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दिल्ली हाईकोर्ट: नर्सरी में एडमिशन न लेने वाली याचिका पर आज सुनवाई - दिल्ली में नर्सरी में एडमिशन

दिल्ली हाईकोर्ट में आज शैक्षणिक सत्र 2021-22 के नर्सरी में एडमिशन को लेकर सुनवाई होगी. रजत वत्स ने याचिका दायर कोर्ट से मांग की है कि स्कूलों में नर्सरी में एडमिशन न लेने का आदेश दिल्ली सरकार को दिया जाए.

Delhi High Court
दिल्ली हाई कोर्ट
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Published : Jan 11, 2021, 9:50 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान स्कूलों में नर्सरी में दाखिला न करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.



सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी में दाखिला न देने का आदेश जारी करें
रजत वत्स ने याचिका दायर कर मांग की है कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किया जाए कि वे स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी में दाखिला न देने का आदेश जारी करें. याचिका में कहा गया है कि नर्सरी में दाखिला इसलिए किया जाता है कि छोटे-छोटे बच्चे प्ले स्कूल की तरह के माहौल में पढ़ाई कर सकें. इस दौरान वे स्कूल के माहौल से परिचित होते हैं.


संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि प्ले स्कूल की तरह का माहौल कोरोना काल में संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए स्कूल जाने की जरुरत होगी. लेकिन अभी स्कूल जाने पर रोक लगाई गई है और क्लासेज लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही हैं. ऐसे हालात में उन बच्चों को नर्सरी में दाखिला देने का कोई मतलब नहीं होता. नर्सरी के छोटे बच्चों को आनलाइन क्लास के जरिये शिक्षा देना अभिभावकों और बच्चों को संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है.

ये भी पढ़ें- HC: ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर आज होगी सुनवाई



याचिकाकर्ता पहले भी दाखिल कर चुके हैं याचिका
बता दें कि याचिकाकर्ता रजत वत्स इसके पहले भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि निजी स्कूलों की ओर से लॉकडाउन के दौरान की फीस लेने पर रोक लगाई जाए. स्कूलों की ओर से ट्रांसपोर्ट चार्ज, दूसरी गतिविधियों के अलावा दूसरी फीसें ली जाती हैं. 20 अप्रैल 2020 को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि वे अपनी शिकायत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से कर सकते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान स्कूलों में नर्सरी में दाखिला न करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.



सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी में दाखिला न देने का आदेश जारी करें
रजत वत्स ने याचिका दायर कर मांग की है कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किया जाए कि वे स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी में दाखिला न देने का आदेश जारी करें. याचिका में कहा गया है कि नर्सरी में दाखिला इसलिए किया जाता है कि छोटे-छोटे बच्चे प्ले स्कूल की तरह के माहौल में पढ़ाई कर सकें. इस दौरान वे स्कूल के माहौल से परिचित होते हैं.


संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि प्ले स्कूल की तरह का माहौल कोरोना काल में संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए स्कूल जाने की जरुरत होगी. लेकिन अभी स्कूल जाने पर रोक लगाई गई है और क्लासेज लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही हैं. ऐसे हालात में उन बच्चों को नर्सरी में दाखिला देने का कोई मतलब नहीं होता. नर्सरी के छोटे बच्चों को आनलाइन क्लास के जरिये शिक्षा देना अभिभावकों और बच्चों को संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है.

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याचिकाकर्ता पहले भी दाखिल कर चुके हैं याचिका
बता दें कि याचिकाकर्ता रजत वत्स इसके पहले भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि निजी स्कूलों की ओर से लॉकडाउन के दौरान की फीस लेने पर रोक लगाई जाए. स्कूलों की ओर से ट्रांसपोर्ट चार्ज, दूसरी गतिविधियों के अलावा दूसरी फीसें ली जाती हैं. 20 अप्रैल 2020 को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि वे अपनी शिकायत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से कर सकते हैं.

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