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कोरोना मरीजों के लिए ICU बेड: 8 जनवरी से पहले HC में रिपोर्ट पेश करेगी दिल्ली सरकार - दिल्ली में कोरोना संक्रमितों को लेकर बेड आरक्षित

दिल्ली सरकार कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड की स्टेटस रिपोर्ट आठ जनवरी से पहले हाईकोर्ट के सामने पेश करेगी. इसके लिए दिल्ली सरकार पांच जनवरी को समीक्षा बैठक करेगी. आज सरकार ने 26 दिसंबर की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी.

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दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Dec 28, 2020, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की समीक्षा कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दिल्ली सरकार को 8 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया.

दिल्ली सरकार 5 जनवरी को करेगी समीक्षा
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट के सामने 26 दिसंबर को हुई बैठक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से 60 फीसदी करने के फैसले की समीक्षा 5 जनवरी को करेगी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को समीक्षा बैठक की रिपोर्ट 8 जनवरी के पहले दाखिल करने का निर्देश दिया.


कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड का आरक्षण 60 फीसदी किया
पिछले 24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी ने 33 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू बेड में आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है. लेकिन इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी.


23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए 1310 आईसीयू बेड
सुनवाई के दौरान अस्पतालों की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि वे 23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने और गैर-कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए कमेटी की बैठक के बारे में बताना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि ये कमेटी तब बनी है जब केस कम हो रहे हैं. 23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए कुल आईसीयू बेड 1319 थे. मनिंदर सिंह ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच 12 नवंबर के आदेश के बारे में बताते हुए कहा था कि इस आदेश के बाद से अब तक काफी बदलाव हो गए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की दर बढ़ने की वजह से डिवीजन बेंच ने रोक लगाई थी.

ये भी पढ़ें- EDMC: बैठक में AAP और BJP पार्षदों के बीच मारपीट


खाली पड़े थे 1075 आईसीयू बेड
मनिंदर सिंह ने कहा कि आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के आदेश के बाद भी 1075 आईसीयू बेड खाली पड़े थे. आईसीयू बेड खाली रखने का प्रावधान पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. गैर-कोरोना मरीजों को आईसीयू से वंचित रखना ठीक नहीं है. सरकार का निजी अस्पतालों में कोई हिस्सा नहीं है. इसलिए उन्होंने ये आदेश जारी किया है. सरकार का ये आदेश संविधान की धारा 14,19 और 21 का उल्लंघन है.



सरकार के फैसले की जानकारी कोर्ट को दें
मनिंदर सिंह की दलीलें खत्म होने के बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश जारी रखना अमानवीय है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कमेटी की बैठक का पूरा मिनट्स दिखाने को कहा. आखिर ये बैठक कब तक चलेगी. दिल्ली सरकार ने बताया कि हम कोरोना से निपट रहे हैं. सरकार इस संक्रमण को कम करना चाहती है. लेकिन ये तेजी से फैलने वाली बीमारी है. 21 दिसंबर को हुई बैठक में आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षण कम करने के लिए कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में डॉक्टर और विशेषज्ञ हैं.


कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड कम करने पर कमेटी बनाई
बीते 23 दिसंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने और गैर-कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए कमेटी का गठन किया है. निजी अस्पतालों की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. उन्होंने कहा था कि एक के बाद दूसरी कमेटियां बनाई जा रही हैं. वे निजी अस्पतालों के ऊपर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के वायरस का भारत में कोई प्रभाव नहीं है. वे इसमें देरी करना चाहते हैं.

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगी थी रोक
सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है. सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसला करने के लिए कहा. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की समीक्षा कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दिल्ली सरकार को 8 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया.

दिल्ली सरकार 5 जनवरी को करेगी समीक्षा
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट के सामने 26 दिसंबर को हुई बैठक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से 60 फीसदी करने के फैसले की समीक्षा 5 जनवरी को करेगी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को समीक्षा बैठक की रिपोर्ट 8 जनवरी के पहले दाखिल करने का निर्देश दिया.


कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड का आरक्षण 60 फीसदी किया
पिछले 24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी ने 33 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू बेड में आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है. लेकिन इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी.


23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए 1310 आईसीयू बेड
सुनवाई के दौरान अस्पतालों की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि वे 23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने और गैर-कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए कमेटी की बैठक के बारे में बताना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि ये कमेटी तब बनी है जब केस कम हो रहे हैं. 23 दिसंबर को कोरोना मरीजों के लिए कुल आईसीयू बेड 1319 थे. मनिंदर सिंह ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच 12 नवंबर के आदेश के बारे में बताते हुए कहा था कि इस आदेश के बाद से अब तक काफी बदलाव हो गए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की दर बढ़ने की वजह से डिवीजन बेंच ने रोक लगाई थी.

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खाली पड़े थे 1075 आईसीयू बेड
मनिंदर सिंह ने कहा कि आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के आदेश के बाद भी 1075 आईसीयू बेड खाली पड़े थे. आईसीयू बेड खाली रखने का प्रावधान पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. गैर-कोरोना मरीजों को आईसीयू से वंचित रखना ठीक नहीं है. सरकार का निजी अस्पतालों में कोई हिस्सा नहीं है. इसलिए उन्होंने ये आदेश जारी किया है. सरकार का ये आदेश संविधान की धारा 14,19 और 21 का उल्लंघन है.



सरकार के फैसले की जानकारी कोर्ट को दें
मनिंदर सिंह की दलीलें खत्म होने के बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश जारी रखना अमानवीय है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कमेटी की बैठक का पूरा मिनट्स दिखाने को कहा. आखिर ये बैठक कब तक चलेगी. दिल्ली सरकार ने बताया कि हम कोरोना से निपट रहे हैं. सरकार इस संक्रमण को कम करना चाहती है. लेकिन ये तेजी से फैलने वाली बीमारी है. 21 दिसंबर को हुई बैठक में आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षण कम करने के लिए कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में डॉक्टर और विशेषज्ञ हैं.


कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड कम करने पर कमेटी बनाई
बीते 23 दिसंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने और गैर-कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए कमेटी का गठन किया है. निजी अस्पतालों की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेडों की संख्या कम करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. उन्होंने कहा था कि एक के बाद दूसरी कमेटियां बनाई जा रही हैं. वे निजी अस्पतालों के ऊपर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के वायरस का भारत में कोई प्रभाव नहीं है. वे इसमें देरी करना चाहते हैं.

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगी थी रोक
सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है. सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसला करने के लिए कहा. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी.

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