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100वें एलुमिनी मीट में पहुंचे हरदीप पुरी, कहा- देश की विकास गाथा में DU का महत्वपूर्ण योगदान

दिल्ली विश्वविद्यालय में शताब्दी एलुमिनी मीट का आयोजन किया गया. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा कि देश की विकास गाथा में दिल्ली विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.

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Published : Apr 22, 2023, 7:38 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वह अपनी मातृ संस्था दिल्ली विश्वविद्यालय में पहुंचकर बहुत ही गर्वित महसूस कर रहे हैं. पुरी दिल्ली विश्वविद्यालय में शताब्दी एलुमिनी मीट के अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में 1968 में अपने दाखिला लेने के समय के हालातों का वर्णन करते हुए बताया कि उस समय भारत की जीडीपी 50 बिलियन डॉलर की थी, जो आज 3.8 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली उस समय हम दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, लेकिन आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि जल्द हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे और इस विकास गाथा में दिल्ली विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, क्योंकि देश के प्रतिभाशाली विद्यार्थी यहां शिक्षा के लिए आते हैं.

डीयू से दो छात्र नोबेल पुरस्कार पाने में सफल रहे: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से दो पूर्व छात्र नोबेल पुरस्कार विजेता रहे हैं, डीवाई चंद्रचूड़ सहित सुप्रीम कोर्ट के चार चीफ जस्टिस सहित 12 जज सहित दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिए हैं. उन्होंने बताया कि 15 से अधिक मुख्यमंत्री और राज्यपाल, भूत पूर्व सीएजी, एलजी और कई सेनाध्यक्षों आदि सहित 80 से अधिक कैबिनेट सचिव, अनेकों केंद्रीय और राज्य मंत्री, 150 पद्मश्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज से 55 साल पहले इसी महीने में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट पर पहली बार पहुंचे थे. अपने जीवन में हिंदू कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मुझे इस संस्था ने बनाया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद 1974 में मुझे फॉरेन सर्विसेज जॉइन करने का मौका मिला. सेंट स्टीफन कॉलेज में 1 वर्ष तक बतौर शिक्षक भी कार्य किया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय एक महान संस्थान है और इसका गौरवशाली इतिहास है. भारत को इस विश्वविद्यालय ने बहुत कुछ दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वह स्थान है जहां युवा लोग सोचने के स्थापित नजरिये को चुनौती देते हैं और इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में योगदान देते हैं. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से अनुदान प्राप्त करने के मामले में कुलपति के विचार और फाउंडेशन की स्थापना को महत्वपूर्ण बताते हुए पुरी ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दिल्ली विश्वविद्यालय ने बहुत अच्छा काम किया है और आज अगले 100 वर्ष के लिए सोचना है.

कंपीटेंस इन्हांसमेंट कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है: कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय ने कंपीटेंस इन्हांसमेंट कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी पूरे प्रोग्राम की बजाय किसी कोर्स विशेष को भी ज्वाइन कर सकता है. उन्होंने बताया कि इसे इसी वर्ष जुलाई में लांच कर दिया जाएगा. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने समर्थ के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है. अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी और देश के अन्य प्रीमीयर इंस्टीट्यूट समर्थ पोर्टल पर हैं.

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में AAP को झटका, पूर्व पार्षद प्रत्याशी बलराम झा बीजेपी में शामिल

नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वह अपनी मातृ संस्था दिल्ली विश्वविद्यालय में पहुंचकर बहुत ही गर्वित महसूस कर रहे हैं. पुरी दिल्ली विश्वविद्यालय में शताब्दी एलुमिनी मीट के अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में 1968 में अपने दाखिला लेने के समय के हालातों का वर्णन करते हुए बताया कि उस समय भारत की जीडीपी 50 बिलियन डॉलर की थी, जो आज 3.8 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली उस समय हम दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, लेकिन आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि जल्द हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे और इस विकास गाथा में दिल्ली विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, क्योंकि देश के प्रतिभाशाली विद्यार्थी यहां शिक्षा के लिए आते हैं.

डीयू से दो छात्र नोबेल पुरस्कार पाने में सफल रहे: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से दो पूर्व छात्र नोबेल पुरस्कार विजेता रहे हैं, डीवाई चंद्रचूड़ सहित सुप्रीम कोर्ट के चार चीफ जस्टिस सहित 12 जज सहित दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिए हैं. उन्होंने बताया कि 15 से अधिक मुख्यमंत्री और राज्यपाल, भूत पूर्व सीएजी, एलजी और कई सेनाध्यक्षों आदि सहित 80 से अधिक कैबिनेट सचिव, अनेकों केंद्रीय और राज्य मंत्री, 150 पद्मश्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज से 55 साल पहले इसी महीने में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट पर पहली बार पहुंचे थे. अपने जीवन में हिंदू कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मुझे इस संस्था ने बनाया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद 1974 में मुझे फॉरेन सर्विसेज जॉइन करने का मौका मिला. सेंट स्टीफन कॉलेज में 1 वर्ष तक बतौर शिक्षक भी कार्य किया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय एक महान संस्थान है और इसका गौरवशाली इतिहास है. भारत को इस विश्वविद्यालय ने बहुत कुछ दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वह स्थान है जहां युवा लोग सोचने के स्थापित नजरिये को चुनौती देते हैं और इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में योगदान देते हैं. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से अनुदान प्राप्त करने के मामले में कुलपति के विचार और फाउंडेशन की स्थापना को महत्वपूर्ण बताते हुए पुरी ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दिल्ली विश्वविद्यालय ने बहुत अच्छा काम किया है और आज अगले 100 वर्ष के लिए सोचना है.

कंपीटेंस इन्हांसमेंट कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है: कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय ने कंपीटेंस इन्हांसमेंट कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी पूरे प्रोग्राम की बजाय किसी कोर्स विशेष को भी ज्वाइन कर सकता है. उन्होंने बताया कि इसे इसी वर्ष जुलाई में लांच कर दिया जाएगा. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने समर्थ के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है. अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी और देश के अन्य प्रीमीयर इंस्टीट्यूट समर्थ पोर्टल पर हैं.

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