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नेपाल के रास्ते भारत में जाली नोटों की खेप भेज रहा पाकिस्तान, तस्कर अरेस्ट - ईटीवी भारत

स्पेशल सेल की टीम ने जाली नोट छापने वाले तस्कर को गिरफ्तार किया है. नेपाल का एक गैंग पाकिस्तान में छपे जाली नोट भारत में खपा रहा है.

स्पेशल सेल ने जाली नोट छापने वाले तस्कर को किया गिरफ्तार, etv bharat
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Published : Aug 26, 2019, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: दो हजार रुपयों के जाली नोट पाकिस्तान में छापकर उन्हें नेपाल के रास्ते भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए भेजा जा रहा है. यह खुलासा स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए नेपाली तस्कर आलम अंसारी ने किया है.

भारत में जाली नोटों की खेप भेज रहा पाकिस्तान
स्पेशल सेल ने तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से 5.5 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि बरामद किए गए नोट पाकिस्तान में छपे हैं. यह गैंग दिल्ली-एनसीआर के अलावा बिहार में जाली नोटों को सप्लाई कर रहा था.

पाकिस्तान में छप रहे थे जाली नोट
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि जाली नोट के तस्करों को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि नेपाल का एक गैंग पाकिस्तान में छपे जाली नोट भारत में खपा रहा है.

इस जानकारी पर एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने इस गैंग पर काम शुरु किया. लगभग चार महीने तक इस गैंग पर स्पेशल सेल ने काम किया.

इसके बाद उन्हें सूचना मिली कि इस गैंग की एक अहम कड़ी अंसार आलम जाली नोटों की खेप लेकर नेहरू प्लेस इलाके में आएगा. सूचना मिलते ही स्पेशल सेल ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से दो हजार रुपये के 275 जाली नोट बरामद हुए. इसे लेकर स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया.

पांच सालों से कर रहा जाली नोटों का धंधा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बीते पांच सालों से जाली नोटों का धंधा कर रहा है. अब तक वह अकेले बीते एक साल में एक करोड़ से ज्यादा के जाली नोट भारतीय बाजार में उतार चुका है.

नेपाल के रहने वाले अब्दुल रहमान, सज्जाद और शेर मोहम्मद से उसे जाली नोट मिलते हैं. वह बिहार के रक्सौल बॉर्डर के पास रहने वाले अपने गुर्गों से जाली नोटों की यह खेप भारत के विभिन्न हिस्सों में भिजवाता था.

उसने यह भी बताया कि यह जाली नोट पाकिस्तान में छापने के बाद नेपाल भेजे जाते हैं और फिर वहां से इन्हें भारत भेजा जाता है.

नोटबंदी के समय बंद हो गया था काम
आरोपी ने पुलिस को बताया कि साल 2016 में जब भारत में नोटबंदी हुई तो कुछ समय के लिए उनका काम बंद हो गया था. लगभग दो साल तक इसका असर उनके धंधे पर रहा लेकिन बीते एक साल से उन्होंने पूरी तेजी से भारत में जाली नोट का धंधा शुरु कर रखा था.

काफी समय तक पश्चिम बंगाल के मालदा से यह खेप भेजी जाती थी लेकिन सुरक्षा एजेंसियां वहां काफी सक्रिय हो गई हैं. इस वजह से अब नेपाल के रास्ते ज्यादा जाली नोट भेजे जा रहे हैं.


असली से बेहद मेल खाते हैं जाली नोट
पुलिस के अनुसार बरामद किए गए जाली नोट असली से बहुत ज्यादा मेल खाते हैं. असली नोट में मौजूद कई खूबियां भी इन जाली नोटों में आ चुकी है.
इसकी वजह से असली और नकली नोट में फर्क करना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल है. पुलिस अब भारत और बाहर बैठे हुए इस गैंग के सदस्यों की पहचान करने का प्रयास कर रही है.


दर्जी से बना तस्कर
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह नौकरी की तलाश में नेपाल से दिल्ली आया था. यहां सात साल तक उसने गांधी नगर में दर्जी का काम किया.

इसके बाद वह नेपाल लौट गया, वहां उसकी मुलाकात माजिद से हुई जिसने उसे जाली नोटों की तस्करी में लगा दिया. उसने नेपाल से लेकर बिहार तक में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था.

नई दिल्ली: दो हजार रुपयों के जाली नोट पाकिस्तान में छापकर उन्हें नेपाल के रास्ते भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए भेजा जा रहा है. यह खुलासा स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए नेपाली तस्कर आलम अंसारी ने किया है.

भारत में जाली नोटों की खेप भेज रहा पाकिस्तान
स्पेशल सेल ने तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से 5.5 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि बरामद किए गए नोट पाकिस्तान में छपे हैं. यह गैंग दिल्ली-एनसीआर के अलावा बिहार में जाली नोटों को सप्लाई कर रहा था.

पाकिस्तान में छप रहे थे जाली नोट
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि जाली नोट के तस्करों को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि नेपाल का एक गैंग पाकिस्तान में छपे जाली नोट भारत में खपा रहा है.

इस जानकारी पर एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने इस गैंग पर काम शुरु किया. लगभग चार महीने तक इस गैंग पर स्पेशल सेल ने काम किया.

इसके बाद उन्हें सूचना मिली कि इस गैंग की एक अहम कड़ी अंसार आलम जाली नोटों की खेप लेकर नेहरू प्लेस इलाके में आएगा. सूचना मिलते ही स्पेशल सेल ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से दो हजार रुपये के 275 जाली नोट बरामद हुए. इसे लेकर स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया.

पांच सालों से कर रहा जाली नोटों का धंधा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बीते पांच सालों से जाली नोटों का धंधा कर रहा है. अब तक वह अकेले बीते एक साल में एक करोड़ से ज्यादा के जाली नोट भारतीय बाजार में उतार चुका है.

नेपाल के रहने वाले अब्दुल रहमान, सज्जाद और शेर मोहम्मद से उसे जाली नोट मिलते हैं. वह बिहार के रक्सौल बॉर्डर के पास रहने वाले अपने गुर्गों से जाली नोटों की यह खेप भारत के विभिन्न हिस्सों में भिजवाता था.

उसने यह भी बताया कि यह जाली नोट पाकिस्तान में छापने के बाद नेपाल भेजे जाते हैं और फिर वहां से इन्हें भारत भेजा जाता है.

नोटबंदी के समय बंद हो गया था काम
आरोपी ने पुलिस को बताया कि साल 2016 में जब भारत में नोटबंदी हुई तो कुछ समय के लिए उनका काम बंद हो गया था. लगभग दो साल तक इसका असर उनके धंधे पर रहा लेकिन बीते एक साल से उन्होंने पूरी तेजी से भारत में जाली नोट का धंधा शुरु कर रखा था.

काफी समय तक पश्चिम बंगाल के मालदा से यह खेप भेजी जाती थी लेकिन सुरक्षा एजेंसियां वहां काफी सक्रिय हो गई हैं. इस वजह से अब नेपाल के रास्ते ज्यादा जाली नोट भेजे जा रहे हैं.


असली से बेहद मेल खाते हैं जाली नोट
पुलिस के अनुसार बरामद किए गए जाली नोट असली से बहुत ज्यादा मेल खाते हैं. असली नोट में मौजूद कई खूबियां भी इन जाली नोटों में आ चुकी है.
इसकी वजह से असली और नकली नोट में फर्क करना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल है. पुलिस अब भारत और बाहर बैठे हुए इस गैंग के सदस्यों की पहचान करने का प्रयास कर रही है.


दर्जी से बना तस्कर
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह नौकरी की तलाश में नेपाल से दिल्ली आया था. यहां सात साल तक उसने गांधी नगर में दर्जी का काम किया.

इसके बाद वह नेपाल लौट गया, वहां उसकी मुलाकात माजिद से हुई जिसने उसे जाली नोटों की तस्करी में लगा दिया. उसने नेपाल से लेकर बिहार तक में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था.

Intro:नई दिल्ली
दो हजार रुपयों के जाली नोट पाकिस्तान में छापकर उन्हें नेपाल के रास्ते भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए भेजा जा रहा है. यह खुलासा स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए नेपाली तस्कर आलम अंसारी ने किया है. स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर उसके पास से 5.5 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि बरामद किए गए नोट पाकिस्तान में छपे हैं. यह गैंग दिल्ली-एनसीआर के अलावा बिहार में जाली नोटों को सप्लाई कर रहा था. Body:

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि जाली नोट के तस्करों को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि नेपाल का एक गैंग पाकिस्तान में छपे जाली नोट भारत में खपा रहा है. इस जानकारी पर एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने इस गैंग पर काम शुरु किया. लगभग चार महीने तक इस गैंग पर स्पेशल सेल ने काम किया. इसके बाद उन्हें सूचना मिली कि इस गैंग की एक अहम कड़ी अंसार आलम जाली नोटों की खेप लेकर नेहरू प्लेस इलाके में आएगा. सूचना मिलते ही स्पेशल सेल ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से दो हजार रुपये के 275 जाली नोट बरामद हुए. इसे लेकर स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया.





पांच सालों से कर रहा जाली नोटों का धंधा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बीते पांच वर्षों से जाली नोटों का धंधा कर रहा है. अब तक वह अकेले बीते एक वर्ष में एक करोड़ से ज्यादा के जाली नोट भारतीय बाजार में उतार चुका है. नेपाल के रहने वाले अब्दुल रहमान, सज्जाद और शेर मोहम्मद से उसे जाली नोट मिलते हैं. वह बिहारनके रक्सौल बॉर्डर के पास रहने वाले अपने गुर्गों से जाली नोटों की यह खेप भारत के विभिन्न हिस्सों में भिजवाता था. उसने यह भी बताया कि यह जाली नोट पाकिस्तान में छापने के बाद नेपाल भेजे जाते हैं और फिर वहां से इन्हें भारत भेजा जाता है.




नोटबन्दी के समय काम हो गया था बंद
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2016 में जब भारत में नोटबन्दी हुई तो कुछ समय के लिए उनका काम बंद हो गया था. लगभग दो साल तक इसका असर उनके धंधे पर रहा, लेकिन बीते एक साल से उन्होंने पूरी तेजी से भारत में जाली नोट का धंधा शुरु कर रखा था. काफी समय तक पश्चिम बंगाल के मालदा से यह खेप भेजी जाती थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां वहां काफी सक्रिय हो गई हैं. इस वजह से अब नेपाल के रास्ते ज्यादा जाली नोट भेजे जा रहे हैं..


असली से बेहद मेल खाते हैं जाली नोट
पुलिस के अनुसार बरामद किए गए जाली नोट असली से बहुत ज्यादा मेल खाते हैं. असली नोट में मौजूद कई खूबियां भी इन जाली नोटों में आ चुकी है. इसकी वजह से असली और नकली नोट में फर्क करना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल है. पुलिस अब भारत एवं बाहर बैठे हुए इस गैंग के सदस्यों की पहचान करने का प्रयास कर रही है.


Conclusion:दर्जी से बना तस्कर
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह नौकरी की तलाश में नेपाल से दिल्ली आया था. यहां सात साल तक उसने गांधी नगर में दर्जी का काम किया. इसके।बाद वह नेपाल लौट गया. वहां उसकी मुलाकात माजिद से हुई जिसने उसे जाली नोटों की तस्करी में लगा दिया. उसने नेपाल से लेकर बिहार तक में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था.


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