नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन को लेकर रोजाना नेताओं की प्रतिक्रिया तो आ रही हैं. लेकिन अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है.
शुक्रवार को कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने यह तो बताया कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने 4 प्रत्याशियों के नाम फिलहाल तय कर लिए हैं. बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन की पॉलिसी बनाई थी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर उन्होंने आम आदमी पार्टी से चर्चा भी की. पार्टी के सांसद संजय सिंह से कई बार बात हुई. सीट शेयरिंग को लेकर की भी बातें हुई. आम आदमी पार्टी को चार और कांग्रेस को 3 सीटें दिया जाए, यह हमने प्रस्ताव रखा. मगर अभी तक स्थिति साफ नहीं है. आम आदमी पार्टी हरियाणा और पंजाब में भी कांग्रेस से गठबंधन चाहती है जिस पर फैसला नहीं हो पाया है.
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने एक बार फिर कहा कि कांग्रेस देश की स्थिति नहीं समझ रही है. दिल्ली में सिर्फ गठबंधन करने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. दिल्ली हरियाणा और पंजाब में पार्टी अगर गठबंधन करेगी तो 33 सीटें पर भाजपा के खिलाफ गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में होंगे. इससे मतदान के बाद अगर भाजपा के पक्ष में नतीजे नहीं आए तो आप और कांग्रेस के गठबंधन से जो नतीजे आएंगे वह सरकार बनाने में कारगर साबित होगा.
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़कर बनी है. तब एक-एक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस को कोसा और वह आम आदमी पार्टी में अपनी भूमिका निभाई. आज पार्टी इस मुकाम पर पहुंची है. बावजूद देश में आज जो माहौल बना हुआ है, संवैधानिक संस्थाएं अदालत, चुनाव आयोग तक पर सरकार का जो कंट्रोल होता जा रहा है. भाजपा के इस वर्चस्व को खत्म करने के लिए अन्य विपक्षी दलों से सुझाव के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए तैयार हुई. मगर कांग्रेस गठबंधन के फार्मूले को समझ ही नहीं पा रही है.
कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में गठबंधन कर तीन सीटें चाहती हैं. जिससे कुछ नहीं होने वाला. पंजाब में उनका कहना है कि उनकी स्थिति मजबूत है. जबकि आम आदमी पार्टी के 4 सांसद हैं और 19 विधायक हैं. हरियाणा में कांग्रेस का दावा है कि वह जीत रहे हैं, जबकि अभी जींद में उप चुनाव हुए तो कांग्रेस प्रत्याशी हार गए.
गोपाल राय में कांग्रेस से पूछा कि वह हरियाणा के अंदर भारतीय जनता पार्टी को क्यों जिताना चाहती है? दिल्ली के साथ अगर हरियाणा, पंजाब में भी आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ होता तो आज स्थिति कुछ अलग होती.