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बदलते मौसम के साथ डेंगू-मलेरिया से भी रहें सावधान, मौसमी बीमारियों से बच्चों का रखें खास ध्यान - फेमा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन

बदलते मौसम के साथ बीमारियों के खतरे को लेकर डॉक्टर आगाह कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाव बेहद आवश्यक है.

मौसमी बीमारियां
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Published : Sep 20, 2021, 10:25 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी में बदलते मौसम के साथ बीमारियों के खतरे को लेकर डॉक्टर आगाह कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाव बेहद आवश्यक है. इसके साथ ही समय रहते सभी सावधानियां बरतना भी जरूरी है. मौसमी बीमारियों को लेकर ईटीवी भारत ने फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन से बातचीत की.

डॉक्टर रोहन कृष्णन ने बताया कि कोरोना वायरस की बीमारियों के लक्षण कैसे अलग होते हैं. इसकी पहचान करने के लिए यह जानना जरूरी है कि जब आपको बुखार आ रहा है, तो कितना बुखार है. ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है. पैरासिटामोल खाने के बाद भी बुखार कम नहीं हो रहा, तो यह कोरोना की ओर संकेत करता है. इसके साथ ही कोरोना का वायरस फेफड़ों को जल्द इफेक्ट करता है.

मौसमी बीमारियां

डॉक्टर रोहन ने बताया कि मौजूदा समय में डेंगू , स्वाइन फ्लू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर लोगों को बेहद परेशान कर रहा है. हर घर में से किसी ना किसी को वायरल फीवर चपेट में ले रहा है. यह बीमारियां मच्छर जनित हैं. इसके लिए जरूरी है कि आसपास गंदा या साफ पानी इकट्ठा ना होने दें. पानी को बदलते रहे.

ये भी पढ़ें-कोरोना की तीसरी लहर और मौसमी बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान

डॉ. रोहन कृष्णन जो कि एक पीडियाट्रिशियन भी हैं, उन्होंने बताया कि बच्चों को खासतौर पर मच्छरों के काटने से बचाना है. कई बार दिन में भी मच्छर काटते हैं. डेंगू का मच्छर जो कि साफ पानी में पनपता है और दिन में भी काटता है, इसीलिए बच्चों का खास ध्यान रखें. इसके अलावा किसी भी तरीके की परेशानी बच्चों में देखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

नई दिल्लीः राजधानी में बदलते मौसम के साथ बीमारियों के खतरे को लेकर डॉक्टर आगाह कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाव बेहद आवश्यक है. इसके साथ ही समय रहते सभी सावधानियां बरतना भी जरूरी है. मौसमी बीमारियों को लेकर ईटीवी भारत ने फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन से बातचीत की.

डॉक्टर रोहन कृष्णन ने बताया कि कोरोना वायरस की बीमारियों के लक्षण कैसे अलग होते हैं. इसकी पहचान करने के लिए यह जानना जरूरी है कि जब आपको बुखार आ रहा है, तो कितना बुखार है. ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है. पैरासिटामोल खाने के बाद भी बुखार कम नहीं हो रहा, तो यह कोरोना की ओर संकेत करता है. इसके साथ ही कोरोना का वायरस फेफड़ों को जल्द इफेक्ट करता है.

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डॉक्टर रोहन ने बताया कि मौजूदा समय में डेंगू , स्वाइन फ्लू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर लोगों को बेहद परेशान कर रहा है. हर घर में से किसी ना किसी को वायरल फीवर चपेट में ले रहा है. यह बीमारियां मच्छर जनित हैं. इसके लिए जरूरी है कि आसपास गंदा या साफ पानी इकट्ठा ना होने दें. पानी को बदलते रहे.

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डॉ. रोहन कृष्णन जो कि एक पीडियाट्रिशियन भी हैं, उन्होंने बताया कि बच्चों को खासतौर पर मच्छरों के काटने से बचाना है. कई बार दिन में भी मच्छर काटते हैं. डेंगू का मच्छर जो कि साफ पानी में पनपता है और दिन में भी काटता है, इसीलिए बच्चों का खास ध्यान रखें. इसके अलावा किसी भी तरीके की परेशानी बच्चों में देखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

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