नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक काम कर रहे शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 28 फरवरी को खत्म हो गया. अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर लगातार तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे थे. रविवार देर शाम शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की.
मांगों को लिखित रूप में दें
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदर्शनकारियों से उनकी मांगों को लिखित रूप में देने के लिए कहा और यह आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही अतिथि शिक्षकों की सभी मांगों को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव रखेगी, जिसे पास कर एलजी के पास भेजा जाएगा. उन्होंने प्रदर्शनकारी शिक्षकों से कहा कि देश में जो भी अतिथि शिक्षकों के लिए जो भी सही पॉलिसी उन्हें लगती वह लिखकर दें. हम जल्दी कैबिनेट में पास कर एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजेंगे.
'एलजी के घर प्रदर्शन करें'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह लड़ाई एलजी से करनी पड़ेगी क्योंकि सर्विसेस उन्हीं के पास है. यहां पर प्रदर्शन करने से कुछ हासिल नहीं होगा क्योंकि यह तो आप ही का घर है. अगर प्रदर्शन करना है तो एलजी के घर के बाहर प्रदर्शन करना होगा.
हल कैसे निकलेगा ?
आपको बता दे कि मीटिंग के लिए 5 शिक्षकों की टीम बनाई गई थी. उन्होंने शिक्षा मंत्री की बात की पर संतुष्ट नहीं दिखे. अतिथि शिक्षकों ने मनीष सिसोदिया से यह सवाल किया कि फाइल तो वह पहले ही बना कर एलजी के पास भेज चुके हैं. अगर दोबारा वही सब प्रक्रिया करनी है तो इसमें नया क्या होगा और आचार संहिता लगने के बाद हल कैसे निकाला जा सकेगा.
शिक्षकों का प्रदर्शन जारी
शिक्षा मंत्री के यह कहने पर कि यहां प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होगा या तो आपका ही घर है अतिथि शिक्षकों ने उनसे विनम्र प्रार्थना की कि वह भी उनके साथ एलजी हाउस चले और उन्हीं के साथ मिलकर प्रदर्शन में शामिल हो. बता दें कि शिक्षा मंत्री से मुलाकात होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन बदस्तूर जारी है.