ETV Bharat / state

वेतन नहीं मिलने से निराश कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से की मदद की अपील - निगम टीचरों ने दिल्ली सरकार मांगी मदद

साउथ एमसीडी के सभी कॉन्ट्रैक्ट टीचरों को अप्रैल 2020 से तनख्वाह नहीं मिली है. इससे परेशान होकर निगम टीचरों ने अब दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Frustrated contract teachers appealed to Delhi government for help
Frustrated contract teachers appealed to Delhi government for help
author img

By

Published : Oct 14, 2021, 2:00 AM IST

नई दिल्ली: साउथ एमसीडी के तहत कार्यरत शिक्षकों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. आरोप है कि इससे तंग आकर दो शिक्षकों ने डिप्रेशन में आत्महत्या कर ली. परेशान होकर शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है, जहां इन्हें मदद का भरोसा मिला है. आप विधायक आतिशी और साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने अपने-अपने बयान में बताया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टीचरों को मदद का आश्वासन दिया है.

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लगभग 550 कॉन्ट्रैक्ट टीचर हैं. इन कॉन्ट्रैक्ट टीचरों को अप्रैल 2020 से तनख्वाह नहीं मिली है. अब हालात यह हो गए हैं कि दो टीचरों ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास लेने के लिए लोग नहीं हैं. न तो इन टीचरों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया जा रहा है और न ही इन्हें सैलरी दी जा रही है.

आतिशी ने कहा कि परेशान होकर सभी टीचर साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान से मिले. मुझसे भी आकर मिले और आज हमारे माध्यम से यह लोग उप मुख्यमंत्री से भी मिले. इन्होंने उप मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याएं रखीं कि किस तरह से 15 सालों से यह लोग एमसीडी में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन जब कोरोना का मुश्किल समय आया तो साउथ एमसीडी ने इनको बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी. ये लोग आठ-आठ घंटे मेयर के ऑफिस के सामने इंतजार करते रहे, लेकिन इनकी कोई बात नहीं सुनी गई. एमसीडी ने इन्हें इधर से उधर भगाया, लेकिन अभी भी अप्रैल 2020 से लेकर आजतक की तनख्वाह इन्हें नहीं मिली है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि करीब 15-20 सालों से ये लोग एमसीडी में कार्यरत हैं. अब अचानक कोरोना के दौरान, जब उन्हें पैसों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी तो एमसीडी ने हाथ खड़े कर लिए. मेयर का कहना है कि इस बार एक लाख से ज्यादा एडमिशन किए हैं, लेकिन समझ में नहीं आता है कि इन्होंने जो नए एडमिशन किए हैं, ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, जब आपके पास टीचर ही नहीं होंगे तो इन बच्चों को पढ़ाएगा कौन?

यह भी पढ़ें:-पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली AIIMS में भर्ती

उन्होंने कहा, 586 टीचरों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, लेकिन जब मेयर साहब ने हाथ खड़े कर लिए तो यह लोग मेरे पास आए. एक नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मुझे लगा कि मुझे इनकी मदद करनी चाहिए इसलिए मदद की पहल करते हुए दिल्ली सरकार से इनकी मुलाकात कराई. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अब उम्मीद है कि सभी टीचरों को मदद मिल जाएगी. यह जिम्मेदारी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की थी, जिसमें वह पूरी तरह फेल रहा है.

नई दिल्ली: साउथ एमसीडी के तहत कार्यरत शिक्षकों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. आरोप है कि इससे तंग आकर दो शिक्षकों ने डिप्रेशन में आत्महत्या कर ली. परेशान होकर शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है, जहां इन्हें मदद का भरोसा मिला है. आप विधायक आतिशी और साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने अपने-अपने बयान में बताया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टीचरों को मदद का आश्वासन दिया है.

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लगभग 550 कॉन्ट्रैक्ट टीचर हैं. इन कॉन्ट्रैक्ट टीचरों को अप्रैल 2020 से तनख्वाह नहीं मिली है. अब हालात यह हो गए हैं कि दो टीचरों ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास लेने के लिए लोग नहीं हैं. न तो इन टीचरों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया जा रहा है और न ही इन्हें सैलरी दी जा रही है.

आतिशी ने कहा कि परेशान होकर सभी टीचर साउथ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान से मिले. मुझसे भी आकर मिले और आज हमारे माध्यम से यह लोग उप मुख्यमंत्री से भी मिले. इन्होंने उप मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याएं रखीं कि किस तरह से 15 सालों से यह लोग एमसीडी में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन जब कोरोना का मुश्किल समय आया तो साउथ एमसीडी ने इनको बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी. ये लोग आठ-आठ घंटे मेयर के ऑफिस के सामने इंतजार करते रहे, लेकिन इनकी कोई बात नहीं सुनी गई. एमसीडी ने इन्हें इधर से उधर भगाया, लेकिन अभी भी अप्रैल 2020 से लेकर आजतक की तनख्वाह इन्हें नहीं मिली है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि करीब 15-20 सालों से ये लोग एमसीडी में कार्यरत हैं. अब अचानक कोरोना के दौरान, जब उन्हें पैसों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी तो एमसीडी ने हाथ खड़े कर लिए. मेयर का कहना है कि इस बार एक लाख से ज्यादा एडमिशन किए हैं, लेकिन समझ में नहीं आता है कि इन्होंने जो नए एडमिशन किए हैं, ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, जब आपके पास टीचर ही नहीं होंगे तो इन बच्चों को पढ़ाएगा कौन?

यह भी पढ़ें:-पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली AIIMS में भर्ती

उन्होंने कहा, 586 टीचरों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, लेकिन जब मेयर साहब ने हाथ खड़े कर लिए तो यह लोग मेरे पास आए. एक नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मुझे लगा कि मुझे इनकी मदद करनी चाहिए इसलिए मदद की पहल करते हुए दिल्ली सरकार से इनकी मुलाकात कराई. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अब उम्मीद है कि सभी टीचरों को मदद मिल जाएगी. यह जिम्मेदारी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की थी, जिसमें वह पूरी तरह फेल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.