नई दिल्लीः दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बृजभूषण शरण सिंह पर झूठे आरोप लगाने की बात कही गई है. याचिका पर कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से 9 जून तक एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का कहा है. अब मामले पर अगली सुनवाई 9 जून को होगी.
याचिका में धरने के तीनों मुख्य चेहरे पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर आरोप लगाए गए हैं. ये भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 32 दिन से पहलवान का जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. बुधवार को बम बम महाराज के वकील की ओर से पहलवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की याचिका पटियाला हाउस कोर्ट में डाली गई है.
शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने दलील पेश की, जिसमें कहा गया है कि आरोपी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पहलवान हैं, जिनके पास शारीरिक शक्ति और वित्तीय स्थिरता है. यह विश्वास करना मुश्किल है कि 66 वर्षीय व्यक्ति सिंह द्वारा उन्हें परेशान किया जा सकता है. इसके अलावा, दलील में शामिल किसी भी पहलवान द्वारा औपचारिक विरोध या लिखित या मौखिक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दाखिल करने की अनुपस्थिति पर प्रकाश डाला गया है.
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याचिका में कहा गया है कि पहलवानों ने पुलिस स्टेशन, महिला हेल्पलाइन, राज्य महिला आयोग, महिला कल्याण मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ जैसे प्रासंगिक अधिकारियों से संपर्क नहीं किया, जिनके कार्यालय दिल्ली और अन्य राज्यों में हैं. इसके अलावा, याचिका में तर्क दिया गया है कि पहलवानों द्वारा दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन ने वांछित परिणाम प्राप्त करने के प्रयास में पुलिस और अदालत प्रणाली पर अनावश्यक दबाव डालने का काम किया.