नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में एक बार फिर एडहॉक शिक्षकों के समायोजन का मुद्दा उठाया गया. साथ ही इस बैठक में पीएचडी टाइमबॉन्ड रिकवरी को हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
किसी शिक्षक पर नहीं होगी कोई कार्रवाई
वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. वीएस नेगी ने बताया कि निलंबित सेवानिवृत्त कुलपति प्रो. योगेश त्यागी के कार्यकाल के दौरान उठे प्रशासनिक विवाद में जिन शिक्षकों पर कार्यवाई करने की बात कही गयी थी. वहीं अब यह सुनिश्चित किया गया है कि उनपर कोई कार्यवाई नहीं की जाएगी.
रेसोल्यूशन वापस लेने की उठी मांग
वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. सीमा दास ने बताया कि एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 12 कॉलेजों में एओ की नियुक्ति के खिलाफ आवाज उठाई गई. उन्होंने कहा कि इस बैठक में एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य ने सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित इन 12 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी द्वारा पारित की गई रेजोल्यूशन को वापस लेने की मांग की है.
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एडहॉक शिक्षकों को भी मिल सकेगा मातृत्व अवकाश
वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल की सदस्य डॉ. सीमा दास ने कहा कि इस बैठक में एडहॉक शिक्षक और कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश दिलाने को लेकर किए जा रहे प्रयास पर चर्चा हुई. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस संबंध में अच्छी खबर सुनने को मिलेगी.
टाइम बाउंड क्रिटेरिया हटाया गया
वहीं इस बैठक में पीएचडी टाइम बाउंड रिकवरी क्राइटेरिया को हटाने की भी मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत अब शोधकर्ता छात्रों पर निर्धारित सीमित समय के अंदर अपना शोध जमा कराने का मानसिक दबाव नहीं होगा.