नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती के दौरान पकड़ी गई गड़बड़ी के बाद अब MTS भर्ती मामले में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. यह खुलासा फिंगरप्रिंट के आधार पर हुआ है. इसमें पता चला है कि 11 लोगों ने अपनी जगह किसी अन्य शख्स को परीक्षा में भेजा था. इस मामले को लेकर मुखर्जी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने साल 2017 में मल्टी टास्किंग स्टाफ के लिए कुल 707 वैकेंसी निकाली थीं. इसके लिए सात लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. इसमें रसोईया, वाटर कैरियर, धोबी, मोची, माली, नाई, कारपेंटर आदि के पद शामिल थे. 2018-19 में इसके लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी. जिसमें 2.83 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था. इसमें से 3625 आवेदकों ने परीक्षा पास कर ली थी. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इनमें से 408 लोगों का चुनाव किया था. इनमें से भी 268 ने ही बेसिक ट्रेनिंग ज्वाइन की. 78 लोगों का आवेदन कैंसिल हो गया था जबकि 62 का मामला अभी भी पेंडिंग है.
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रिक्रूटमेंट सेल के इंस्पेक्टर दीपक चंद्र की तरफ से मुखर्जी नगर पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया है कि 28 फरवरी 2020 को इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था. परीक्षा के बाद चुने गए लोगों को ऑफर लेटर लेने के लिए पुलिस अधिकारियों ने बुलाया था. यह लेटर देने से पूर्व उनके फिंगर प्रिंट के निशान भी लिए जा रहे थे. इस दौरान उन्होंने पाया कि 11 लोगों के फिंगर प्रिंट परीक्षा देने वाले शख्स से अलग हैं. जनवरी 2021 से उनकी ट्रेनिंग शुरू होनी थी. इसके बाद उन्हें अप्रैल महीने में फिंगरप्रिंट की जांच के लिए बुलाया गया था. इनमें से केवल 9 लोग ही अपना फिंगरप्रिंट देने के लिए आए जिनके फिंगरप्रिंट नहीं मिले.
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पुलिस अधिकारियों ने इसे लेकर 11 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उनसे पूछा गया कि उनके फिंगरप्रिंट परीक्षा देने वाले से मैच क्यों नहीं हो रहे हैं. आरोपी इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इस बारे में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को जानकारी दी गई थी. भर्ती सेल ने छानबीन पूरी करने के बाद अब इस मामले में शिकायत दी है.