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Defence equipment exhibition: भारत में बना ऐसा चश्मा जो करेगा अपराधियों की पहचान, एक करोड़ डाटा स्टोरेज की है क्षमता; जानें सारी खूबियां

दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे एक्सपो में एक खास तरह के चश्मे को प्रदर्शित किया गया. यह चश्मा बेहद खास है और इसके जरिए पुलिस और सेना की काफी मदद हो सकती है. मेक इन इंडिया के तहत भारतीय कंपनी ने इसे 5 साल की अध्ययन के बाद बनाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 31, 2023, 6:33 AM IST

Updated : Oct 31, 2023, 12:30 PM IST

भारत में बना खास तरह का चश्मा

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए डिफेंस एक्सपो में फोर्स और पुलिस के काम को आसान बनाने के लिए भारत में निर्मित अनोखे चश्मे को प्रदर्शित किया गया. इस चश्मे की कई खासियत है. इसमें लगा लेंस 200 तरीके से व्यक्ति की पहचान करने में सक्षम है. इतना ही नहीं इस चश्मे के प्रयोग से सैकड़ों किमी दूर बैठे डॉक्टर मरीज को देखकर इलाज कर सकते हैं. मेक इन इंडिया के तहत एक भारतीय कंपनी ने इस तरह का चश्मा तैयार किया है. इसको तैयार करने में कंपनी को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़े हैं और इसे 5 साल की अध्ययन के बाद बनाया गया है.

कंप्यूटिंग पावर वाला है चश्मा: चश्मे को बनाने वाले डॉ. जितेंद्र कोचर ने बताया कि चश्मा में स्मार्ट ग्लास लगा है. इसमें कंप्यूटिंग पावर है. गृह मंत्रालय के पास क्रिमिनल का डाटा होता है. यदि इस चश्मे को डेटा से कनेक्ट कर दिया जाए तो किसी भी भीड़ भाड़ वाले इलाके रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, एयरपोर्ट आदि पर चश्मा पहनने वाले की नजर किसी भी क्रिमिनल पर पड़ेगी तो उसकी पहचान कर लेगा. चश्मे में स्क्रीन भी लगी है, जिसमें क्रिमिनल की जानकारी आ जाएगी. साथ ही यदि कैमरा मोबाइल या कंट्रोल रूम के कंप्यूटर से कनेक्ट है तो वहां पर भी इसकी जानकारी और लोकेशन आ जाएगी. इतना ही नहीं यह चश्मा फोटो और लोकेशन को भी रिकॉर्ड करता है.

भारत में बना खास तरह का चश्मा
भारत में बना खास तरह का चश्मा

एक करोड़ लोगों के डेटा का स्टोरेज ऑप्शन: डॉ. जितेंद्र कोचर ने बताया कि इस चश्मे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) यूज किया गया है. फेस देखने के लिए 200 पॉइंट होते हैं. यदि चश्मे में 25 पॉइंट भी मैच करेगा तो चश्मा तुरंत बता देगा. यदि चश्मा सर्वर से कनेक्ट है तो 50 लाख से 1 करोड़ तक का डाटा इसमें स्टोर हो सकता है.

पहाड़ी इलाके से भी मोबाइल से इस चश्मे को कनेक्ट किया जा सकता है और 10 हजार लोगों का डाटा रखा जा सकता है. डॉ जितेंद्र कोचर ने बताया कि मणिपुर पुलिस को हमने यह चश्मा दिया है. विदेश की भी पुलिस इस चश्मे को लेकर ट्रायल का काम कर रही है. प्रदर्शनी में बीएसएफ के स्पेशल डायरेक्टर जनरल पीबी रामाशास्त्री ने भी इस चश्मे को देखा और उपयोगिता जानी. उन्होंने विभिन्न इलाकों आर्मी के लिए इस चश्मे को उपयोगी बताया और ट्रायल कराने को कहा.

ये भी पढ़ें: Defence equipment Exhibition: बम की दूर से पहचान कर निष्क्रिय करेगा स्वदेशी रोबोट, जानें और क्या है खूबियां

घर बैठे डॉक्टर देख सकते हैं मरीज: डॉ. जितेंद्र कोचर ने कहा कि यह चश्मा चिकित्सा क्षेत्र में भी उपयोगी है. ट्रायल के तौर पर हमने कई अस्पतालों में चश्मे को दिया. कोरोना कल में ऐसे डॉक्टर जो खुद बीमार थे या हॉस्पिटल नहीं आना चाहते थे उन्होंने इस चश्मे की मदद से घर बैठकर मरीजों का इलाज किया. मरीज के पास मौजूद अटेंडेंट या नर्स को या चश्मा पहनना होता है और लाइव तस्वीर डॉक्टर के लैपटॉप पर दिखाई देती है. इस तरीके से मरीज को देखकर डॉक्टर ने इलाज किया.

ये भी पढ़ें: Robotic knee replacement: आईएसआईसी में रोबोटिक नी रिप्लेसमेन्ट सुविधा शुरू, रोबोट सर्जन के लिये बड़ा मददगार

भारत में बना खास तरह का चश्मा

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए डिफेंस एक्सपो में फोर्स और पुलिस के काम को आसान बनाने के लिए भारत में निर्मित अनोखे चश्मे को प्रदर्शित किया गया. इस चश्मे की कई खासियत है. इसमें लगा लेंस 200 तरीके से व्यक्ति की पहचान करने में सक्षम है. इतना ही नहीं इस चश्मे के प्रयोग से सैकड़ों किमी दूर बैठे डॉक्टर मरीज को देखकर इलाज कर सकते हैं. मेक इन इंडिया के तहत एक भारतीय कंपनी ने इस तरह का चश्मा तैयार किया है. इसको तैयार करने में कंपनी को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़े हैं और इसे 5 साल की अध्ययन के बाद बनाया गया है.

कंप्यूटिंग पावर वाला है चश्मा: चश्मे को बनाने वाले डॉ. जितेंद्र कोचर ने बताया कि चश्मा में स्मार्ट ग्लास लगा है. इसमें कंप्यूटिंग पावर है. गृह मंत्रालय के पास क्रिमिनल का डाटा होता है. यदि इस चश्मे को डेटा से कनेक्ट कर दिया जाए तो किसी भी भीड़ भाड़ वाले इलाके रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, एयरपोर्ट आदि पर चश्मा पहनने वाले की नजर किसी भी क्रिमिनल पर पड़ेगी तो उसकी पहचान कर लेगा. चश्मे में स्क्रीन भी लगी है, जिसमें क्रिमिनल की जानकारी आ जाएगी. साथ ही यदि कैमरा मोबाइल या कंट्रोल रूम के कंप्यूटर से कनेक्ट है तो वहां पर भी इसकी जानकारी और लोकेशन आ जाएगी. इतना ही नहीं यह चश्मा फोटो और लोकेशन को भी रिकॉर्ड करता है.

भारत में बना खास तरह का चश्मा
भारत में बना खास तरह का चश्मा

एक करोड़ लोगों के डेटा का स्टोरेज ऑप्शन: डॉ. जितेंद्र कोचर ने बताया कि इस चश्मे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) यूज किया गया है. फेस देखने के लिए 200 पॉइंट होते हैं. यदि चश्मे में 25 पॉइंट भी मैच करेगा तो चश्मा तुरंत बता देगा. यदि चश्मा सर्वर से कनेक्ट है तो 50 लाख से 1 करोड़ तक का डाटा इसमें स्टोर हो सकता है.

पहाड़ी इलाके से भी मोबाइल से इस चश्मे को कनेक्ट किया जा सकता है और 10 हजार लोगों का डाटा रखा जा सकता है. डॉ जितेंद्र कोचर ने बताया कि मणिपुर पुलिस को हमने यह चश्मा दिया है. विदेश की भी पुलिस इस चश्मे को लेकर ट्रायल का काम कर रही है. प्रदर्शनी में बीएसएफ के स्पेशल डायरेक्टर जनरल पीबी रामाशास्त्री ने भी इस चश्मे को देखा और उपयोगिता जानी. उन्होंने विभिन्न इलाकों आर्मी के लिए इस चश्मे को उपयोगी बताया और ट्रायल कराने को कहा.

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घर बैठे डॉक्टर देख सकते हैं मरीज: डॉ. जितेंद्र कोचर ने कहा कि यह चश्मा चिकित्सा क्षेत्र में भी उपयोगी है. ट्रायल के तौर पर हमने कई अस्पतालों में चश्मे को दिया. कोरोना कल में ऐसे डॉक्टर जो खुद बीमार थे या हॉस्पिटल नहीं आना चाहते थे उन्होंने इस चश्मे की मदद से घर बैठकर मरीजों का इलाज किया. मरीज के पास मौजूद अटेंडेंट या नर्स को या चश्मा पहनना होता है और लाइव तस्वीर डॉक्टर के लैपटॉप पर दिखाई देती है. इस तरीके से मरीज को देखकर डॉक्टर ने इलाज किया.

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Last Updated : Oct 31, 2023, 12:30 PM IST
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