ETV Bharat / state

अंग्रेजों के जमाने से वही जायका, मलाई व जलेबी के साथ लीजिये दूध का स्वाद - दिल्ली में मशहूर दूध की दुकान

पुरानी दिल्ली इलाके में कढ़ाई वाले दूध के नाम से मशहूर मक्खनलाल टीकाराम की दुकान साल 1928 से लोगों को दूध और जलेबी चखा रही है, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं. इस दूध की खासियत ये है कि इसे इतना पकाया जाता है कि इसका रंग गुलाबी हो जाता है और इसमें मोटी मलाई की परत जम जाती है. इसके बाद इसे शुद्ध देसी घी से बनाई गई जलेबी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद काफी बढ़ जाता है.

Butter Lal Tikaram, a famous shop of milk and jalebi
दूध और जलेबी की मशहूर दुकान मक्खनलाल टीकाराम
author img

By

Published : Sep 7, 2021, 9:44 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 11:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में खाने के शौकीनों की कमी नहीं है और न ही बनाने वालों की. राजधानी में आपको भारतीय व्यंजनों से लेकर चायनीज फूड तक की मशहूर दुकानें मिल जायेंगी, जहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. पुरानी दिल्ली में लोगों का सुबह का नाश्ता दूध के बिना अधूरा रहता है. ऐसा कहा जाता है कि सुबह सुबह दूध पीने से पेट का सिस्टम दुरुस्त रहता है और शरीर को ताजगी मिलती है.

दूध और जलेबी के लिये मशहूर है पुरानी दिल्ली

हालांकि, भारतीयों के लिए दूध पीना एक सामान्य सी बात है, लेकिन पुरानी दिल्ली में मिलने वाला विशेष दूध लोग काफी पसंद करते हैं. कश्मीरी गेट के इलाके में मक्खन लाल टीकाराम दुकान दूध और जलेबी के लिये काफी मशहूर है. दिल्ली के दूरदराज इलाकों से लोग यहां सिर्फ दूध और जलेबी खाने आते हैं. यहां मिलने वाले दूध की खासियत यह है कि इस दूध को पूरे दिन उबाला जाता है, जिससे इसका रंग गुलाबी हो जाता है और फिर इसे मलाई मारकर कुल्हड़ में जलेबी के साथ दिया जाता है. जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है.

दिल्ली के लोगों को पसंद आया बरेली का जायका, दिनेश लाल के छोले-कुलचों के लिए लगती है लाइन

इस दुकान की शुरुआत साल 1928 से दूध-जलेबी बनाने की शुरुआत हुई थी, जो आज भी अनवरत चल रही है. मक्खनलाल टीकाराम की दुकान में लगातार तीसरी पीढ़ी है, जो लोगों को दूध जलेबी खिला रही है. दुकान के मालिक दिशांत बताते हैं कि आज भी यहां दूध-जलेबी वैसी ही बनाई जाती है, जैसे आजादी से पहले बनाई जाती थी. इस दौरान क्वालिटी का विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है.

सालों से कढ़ाई वाले दूध के लिए मशहूर इस दुकान में दूध को विशेष तौर पर मुरादनगर से मंगाया जाता है. इस दूध को कढ़ाई में डालकर सुबह ही भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है और पूरे दिन उबाला जाता है, इसलिए यह हल्की गुलाबी नजर आती है. इसमें मोटी मलाई की परत बिछ जाती है. वहीं, जलेबी शुद्ध देसी घी से बनाई जाती है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है और फिर दूध और जलेबी का गठजोड़ जायके को बहुत ही स्वादिष्ट बना देता है.

फतेहचंद की कचौड़ियों ने लोगों को बनाया दीवाना, हर रोज हज़ारों लोग चखते हैं स्वाद

मक्खन लाल टीकाराम की दुकान सुबह 8 से रात 10 बजे तक खुली रहती है. इस बीच आप कभी पहुंचेंगे, तो कढ़ाई पर आपको दूध उबलता हुआ दिखाई दे जाएगा. आप कहेंगे कि दूध का एक गिलास चाहिए तो कड़ाई से ढाई सौ ग्राम दूध मलाई मारकर आपके सामने पेश किया जायगा.

भारत के हेल्थ विशेषज्ञों ने अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों पर रोक लगाने का किया आह्वान

अब बात रेट की भी कर लेते हैं तो मक्खन लाल टीका राम के मशहूर दूध-जलेबी के एक गिलास की कीमत 85 रुपये है. जलेबी खासतौर पर देसी घी में तैयार की जाती है, जिसकी कीमत 440 रुपये प्रति किलो है.

नई दिल्ली: दिल्ली में खाने के शौकीनों की कमी नहीं है और न ही बनाने वालों की. राजधानी में आपको भारतीय व्यंजनों से लेकर चायनीज फूड तक की मशहूर दुकानें मिल जायेंगी, जहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. पुरानी दिल्ली में लोगों का सुबह का नाश्ता दूध के बिना अधूरा रहता है. ऐसा कहा जाता है कि सुबह सुबह दूध पीने से पेट का सिस्टम दुरुस्त रहता है और शरीर को ताजगी मिलती है.

दूध और जलेबी के लिये मशहूर है पुरानी दिल्ली

हालांकि, भारतीयों के लिए दूध पीना एक सामान्य सी बात है, लेकिन पुरानी दिल्ली में मिलने वाला विशेष दूध लोग काफी पसंद करते हैं. कश्मीरी गेट के इलाके में मक्खन लाल टीकाराम दुकान दूध और जलेबी के लिये काफी मशहूर है. दिल्ली के दूरदराज इलाकों से लोग यहां सिर्फ दूध और जलेबी खाने आते हैं. यहां मिलने वाले दूध की खासियत यह है कि इस दूध को पूरे दिन उबाला जाता है, जिससे इसका रंग गुलाबी हो जाता है और फिर इसे मलाई मारकर कुल्हड़ में जलेबी के साथ दिया जाता है. जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है.

दिल्ली के लोगों को पसंद आया बरेली का जायका, दिनेश लाल के छोले-कुलचों के लिए लगती है लाइन

इस दुकान की शुरुआत साल 1928 से दूध-जलेबी बनाने की शुरुआत हुई थी, जो आज भी अनवरत चल रही है. मक्खनलाल टीकाराम की दुकान में लगातार तीसरी पीढ़ी है, जो लोगों को दूध जलेबी खिला रही है. दुकान के मालिक दिशांत बताते हैं कि आज भी यहां दूध-जलेबी वैसी ही बनाई जाती है, जैसे आजादी से पहले बनाई जाती थी. इस दौरान क्वालिटी का विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है.

सालों से कढ़ाई वाले दूध के लिए मशहूर इस दुकान में दूध को विशेष तौर पर मुरादनगर से मंगाया जाता है. इस दूध को कढ़ाई में डालकर सुबह ही भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है और पूरे दिन उबाला जाता है, इसलिए यह हल्की गुलाबी नजर आती है. इसमें मोटी मलाई की परत बिछ जाती है. वहीं, जलेबी शुद्ध देसी घी से बनाई जाती है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है और फिर दूध और जलेबी का गठजोड़ जायके को बहुत ही स्वादिष्ट बना देता है.

फतेहचंद की कचौड़ियों ने लोगों को बनाया दीवाना, हर रोज हज़ारों लोग चखते हैं स्वाद

मक्खन लाल टीकाराम की दुकान सुबह 8 से रात 10 बजे तक खुली रहती है. इस बीच आप कभी पहुंचेंगे, तो कढ़ाई पर आपको दूध उबलता हुआ दिखाई दे जाएगा. आप कहेंगे कि दूध का एक गिलास चाहिए तो कड़ाई से ढाई सौ ग्राम दूध मलाई मारकर आपके सामने पेश किया जायगा.

भारत के हेल्थ विशेषज्ञों ने अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों पर रोक लगाने का किया आह्वान

अब बात रेट की भी कर लेते हैं तो मक्खन लाल टीका राम के मशहूर दूध-जलेबी के एक गिलास की कीमत 85 रुपये है. जलेबी खासतौर पर देसी घी में तैयार की जाती है, जिसकी कीमत 440 रुपये प्रति किलो है.

Last Updated : Sep 7, 2021, 11:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.