नई दिल्ली: दिल्ली के राम लीला मैदान में बुधवार को फिर से केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है. इसमें किसान संगठनों से जुड़े कई मजदूर संगठन भी शामिल हुए. साथ ही कई राजनीतिक पार्टियां भी इस संगठन में शामिल हुई. यह प्रदर्शन लेफ्ट पार्टियों के बैनर तले सुबह 10 बजे से शुरू किया गया था. किसानों और मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है.
रामलीला मैदान में हुए इस प्रदर्शन को मजदूर किसान संघर्ष रैली नाम दिया गया है, जिसमें ऑल इंडिया किसान सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन से जुड़े तमाम किसान और मजदूर शामिल हुए. रामलीला का मैदान पूरी तरह से खचाखच बदला हुआ नजर आया, पूरे रामलीला मैदान में आज लाल झंडे ही चारों तरफ दिखाई दिए.
इस प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों की ठेकेदारी प्रथा खत्म करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी जामा पहनाने और किसानों के लिए केंद्र से कर्ज माफी के साथ-साथ 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों के लिए पेंशन की मांग है. प्रदर्शन में शामिल हुए लेफ्ट के लोगों का कहना है कि केंद्र की मौजूदा सरकार हर एक सरकारी संपत्ति को कॉर्पोरेट के हाथों बेचना चाहती है. सरकार ने लोगों को रोजगार देने का वादा किया था आज लोग बेरोजगार हैं.
स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है. देश में युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. हर एक विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. जो दिहाड़ी मजदूर ईमानदारी के साथ काम करते हैं, उनको वेतन नहीं मिलता. इस समय 40 करोड लोग गरीबी रेखा से नीचे आ चुके हैं. सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हिंदू मुस्लिम और धर्म के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है.
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वहीं आंदोलन में पहुंची सीटू (CITU) सगठन की सेक्रेटरी AR सिद्धू का कहना है कि देश के मौजूदा हालात पूरी तरह से खराब हैं. केंद्र में जब से 8 साल से मोदी सरकार आई है देश में लोगों को धर्म के नाम पर आपस में लड़ाया जा रहा है. हर एक विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ गया है. लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही, युवा बेरोजगार हो रहे हैं. एक तरफ देश आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ 40 करोड से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे आ चुके हैं.
आज इस आंदोलन में कई प्रमुख मुद्दे रखे गए हैं, जिनमें सबसे बड़ा मुद्दा 2024 के रणनीति को लेकर है. एक एजेंडा 2024 से पहले सेट करना है कि किस तरह से हमें सरकार बदलनी है. मोदी सरकार देश में तानाशाही शासन चला रही है. देश में अराजकता का माहौल फैला हुआ है, लोग आपस में लड़ रहे हैं और सरकार सिर्फ सरकारी कंपनियों को बेच रही है.
सिर्फ दो चार पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, इसलिए आज की बैठक में देश के अलग-अलग राज्यों से किसान संगठन मजदूर संगठन और कई संगठन के लोग इसमें शामिल हुए. जिसमें खासतौर पर 2024 के चुनाव को लेकर एक एजेंडा सेट किया जाएगा और किस तरह से मौजूदा सरकार को हटाना है इन तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई.
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