नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों को आगामी 22 जनवरी को फांसी होना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में अगर परिजन उनसे मिलना चाहे तो तिहाड़ प्रशासन 20 जनवरी तक उन्हें मुलाकात करने देगा. इसके बाद कोई भी बाहरी शख्स इन चारों दोषियों से मुलाकात नहीं कर पाएगा. तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि वह फांसी से 2 दिन पहले तक ही कैदी से मुलाकात करवाते हैं.
जानकारी के अनुसार निर्भया कांड के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें फांसी की सजा हो चुकी है और उनके डेथ वारंट भी जारी किए जा चुके हैं. 22 जनवरी की सुबह 7:00 बजे उन्हें तिहाड़ जेल संख्या तीन में बनी फांसी की कोठरी में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. जेल सूत्रों का कहना है अगर वह चाहे तो इससे पहले अपने परिजन से मिल सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें 20 जनवरी से पहले ही मुलाकात करनी होगी. 20 जनवरी के बाद वह परिवार के किसी सदस्यों को भी इनसे नहीं मिलने देंगे.
परिवार से मिलकर लग सकता है सदमा
जेल सूत्रों का कहना है कि फांसी से कुछ समय पहले परिवार के सदस्यों से मिलकर कई बार कैदी को सदमा लगने की आशंका रहती है. ऐसे में यह पूरी प्रक्रिया बाधित हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन फांसी से 2 दिन पहले ही परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति देता है. इस मुलाकात की समय अवधि भी सीमित होती है. जेल सूत्रों का कहना है कि अभी तक इन चारों दोषियों के परिजनों ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा है. अगर वह 20 जनवरी से पहले का समय मांगते हैं तो उन्हें मिलने दिया जाएगा.
जेल ने अभी तय नहीं की है तारीख
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता एडिशनल आईजी राजकुमार का कहना है कि अभी जेल प्रशासन द्वारा इनसे मुलाकात की अंतिम तारीख तय नहीं की गई है. लेकिन 48 से 72 घंटे पहले फांसी देने वाले शख्स से मुलाकात बंद कर दी जाती है.