नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो कोरोना पॉजीटिव मरीजों को ऑक्सीमीटर के अलावा दवाईयां, थर्मामीटर और स्टीमर भी दें. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि इन मरीजों को दवाईयां और दूसरे उपकरण देने के बाद उनका फॉलोअप भी लिया जाना चाहिए.
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दिव्यांगों को दवाईयां और उपकरण दें सरकार
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि स्टीमर उन्हें ही दिया जा सकता है, जो उसे खरीद नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि जैसे ऑक्सीमीटर वापस लेंगे, वैसे ही स्टीमर भी वापस लिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि जो लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं और उन्हें को आप राशन देते हैं, उसके आधार पर आप उन्हें स्टीमर दे सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि जो अकेले रहते हैं या दिव्यांग हैं, उन्हें भी दिया जाना चाहिए, अपना दायरा बढ़ाइए.
एक युवती ने जान जोखिम में डालकर मरीज को खाना पहुंचाया
सुनवाई के दौरान मेहरा ने एक व्यक्तिगत वाक्या सुनाया. उन्होंने कहा कि एक महिला ने राधास्वामी सत्संग को फोन किया. राधास्वामी सत्संग डोरस्टेप पर खाना उपलब्ध करवाती है. उसके बाद एक युवती ऑडी कार से उस महिला के घर पहुंची और उसके घर पर खाना रख दिया. उन्होंने कहा कि हमारा समाज ऐसे काम करता है. ये भारत का सौंदर्य है कि एक युवती ने जान जोखिम में डाला. मेहरा ने कहा कि कई बार सरकारी सिस्टम फेल हो जाता है, लेकिन भारत आगे बढ़ता रहता है. हमारे देश में काफी अच्छाई है.
1031 नंबर की लाईन नाकाफी
मेहरा ने कोर्ट को उप-राज्यपाल की ओर से पारित एक आदेश के बारे में बताया, जिसमें आरडब्ल्यूए को बेड की सुविधा देने की अनुमति दी गई है. उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से पेश दस्तावेजों को दिखाते हुए कहा कि कोरोना मरीजों के लिए टेलीफोन से भी सलाह दी जा रही है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या 1031 चालू है. मेहरा ने जवाब दिया हां, सौ से अधिक लाइन हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि वह काफी नहीं है. इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अधिक कॉल सेंटर बना सकते हैं, जो कि शिफ्ट में काम कर सकता है.