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अंडों पर स्केचिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन, देखिए इन बच्चों की अनोखी कला

दिल्ली देहात में किसान के बच्चे अंडों पर किसानों के स्कैच बनाकर आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं. ये बच्चे पहले भी कई बड़ी शख्सियतों के स्कैच बना चुके हैं.

Supporting farmer movement by sketching on eggs
अंडों पर स्केचिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन
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Published : Dec 15, 2020, 2:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली देहात के किसान के बेटे और बेटी ने अनोखे अंदाज से किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है. इन बच्चों ने अंडे और वेस्टिज पेपर पर किसानों का स्क्रैच बनाकर उनका समर्थन किया. हम बात कर रहे हैं दिल्ली के घीटोरनी गांव में रहने वाले किसान परिवार के दो बच्चों की जो स्क्रैचिंग और पेंटिंग बनाने में धुरंधर है. अंडे पर एक से बढ़कर एक स्क्रैचिंग बनाने वाले इन बच्चों का हुनर बेहद अनोखा है.

अंडों पर स्केचिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन

दिल्ली के घीटोरनी गांव में किसान परिवार में जन्मे अमिताभ और निशा अपने हुनर के द्वारा लोगों को अचंभित कर देते हैं. इन दोनों बच्चों को देखिए एक अंडे पर किस तरह से खूबसूरत स्क्रैचिंग कर रहे हैं. वहीं प्रकृति का ख्याल रखते हुए निशा इस हुनर को सादे पन्ने के बजाय वेस्टेज पेपर पर स्क्रैचिंग कर रही है.

फिलहाल के दौर में किसान आंदोलन को देखते हुए यह दोनों किसान के सपूत पेंटिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. इनका यह हुनर काफी अनोखा है. इन्होंने कई सारे नेता, अभिनेता, खिलाड़ियों और देश के शहीदों के स्क्रैचिंग बनाई है. इनकी स्क्रैचिंग को देखने के बाद ऐसा लगता है मानो एक सादे पन्ने पर बने उन सितारों की तस्वीर बोल उठेगी.

कई सालों से बना रहे पेंटिंग

निशा और अमिताभ कई सालों से इस पेंटिंग को कर रहे हैं. किसान परिवार से होने के कारण इनकी माली स्थिति इतनी ठीक नहीं है. अमिताभ को मजबूरी में एक जनरल स्टोर पर काम करके अपने परिवार का पेट पालना होता है तो निशा अभी पढ़ाई कर रही हैं. इन किसान के बच्चों के पास हुनर तो है, लेकिन इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.

इनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए घिटोरनी गांव की एक एनजीओ ने इन बच्चों को मदद करने की कोशिश की है. एनजीओ द्वारा गांव के कुछ लोगों को इन बच्चों के हुनर के बारे में पता लगा. उसके बाद गांव के लोगों ने इन दोनों बच्चों को फूल की माला पहना कर इन्हें सम्मानित किया और इनके उज्जवल भविष्य के लिए लड्डू खिलाए और आर्थिक सहायता भी की.

गरीब किसान के बच्चे कर रहे नाम रोशन

किसान न सिर्फ जमीन से सोना उगाता है, बल्कि किसान के बच्चे भी अपने हुनर के बदौलत किसान के खानदान का नाम रोशन करते रहे हैं. दिल्ली के एक छोटे से गांव में रहने वाले इन हुनर बाज बच्चों के उज्जवल भविष्य की हम भी कामना करते हैं. ऐसे कलाकारों की मंजिल बहुत दूर तक होती है.हमें आशा है कि यह दोनों बच्चे ना सिर्फ अपने घिटोरनी गांव का बल्कि एक दिन अपने देश का भी नाम रोशन करेंगे.

गरीब किसान परिवार मे जन्मे इन दोनों कलाकारों के अंदर गजब का हुनर है. इन्होने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और अनगिनत बॉलीवुड और हॉलीवुड कलाकारों के भी स्केचिंग बनाई है. लेकिन अभी तक इनकी पहचान नहीं हो पाई है.

किसान परिवार से होने के कारण ये दोनों अपने कलाकारी के माध्यम से किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली देहात के किसान के बेटे और बेटी ने अनोखे अंदाज से किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है. इन बच्चों ने अंडे और वेस्टिज पेपर पर किसानों का स्क्रैच बनाकर उनका समर्थन किया. हम बात कर रहे हैं दिल्ली के घीटोरनी गांव में रहने वाले किसान परिवार के दो बच्चों की जो स्क्रैचिंग और पेंटिंग बनाने में धुरंधर है. अंडे पर एक से बढ़कर एक स्क्रैचिंग बनाने वाले इन बच्चों का हुनर बेहद अनोखा है.

अंडों पर स्केचिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन

दिल्ली के घीटोरनी गांव में किसान परिवार में जन्मे अमिताभ और निशा अपने हुनर के द्वारा लोगों को अचंभित कर देते हैं. इन दोनों बच्चों को देखिए एक अंडे पर किस तरह से खूबसूरत स्क्रैचिंग कर रहे हैं. वहीं प्रकृति का ख्याल रखते हुए निशा इस हुनर को सादे पन्ने के बजाय वेस्टेज पेपर पर स्क्रैचिंग कर रही है.

फिलहाल के दौर में किसान आंदोलन को देखते हुए यह दोनों किसान के सपूत पेंटिंग बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. इनका यह हुनर काफी अनोखा है. इन्होंने कई सारे नेता, अभिनेता, खिलाड़ियों और देश के शहीदों के स्क्रैचिंग बनाई है. इनकी स्क्रैचिंग को देखने के बाद ऐसा लगता है मानो एक सादे पन्ने पर बने उन सितारों की तस्वीर बोल उठेगी.

कई सालों से बना रहे पेंटिंग

निशा और अमिताभ कई सालों से इस पेंटिंग को कर रहे हैं. किसान परिवार से होने के कारण इनकी माली स्थिति इतनी ठीक नहीं है. अमिताभ को मजबूरी में एक जनरल स्टोर पर काम करके अपने परिवार का पेट पालना होता है तो निशा अभी पढ़ाई कर रही हैं. इन किसान के बच्चों के पास हुनर तो है, लेकिन इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.

इनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए घिटोरनी गांव की एक एनजीओ ने इन बच्चों को मदद करने की कोशिश की है. एनजीओ द्वारा गांव के कुछ लोगों को इन बच्चों के हुनर के बारे में पता लगा. उसके बाद गांव के लोगों ने इन दोनों बच्चों को फूल की माला पहना कर इन्हें सम्मानित किया और इनके उज्जवल भविष्य के लिए लड्डू खिलाए और आर्थिक सहायता भी की.

गरीब किसान के बच्चे कर रहे नाम रोशन

किसान न सिर्फ जमीन से सोना उगाता है, बल्कि किसान के बच्चे भी अपने हुनर के बदौलत किसान के खानदान का नाम रोशन करते रहे हैं. दिल्ली के एक छोटे से गांव में रहने वाले इन हुनर बाज बच्चों के उज्जवल भविष्य की हम भी कामना करते हैं. ऐसे कलाकारों की मंजिल बहुत दूर तक होती है.हमें आशा है कि यह दोनों बच्चे ना सिर्फ अपने घिटोरनी गांव का बल्कि एक दिन अपने देश का भी नाम रोशन करेंगे.

गरीब किसान परिवार मे जन्मे इन दोनों कलाकारों के अंदर गजब का हुनर है. इन्होने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और अनगिनत बॉलीवुड और हॉलीवुड कलाकारों के भी स्केचिंग बनाई है. लेकिन अभी तक इनकी पहचान नहीं हो पाई है.

किसान परिवार से होने के कारण ये दोनों अपने कलाकारी के माध्यम से किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.

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