गई. उनके शीघ्र कुशल होने की जिन लोगों ने कामना की उसे शुक्रिया कहा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह जब कमरे में आइसोलेट थे तब उनके मन में यह चल रहा था कि दिल्ली के जो हालात है उस पर कैसे काबू पाया जा सके.
'अभी कुल 31000 मामले सामने आए'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी कुल 31000 मामले सामने आए हैं. 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई. जिसमें सरकार की तरफ से कोरोना के जो आंकड़े दिए गए, वह चौंकाने वाले हैं.
जुलाई में 80 हजार बेड की होगी जरूरत
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए वह दिखाते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है. 15 जून को 44000 केस होने की संभावना है. 30 जून तक एक लाख, 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे और 31 जुलाई तक सारे 5.32 लाख केस हो जाएंगे. इसे देखते हुए हमें सिर्फ दिल्ली वालों के लिए 80000 बेड की जरूरत पड़ेगी. यह एक बड़ी चुनौती है.
'उपराज्यपाल के आदेश पर मंजूर'
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने रविवार को एक आदेश जारी किया था, जिसमें दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों के इलाज के इजाजत दी थी. लेकिन अगले ही दिन उपराज्यपाल ने इस आदेश को पलट दिया. चुनी हुई सरकार के फैसले को एलजी साहब पलट नहीं सकते कुछ लोग ऐसा कह रहे थे.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिया है उपराज्यपाल ने जो निर्णय लिया है वही सही है. यह समय मतभेद का नहीं है. जो आदेश लागू हो गए वही लागू माना जाए. इस पर कोई लड़ाई झगड़ा या वाद-विवाद नहीं करना है. उन्होंने सभी लोगों और पार्टी के लोगों को संदेश दिया कि हम उपराज्यपाल के फैसले को लागू करेंगे.
'कोरोना से लड़ाई अभूतपूर्व चुनौती'
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना से लड़ाई बहुत बड़ी चुनौती है और अभूतपूर्व चुनौती है. जब कोरोना नहीं था तब दिल्ली में इलाज कराने के लिए 50 फीसद लोग बाहर से आते थे तो इस लिहाज से 31 जुलाई तक दिल्ली के अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड की जरूरत होगी. अब हम सबको मिलकर तैयारी करनी है. हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इस कोरोना संकटकाल में मिलकर रहें.
'इंतजाम के लिए अब घर से बाहर निकलेंगे'
केजरीवाल जो अभी तक बाहर नहीं निकले थे,ल उन्होंने कहा कि वे खुद स्टेडियम और बैंक्वेट हॉल को अस्पताल के तौर पर तैयार करवाएंगे. उन्होंने पड़ोसी राज्यों से भी निवेदन किया कि वह अपने यहां भी समुचित व्यवस्था करें. साथ ही मीडिया में पिछले दिनों जिस तरह कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ अस्पतालों में बदसलूकी हुई उन्हें भर्ती नहीं किया गया, इस मामले दिखाने के लिए उन्हें शुक्रिया अदा किया. केजरीवाल ने कहा कि मोबाइल ऐप में भी कमियां बता कर जिसे ठीक किया जा रहा है.
'अस्पतालों में 1900 लोग भर्ती हुए'
सीएम ने बताया कि 8 दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में 1900 लोग भर्ती हुए हैं. आज करीब 4200 खाली हैं. उन्होंने सबसे निवेदन किया कि हम सबको मिलकर कमियां दूर करनी होगी, चाहे बीजेपी हो कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी हो यह समय लड़ने का नहीं है हम आपस में लड़ते रहे तो कोरोना जीत जाएगा. हमें तीन चीजें करना है, मास्क पहनना है, सोशल डिस्टनसिंग, हाथ धोना है.
'यह समय राजनीति करने का नहीं'
अंत में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि यह समय लड़ने का नहीं है यह समय राजनीति करने का नहीं है. हम सबको मिलकर कोरोना से लड़ना है. एकजुट होकर एक देश बनना है. जब तक सारे मिलकर नहीं लड़ेंगे तब तक कोरोना को हम नहीं हरा पाएंगे. यह बहुत बड़ी विपदा है हमें सभी राजनीतिक दलों, संस्थाओं को मिलकर लड़ना होगा. हम आपस में लड़ेंगे तो कोरोना जीत जाएगा, एकजुट होकर लड़ने से कोरोना हार जाएगा.