नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से न्यायिक अधिकारियों के लिए अशोका होटल में कोरोना के संक्रमण की स्थिति में इलाज कराने की व्यवस्था कराने संबंधी आदेश पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट ने ऐसा आग्रह नहीं किया था
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने तो ऐसा कोई आग्रह नहीं किया था. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये आदेश हमने आज ही पढ़ा है. ये आदेश काफी भ्रामक है. कोर्ट ने कहा कि सरकार के साथ बैठक का मकसद केवल न्यायिक अधिकारियों के लिए नहीं था. वह बैठक निचली अदालतों के लिए था. हमने दो न्यायिक अधिकारियों को खोया है.
मीडिया गलत नहीं है, आदेश गलत है
कोर्ट ने कहा कि हम चाहते थे कि अगर अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़े तो सुविधा मिले. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके आदेश का कोई मतलब नहीं है. आप ऐसा सर्कुलर जारी कर क्या संदेश देना चाहते हैं. यह कैसी सुरक्षा है. क्या हम अपना लाभ चाहते हैं. आपने हमें तुष्ट करने के लिए ये सब किया है. इस पर मेहरा ने कहा कि मीडिया ने इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया है. अस्पताल के साथ 25 और होटल भी अटैच किए गए हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके आदेश में ऐसा कहा गया है. क्या हम एक संस्था होने के नाते ये कह सकते हैं कि आप हमारे लिए सुविधा दें, इतने या उतने बेड हमारे लिए दें. क्या यह भेदभाव पैदा करने वाला नहीं है. तब मेहरा ने कहा कि ये सब मीडिया का किया हुआ है. तब कोर्ट ने कहा कि मीडिया गलत नहीं है, आदेश गलत है.
अशोक होटल में HC के जजों के इलाज का सर्कुलर जारी करने पर दिल्ली सरकार को नोटिस - Ashoka hotel covid care news
हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के लिए अशोका होटल में कोरोना संक्रमण की स्थिति में इलाज कराने की व्यवस्था कराने संबंधी आदेश पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से न्यायिक अधिकारियों के लिए अशोका होटल में कोरोना के संक्रमण की स्थिति में इलाज कराने की व्यवस्था कराने संबंधी आदेश पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट ने ऐसा आग्रह नहीं किया था
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने तो ऐसा कोई आग्रह नहीं किया था. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये आदेश हमने आज ही पढ़ा है. ये आदेश काफी भ्रामक है. कोर्ट ने कहा कि सरकार के साथ बैठक का मकसद केवल न्यायिक अधिकारियों के लिए नहीं था. वह बैठक निचली अदालतों के लिए था. हमने दो न्यायिक अधिकारियों को खोया है.
मीडिया गलत नहीं है, आदेश गलत है
कोर्ट ने कहा कि हम चाहते थे कि अगर अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़े तो सुविधा मिले. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके आदेश का कोई मतलब नहीं है. आप ऐसा सर्कुलर जारी कर क्या संदेश देना चाहते हैं. यह कैसी सुरक्षा है. क्या हम अपना लाभ चाहते हैं. आपने हमें तुष्ट करने के लिए ये सब किया है. इस पर मेहरा ने कहा कि मीडिया ने इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया है. अस्पताल के साथ 25 और होटल भी अटैच किए गए हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके आदेश में ऐसा कहा गया है. क्या हम एक संस्था होने के नाते ये कह सकते हैं कि आप हमारे लिए सुविधा दें, इतने या उतने बेड हमारे लिए दें. क्या यह भेदभाव पैदा करने वाला नहीं है. तब मेहरा ने कहा कि ये सब मीडिया का किया हुआ है. तब कोर्ट ने कहा कि मीडिया गलत नहीं है, आदेश गलत है.
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