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ग्राउंड रिपोर्ट: लोग बोले- इस गांव में काम तो हुआ पर बहुत से काम अधर में

पिलंजी गांव में करीब 30 हजार लोग रहते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सांसद मीनाक्षी लेखी ने यहां पर गांव का विकास तो किया है लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जिनका पूर्ण होना बेहद जरूरी है.

इस गांव में काम तो हुआ पर बहुत से काम अधर में
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Published : Apr 7, 2019, 10:13 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए हुए गांव का सांसदों ने पिछले साल पांच सालों में कितना विकास किया है. इसकी ग्राउंड रिपोर्ट ईटीवी भारत की टीम लगातार आपके समक्ष ला रही है.

इसी कड़ी में आज हम नई दिल्ली लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा गोद लिए ग्यारह सौ साल पुराने पिलंजी गांव के बारे में जानेंगे. बता दें कि पिलंजी गांव में करीब 30 हजार लोग रहते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सांसद मीनाक्षी लेखी ने यहां पर गांव का विकास तो किया है लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जिनका पूर्ण होना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि यहां पर सड़क, पानी, नालिया तो बनाई गई हैं. जिससे लोगों को बेहद ही लाभ हुआ है लेकिन आज भी कई ऐसी सुविधाएं हैं जिन्हें शुरू तो किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोग उसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

तारों का ऐसा मकड़जाल आग लगे तो बुझाना मुश्किल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद मीनाक्षी लेखी ने गांव के बाहर एक रिपोर्ट लिस्ट लगाई हुई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि पिछले 5 सालों में गांव के लिए क्या-क्या काम किए हैं. जिनमें उनका कहना है कि यहां पर जो तारों का जंजाल पहले था वह अब यहां पर नहीं हैं. उनका कहना है कि तारों को बदलवाया गया है लेकिन इस बाबत हम जब गांव के अंदर पहुंचे तो वहां पर तारों के ऐसे मकड़जाल देखने को मिले, जहां पर अगर कोई भी शार्ट सर्किट होता है तो उस स्थान पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच सकेंगी क्योंकि यह गांव बेहद संकरा है. ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां न पहुंच पाने की वजह से यहां पर बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है. लोगों का कहना है कि जरूरी है कि जिस तरीके के तारों के मकड़जाल यहां पर बने हुए हैं. उन्हें दुरुस्त करना बेहद जरूरी है अन्यथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

इस गांव में काम तो हुआ पर बहुत से काम अधर में

कौशल ग्राम योजना के तहत युवा नहीं बन पाए कौशल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना में कौशल ग्राम योजना भी शामिल है.जिसमें युवाओं को कौशल बनाया जाएगा.जिसके बाद वह रोजगार हासिल कर सके हैं. इस बाबत हमने कुछ युवाओं से भी बातचीत की कि उन्होंने बताया कि यहां पर कई लोग ग्रेजुएशन और डिग्री हासिल किए हुए हैं.लेकिन आज भी वह बेरोजगार बैठे हुए हैं.उनका कहना है कि यहां पर कौशल ग्राम योजना के तहत कोई भी केंद्र नहीं बनाया गया है. जिससे कि लोग बेहतर हो सके और रोजगार मिल सके.

फिलहाल जिस तरह से मीनाक्षी लेखी ने पिछले पांच सालों में अपने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के पिलंजी गांव में काफी सुधार किया है. उससे लोग तो काफी खुश हैं लेकिन उनकी मांग है कि गांव के लोगों के लिए और सुविधाएं होनी चाहिए. जिससे कि वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की जन सुविधाओं को बेहतर रूप से उपयोग कर सकें. फिलहाल देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में गांव के लोग किस तरीके से मीनाक्षी लेखी के इन विकास कार्यों को परखते हैं और उनका कितना साथ निभा पाते हैं.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए हुए गांव का सांसदों ने पिछले साल पांच सालों में कितना विकास किया है. इसकी ग्राउंड रिपोर्ट ईटीवी भारत की टीम लगातार आपके समक्ष ला रही है.

इसी कड़ी में आज हम नई दिल्ली लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा गोद लिए ग्यारह सौ साल पुराने पिलंजी गांव के बारे में जानेंगे. बता दें कि पिलंजी गांव में करीब 30 हजार लोग रहते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सांसद मीनाक्षी लेखी ने यहां पर गांव का विकास तो किया है लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जिनका पूर्ण होना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि यहां पर सड़क, पानी, नालिया तो बनाई गई हैं. जिससे लोगों को बेहद ही लाभ हुआ है लेकिन आज भी कई ऐसी सुविधाएं हैं जिन्हें शुरू तो किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोग उसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

तारों का ऐसा मकड़जाल आग लगे तो बुझाना मुश्किल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद मीनाक्षी लेखी ने गांव के बाहर एक रिपोर्ट लिस्ट लगाई हुई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि पिछले 5 सालों में गांव के लिए क्या-क्या काम किए हैं. जिनमें उनका कहना है कि यहां पर जो तारों का जंजाल पहले था वह अब यहां पर नहीं हैं. उनका कहना है कि तारों को बदलवाया गया है लेकिन इस बाबत हम जब गांव के अंदर पहुंचे तो वहां पर तारों के ऐसे मकड़जाल देखने को मिले, जहां पर अगर कोई भी शार्ट सर्किट होता है तो उस स्थान पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच सकेंगी क्योंकि यह गांव बेहद संकरा है. ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां न पहुंच पाने की वजह से यहां पर बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है. लोगों का कहना है कि जरूरी है कि जिस तरीके के तारों के मकड़जाल यहां पर बने हुए हैं. उन्हें दुरुस्त करना बेहद जरूरी है अन्यथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

इस गांव में काम तो हुआ पर बहुत से काम अधर में

कौशल ग्राम योजना के तहत युवा नहीं बन पाए कौशल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना में कौशल ग्राम योजना भी शामिल है.जिसमें युवाओं को कौशल बनाया जाएगा.जिसके बाद वह रोजगार हासिल कर सके हैं. इस बाबत हमने कुछ युवाओं से भी बातचीत की कि उन्होंने बताया कि यहां पर कई लोग ग्रेजुएशन और डिग्री हासिल किए हुए हैं.लेकिन आज भी वह बेरोजगार बैठे हुए हैं.उनका कहना है कि यहां पर कौशल ग्राम योजना के तहत कोई भी केंद्र नहीं बनाया गया है. जिससे कि लोग बेहतर हो सके और रोजगार मिल सके.

फिलहाल जिस तरह से मीनाक्षी लेखी ने पिछले पांच सालों में अपने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के पिलंजी गांव में काफी सुधार किया है. उससे लोग तो काफी खुश हैं लेकिन उनकी मांग है कि गांव के लोगों के लिए और सुविधाएं होनी चाहिए. जिससे कि वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की जन सुविधाओं को बेहतर रूप से उपयोग कर सकें. फिलहाल देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में गांव के लोग किस तरीके से मीनाक्षी लेखी के इन विकास कार्यों को परखते हैं और उनका कितना साथ निभा पाते हैं.

Intro:ग्राउंड रिपोर्ट:काम तो हुआ लेकिन अभी और है विकास की आंस

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए हुए गांव का सांसदों ने कितना पिछले साल पांच सालों में विकास किया है. इसकी ग्राउंड रिपोर्ट ईटीवी भारत की टीम लगातार आपके समक्ष ला रही है. इसी कड़ी में नई दिल्ली लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी ने ग्यारह सौ साल पुराने पिलंजी गांव को गोद लिया था. आपको बता दें कि पिलंजी गांव में करीब 30 हजार लोग रहते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सांसद मीनाक्षी लेखी ने यहां पर गांव का विकास तो किया है लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जिनका पूर्ण होना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि यहां पर सड़क, पानी, नालिया तो बनाई गई हैं. जिससे लोगों को बेहद ही लाभ हुआ है.लेकिन आज भी कई ऐसी सुविधाएं हैं जिन्हें शुरू तो किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोग उसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.


Body:तारों का ऐसा मकड़जाल आग लगे तो बुझाना मुश्किल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद मीनाक्षी लेखी ने गांव के बाहर एक रिपोर्ट लिस्ट लगाई हुई है.जिसमें उन्होंने बताया है कि उ पिछले 5 सालों में गांव के लिए क्या-क्या काम किए हैं. जिनमें उनका कहना है कि यहां पर जो तारों का जंजाल पहले था वह अब यहां पर नही है.उनका कहना है कि तारो को बदलवाया गया है. लेकिन इस बाबत हम जब गांव के अंदर पहुंचे तो वहां पर तारों के ऐसे मकड़जाल देखने को मिले जहां पर अगर कोई भी शार्ट सर्किट होता है तो उस स्थान पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच सकेंगी.क्योंकि यह गांव बेहद संकरा है ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां न पहुंच पाने की वजह से यहां पर बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है.लोगों का कहना है कि जरूरी है कि जिस तरीके के तारों के मकड़जाल यहां पर बने हुए हैं .उन्हें दुरुस्त करना बेहद जरूरी है अन्यथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

कम्युनिटी हॉल में पड़ा रहता है ताला
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर बुजुर्गों के बैठने के लिए कम्युनिटी हॉल तो बनाया गया है, लेकिन हॉल में बुजुर्गों के बैठने के लिए जो स्थान है उस पर हमेशा ताला लटका रहता है. जिसकी वजह से जो गांव के बुजुर्ग हैं वह लाभ नहीं ले पाते हैं. इस बाबत हम भी कम्युनिटी सेंटर पहुंचे जहां पर लाइब्रेरी तो खुली हुई थी. लेकिन वहां पर बैठने के लिए जो हॉल बना था. उस पर ताला लटका हुआ मिला.ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जो सुविधाएं दी जा रही है,लेकिन उनका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

बारात घर में भी नहीं है जन सुविधाएं
गांव के प्रधान राजपाल बसोया ने बताया कि यहां पर गांव के लोगों के शादी समारोह के लिए पहले बारात घर की मांग की गई थी.ऐसे में बारात घर तो मुहैया करा दिया गया है, लेकिन उसकी स्थिति जो है बेहद ही दयनीय है.उन्होंने बताया कि यहां पर सिर्फ एक टीन शेड डाल दी गई है. ऐसे में जब बारिश यहां पर होती है. तो लोगों को बचने के लिए कोई भी इंतजाम यहां पर मुहैया नहीं हो पाते हैं. इसके अलावा यहां पर अगर जो प्रोग्राम होता है तो यहां पर कोई भी शौचालय भी नहीं बना हुआ है. बारात घर के बराबर से एक शौचालय यहां पर पहले था लेकिन आज वहां पर ताला लटका हुआ नजर आता हैऐसे में यहां पर होने वाले कार्यक्रमों में काफी दिक्कतें आती हैं .उनका कहना है कि बरात घर तो मुहैया हो गया है, लेकिन यहां पर लोगों की सुविधाओं का भी पूरा इंतजाम हो तभी लाभ मिल सकेगा.

फुटओवर ब्रिज की है जरूरत
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां की आबादी करीब 30 हजार है. गांव से बाहर निकलने का जो मुख्य मार्ग है वहां पर काफी में यातायात रहता है.ऐसे में जो लोग पैदल चलने वाले हैं उन्हें सड़क पार करने के लिए भी सड़क से होकर गुजरना पड़ता है. उनका कहना है कि ऐसे में जरूरी है कि गांव के बाहर एक फुटओवर ब्रिज बनाया जाए. जिससे कि यहां पर होने वाले सड़क हादसों से बचा जा सके. उनका कहना है इसके अलावा यहां पर रोड पर काफी वाहन खड़े रहते हैं, जिसकी वजह से भी यातायात खासा साहब प्रभावित रहता है. जरूरी है कि यातायात की दृष्टि से और लोगों के सुविधा के लिए यहां पर फुटओवर ब्रिज बनवाया जाए.



Conclusion:कौशल ग्राम योजना के तह युवा नहीं बन पाए कौशल
आपको बता दें कि आदर्श ग्राम योजना में कौशल ग्राम योजना भी शामिल है.जिसमें युवाओं को कौशल बनाया जाएगा.जिसके बाद वह रोजगार हासिल कर सके हैं. इस बाबत हमने कुछ युवाओं से भी बातचीत की कि उन्होंने बताया कि यहां पर कई लोग ग्रेजुएशन और डिग्री हासिल किए हुए हैं.लेकिन आज भी वह बेरोजगार बैठे हुए हैं.उनका कहना है कि यहां पर कौशल ग्राम योजना के तहत कोई भी केंद्र नहीं बनाया गया है. जिससे कि लोग बेहतर हो सके और रोजगार मिल सके.

फिलहाल जिस तरह से मीनाक्षी लेखी ने पिछले पांच सालों में अपने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के पिलंजी गांव में काफी सुधार किया है. उसेसे लोग तो काफी खुश हैं. लेकिन उनकी मांग है कि गांव के लोगों के लिए और सुविधाएं होनी चाहिए. जिससे कि वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की जन सुविधाओं को बेहतर रूप से उपयोग कर सकें. फिलहाल देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में गांव के लोग किस तरीके से मीनाक्षी लेखी के इन विकास कार्यों को परखते हैं और उनका कितना साथ निभा पाते हैं.
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