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बच्चों की मस्ती, लूडो-कैरम और फिल्म, ऐसी है कोविड केयर सेंटर में जिंदगी

बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों का किस तरह से इलाज हो रहा है, इसे देखने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची, राष्ट्रमंडल खेलगांव कोविड केयर सेंटर. देखिए यहां किस तरह हो रहा है इलाज...

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Published : Jul 18, 2020, 9:31 PM IST

Covid Care Center
कोविड केयर सेंटर

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का इलाज तीन स्तर में विभाजित है. सिर्फ गम्भीर कोरोना मरीज ही कोरोना अस्पतालों में भर्ती किए जाते हैं, बिना लक्षण और कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर की व्यवस्था है. दिल्ली के विभिन्न कोविड केयर सेंटर्स में अभी 9284 बेड्स की व्यवस्था है, वहीं 2300 से ज्यादा मरीज इलाजरत हैं. ऐसा ही एक कोविड केयर सेंटर बनाया गया है राष्ट्रमंडल खेलगांव में.

राष्ट्रमंडल खेल गांव कोविड केयर सेंटर में कैसी है जिंदगी

इलाजरत हैं 77 मरीज

राष्ट्रमंडल खेलगांव स्थित इस कोविड केयर सेंटर में यूं तो करीब 500 बेड्स की व्यवस्था है, लेकिन वर्तमान में यहां 77 मरीजों का इलाज हो रहा है. इनमें से कुछ मेल वार्ड में हैं और कुछ फीमेल वार्ड में. इन मरीजों में बच्चे भी शामिल हैं. यहां इन कोरोना मरीजों के लिए क्या कुछ व्यवस्था है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने इस कोविड केयर सेंटर का संचालन कर रहे डॉक्टर्स फॉर यू के डॉ. अनुराग मिश्रा से बातचीत की.

35 हो चुके हैं ठीक

डॉ. अनुराग मिश्रा ने बताया कि यहां सिर्फ बिना लक्षण और कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक करीब 35 लोग यहां से ठीक करके घर भी भेजे जा चुके हैं और इन्हें मिलाकर यहां भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा लगभग 100 हो चुका है. डॉ. अनुराग ने बताया कि इस कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है, लेकिन अब तक 5 मरीजों को ही ऑक्सीजन देने की नौबत आई है.

5 को करना पड़ा ट्रांसफर

उन्होंने यह भी बताया कि गम्भीर स्थिति होने के बाद 5 मरीजों को यहां से कोरोना अस्पताल में भेजा गया है. यहां कोविड ब्लॉक के अंदर टहलते लोगों में कई लोग ऑक्सीमीटर लगाए हुए दिखे, जिसके जरिए वे हर समय अपना ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करते रहते हैं. कुछ लोग लूडो और कैरमबोर्ड के जरिए भी समय बिताते नजर आए. वहीं कुछ की आंखें यहां दीवार पर लगाए गए बड़े से स्क्रीन पर टिकी थीं, जिसपर फिल्म चल रही थी.

परिवार के लिए कॉमन एरिया

फीमेल वार्ड में हमें कुछ बच्चे खेलते-कूदते दिखे, वहीं कुछ महिलाएं भोजन के बाद टहलती नज़र आईं. यहां रह रहे लोगों में कई एक ही परिवार के लोग हैं, जो मेल और फीमेल वार्ड में अलग-अलग रह रहे हैं. डॉ. अनुराग ने बताया कि एक परिवार के ऐसे लोगों के लिए एक कॉमन एरिया बनाया गया है, जहां इन्हें दिन में एक समय मिलने की अनुमति दी जाती है. हमने डॉ. अनुराग से यहां रह रहे लोगों के पूरे दिन की रूटीन के बारे में भी जानकारी ली.


सुबह से शाम तक का रूटीन

डॉ. अनुराग ने बताया कि सबसे पहले सुबह 6:30 बजे योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज होता है. इस दौरान जिन्हें प्रार्थना करनी होती है, वे प्रार्थना करते हैं. फिर 7 बजे ब्रेकफास्ट दिया जाता है, जिसमें हाई प्रोटीन डाइट दी जाती है. इसके बाद मेडिकल राउंड होता है, जिसमें डॉक्टर सभी का चेकअप करते हैं. फिर 12 बजे लंच होता है और फिर ये सभी आराम करते हैं. डॉ. अनुराग में बताया कि 4 से 7 बजे का समय गेम्स, टीवी जैसी एक्टिविटीज के लिए होता है और फिर 10 बजे लाइट्स ऑफ हो जातीं हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का इलाज तीन स्तर में विभाजित है. सिर्फ गम्भीर कोरोना मरीज ही कोरोना अस्पतालों में भर्ती किए जाते हैं, बिना लक्षण और कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर की व्यवस्था है. दिल्ली के विभिन्न कोविड केयर सेंटर्स में अभी 9284 बेड्स की व्यवस्था है, वहीं 2300 से ज्यादा मरीज इलाजरत हैं. ऐसा ही एक कोविड केयर सेंटर बनाया गया है राष्ट्रमंडल खेलगांव में.

राष्ट्रमंडल खेल गांव कोविड केयर सेंटर में कैसी है जिंदगी

इलाजरत हैं 77 मरीज

राष्ट्रमंडल खेलगांव स्थित इस कोविड केयर सेंटर में यूं तो करीब 500 बेड्स की व्यवस्था है, लेकिन वर्तमान में यहां 77 मरीजों का इलाज हो रहा है. इनमें से कुछ मेल वार्ड में हैं और कुछ फीमेल वार्ड में. इन मरीजों में बच्चे भी शामिल हैं. यहां इन कोरोना मरीजों के लिए क्या कुछ व्यवस्था है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने इस कोविड केयर सेंटर का संचालन कर रहे डॉक्टर्स फॉर यू के डॉ. अनुराग मिश्रा से बातचीत की.

35 हो चुके हैं ठीक

डॉ. अनुराग मिश्रा ने बताया कि यहां सिर्फ बिना लक्षण और कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक करीब 35 लोग यहां से ठीक करके घर भी भेजे जा चुके हैं और इन्हें मिलाकर यहां भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा लगभग 100 हो चुका है. डॉ. अनुराग ने बताया कि इस कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है, लेकिन अब तक 5 मरीजों को ही ऑक्सीजन देने की नौबत आई है.

5 को करना पड़ा ट्रांसफर

उन्होंने यह भी बताया कि गम्भीर स्थिति होने के बाद 5 मरीजों को यहां से कोरोना अस्पताल में भेजा गया है. यहां कोविड ब्लॉक के अंदर टहलते लोगों में कई लोग ऑक्सीमीटर लगाए हुए दिखे, जिसके जरिए वे हर समय अपना ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करते रहते हैं. कुछ लोग लूडो और कैरमबोर्ड के जरिए भी समय बिताते नजर आए. वहीं कुछ की आंखें यहां दीवार पर लगाए गए बड़े से स्क्रीन पर टिकी थीं, जिसपर फिल्म चल रही थी.

परिवार के लिए कॉमन एरिया

फीमेल वार्ड में हमें कुछ बच्चे खेलते-कूदते दिखे, वहीं कुछ महिलाएं भोजन के बाद टहलती नज़र आईं. यहां रह रहे लोगों में कई एक ही परिवार के लोग हैं, जो मेल और फीमेल वार्ड में अलग-अलग रह रहे हैं. डॉ. अनुराग ने बताया कि एक परिवार के ऐसे लोगों के लिए एक कॉमन एरिया बनाया गया है, जहां इन्हें दिन में एक समय मिलने की अनुमति दी जाती है. हमने डॉ. अनुराग से यहां रह रहे लोगों के पूरे दिन की रूटीन के बारे में भी जानकारी ली.


सुबह से शाम तक का रूटीन

डॉ. अनुराग ने बताया कि सबसे पहले सुबह 6:30 बजे योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज होता है. इस दौरान जिन्हें प्रार्थना करनी होती है, वे प्रार्थना करते हैं. फिर 7 बजे ब्रेकफास्ट दिया जाता है, जिसमें हाई प्रोटीन डाइट दी जाती है. इसके बाद मेडिकल राउंड होता है, जिसमें डॉक्टर सभी का चेकअप करते हैं. फिर 12 बजे लंच होता है और फिर ये सभी आराम करते हैं. डॉ. अनुराग में बताया कि 4 से 7 बजे का समय गेम्स, टीवी जैसी एक्टिविटीज के लिए होता है और फिर 10 बजे लाइट्स ऑफ हो जातीं हैं.

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