नई दिल्ली: राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार है. दिल्ली सरकार सप्लाई की स्थिति सामान्य करने के लिए लगातार केंद्र सरकार से अपील कर रही है. वहीं अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिशें की जा रहीं हैं. इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को जूम के जरिए बैठक की. दिल्ली सरकार ने पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति और बेहतर वितरण सुनिश्चित करने के लिए तीन आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में एक आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू किया है, जिसमें 20 से अधिक कॉल सेंटर कर्मचारी हैं.
ट्रेनों के जरिए भी आ रही ऑक्सीजन
मंगलवार को हुई बैठक में कहा गया कि केंद्र द्वारा दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों के जिलों रुड़की, पानीपत, गाजियाबाद आदि से की जानी चाहिए, ताकि कम समय में अधिक आपूर्ति हो सके. वर्तमान में ऑक्सीजन की आपूर्ति देश के पूर्वी हिस्सों से हो रही है, जिसके कारण दिल्ली तक ऑक्सीजन पहुंचने में काफी समय लग रहा है. दो दिन पहले ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन की आवाजाही शुरू हुई है और 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर आ चुकी है.
केंद्र से मिले अतिरिक्त 7 ISO कंटेनर
आपको बता दें कि रेल मंत्रालय, आईओसीएल और कॉनकॉर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है. भारत सरकार ने दिल्ली को अतिरिक्त सात आईएसओ कंटेनर दिए हैं. दिल्ली सरकार ने प्रत्येक ऑक्सीजन प्लांट के स्थानों पर अधिकारियों की एक टीम को भी तैनात किया है. यह टीम यह सुनिश्चित करती है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी और प्रशासनिक बाधा न आए.
एक चौथाई जरूरत की आपूर्ति सिलेंडर से
इसके अलावा, SOS अलर्ट के जरिए ऑक्सीजन से जुड़ी स्थिति की गंभीरता का पता लगाने के लिए दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है. गौरतलब है कि दिल्ली के बड़े अस्पताल लिक्विड ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जबकि छोटे अस्पताल मिश्रित तरल ऑक्सीजन और गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं. दिल्ली के भीतर 14 रिफिलर हैं. इन रिफिलरों को विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से लिक्विड ऑक्सीजन मिलती है, जिसे वे गैस सिलेंडर में भरकर जरूरत वाली जगहों पर पहुंचाते हैं. दिल्ली की एक-चौथाई ऑक्सीजन आपूर्ति सिलेंडर पर निर्भर है.
धार्मिक संगठन भी कर रहे मदद
अस्पतालों व लोगों के लिए ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने इससे जुड़ी वितरण प्रणाली को विकेंद्रीकृत किया है. हर जिले के डीएम को कामकाज सुनिश्चित करने के लिए शक्तियां दी गईं हैं. टैंकरों की गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी के लिए टीम का गठन किया गया है. कई गैर-सरकारी संगठन और धार्मिक संगठन भी ऑक्सीजन आपूर्ति के मामलर में आम लोगों की मदद कर रहे हैं. ऑक्सीजन संकट से निबटने के लिए दिल्ली लिए जो आपातकालीन हेल्पलाइन बनाई है, वो 24 घंटे संचालित रहेगी.