नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, उदयनिधि ने एक सभा में सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से की थी. उदयनिधि के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी विरोध दर्ज कराया. बीजेपी ने कहा कि क्या यही गठबंधन में तय हुआ था. यह 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान है.
इंडिया गठबंधन पर कंसा तंज: एमके स्टालिन के बेटे के बयान के बाद विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री द्वारा हिंदू सनातन को मलेरिया और संक्रामक बताया जाना अत्यंत निंदनीय है. यह इंडिया गठबंधन का छुपा हुआ चरित्र है. यह लोग मोदी और बीजेपी के विरोधी नहीं हिंदू सनातन धर्म के विरोधी हैं. चुनाव में हिंदू गोमूत्र पिलाकर इनकी परीक्षा लें, क्योंकि हिंदू संस्कृति कोई आज की संस्कृति नहीं है. सनातन संस्कृति वेदों पुराणों की संस्कृति है. इसे न जाने कितने लोग मिटाने के लिए आए और खुद मिट गए.
इंडिया शब्द को हटाना चाहिए: चक्रपाणि महाराज ने कहा कि जो इंडिया शब्द है. वह प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि इस शब्द को भी हटाना चाहिए. कई विदेशी कंपनियों का नाम भी इससे जुड़ा हुआ था. अंग्रेजों ने जब हम शासन किया तब भी ईस्ट इंडिया कंपनी थी. हम गुलामी के प्रतीक में नहीं जीना चाहते हैं. उदयनिधि ने कहा था कि डेंगू और मच्छर के साथ मलेरिया और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं. ऐसे में कुछ चीजों का विरोध नहीं, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि डेंगू और मलेरिया की तरह ही समानत धर्म को मिटाना है.
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