नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लगातार सुझाव दिया जा रहा है कि वैक्सीनेशन को बढ़ाया जाना चाहिए. पहले 60 साल से अधिक और फिर 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. जिसे बढ़ाकर अब 18 साल किया जाना चाहिए, लेकिन इस पर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है कि इसको लेकर ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल ज्वाइंट सेक्रेट्री और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट वरिष्ठ डॉ. नरेश चावला से बात की.
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18 से 45 साल के लोगों की संख्या करीब एक करोड़
बता दें कि राजधानी दिल्ली में 18 से 45 साल तक के उम्र की जनसंख्या कुल जनसंख्या का करीब 45 से 50 फीसदी तक है. ऐसे में इनका आंकड़ा करीब 1 करोड़ है और इस उम्र की आबादी को वैक्सीन लगाना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. जिसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना होगा. सरकार को चाहिए कि वह युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू करे.
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वैक्सीनेशन सेंटर की बढ़ाई जाए संख्या
डॉ. चावला ने बताया कि रोजाना 30 से 35 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. इसे बढ़ाकर 50 से 60 लाख किए जाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए हर एक व्यक्ति के नजदीकी सेंटर पर वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए. जिससे कि लोग आसानी से वैक्सीन लगवाने जा सकें. वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन के लिए हेल्थ केयर वर्कर की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए. इसके साथ ही जो प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक हैं, जहां अभी भी वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है. उन्हें भी सरकार की ओर से अनुमति दी जानी चाहिए और वैक्सीनेशन शुरू करवाया जाना चाहिए.