नई दिल्ली/गाजियाबादः कोरोना काल में अपनी जान दांव पर लगाकर आम जनता की हिफाजत करते हुए पुलिसकर्मी इंसानियत की भी मिसाल कायम कर रहे हैं. दरअसल 17 मई को मोदीनगर के बिसोखर गांव में पति और बेटे की मृत्यु हो जाने के बाद बेसहारा होकर अकेली रह रही वृद्ध महिला की मृत्यु हो गई थी. सूचना पर पहुंचे गोविंदपुरी चौकी प्रभारी राजेश बाबू (Incharge Rajesh Babu) और सह चौकी प्रभारी धर्मेंद्र बालियान (Co incharge Dharmendra Balian) और उनकी टीम ने वृद्धा का पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराया था.
अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के 11 दिन बाद मोदीनगर थाने के गोविंदपुरी पुलिस चौकी में तेरहवीं (Govindpuri police thana) रखा गया. जिसमें चौकी प्रभारी राजेश बाबू और उनकी टीम ने मिलकर वृद्धा की आत्मा की शांति के लिए हवन किया. साथ ही ब्राह्मणों को ब्रह्म भोज भी कराया. दूसरी ओर करोना काल में अपना फर्ज निभाते हुए जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के लिए भी प्रार्थना की गई.
चौकी प्रभारी द्वारा इंसानियत का फर्ज निभाते हुए आज किए गए इस काम को लेकर मोदीनगर क्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार और थानाध्यक्ष मुनेंद्र सिंह ने सराहना की है. मोदीनगर थाने के गोविंदपुरी चौकी प्रभारी राजेश बाबू ने बताया कि 17 मई को एक वृद्ध महिला शांति देवी की मृत्यु हो गई थी. जिनका कोई भी परिजन या संरक्षक नहीं था. सूचना मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे और स्वयं पूरे विधि विधान के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया था.
ब्राह्मणों के लिए किया गया ब्रह्म भोज
चौकी प्रभारी राजेश बाबू (Thana Incharge Rajesh Babu) का कहना है कि हिंदू समुदाय के अनुसार अंतिम संस्कार के बाद सोलह संस्कार (तेरहवीं) होता है. इसीलिए उनकी अंतरात्मा ने कहा कि उनका सोलवां संस्कार भी पूरे विधि-विधान के साथ किया जाए.